एमडीडीए का शमन कैंप लोगों को बड़ी राहत दे रहा है। लंबे समय से नक्शा स्वीकृत कराने को लेकर परेशानहाल दूनाइट्स की समस्या कैंप में चुटकियों में हल हो रही है। दूनाइट्स शमन कैंप को किसी वरदान से कम नहीं मान रहे हैं।

- घर का नक्शा स्वीकृत को लंबे समय से चक्कर लगा रहे लोगों को शमन कैंप दे रहे राहत
- 3 माह में 1000 से ज्यादा नक्शे स्वीकृत, एमडीडीए ने जुटाया 46 करोड़ का रेवेन्यू

देहरादून (ब्यूरो): नक्शे का जो काम कई महीनों तक चक्कर लगाने के बाद भी नहीं हो रहा था वह शमन कैंप के जरिए 5-10 मिनट में हो रहा है। अभी तक पिछले 3 माह में आयोजित 13 शमन कैंप में 929 आवासीय नक्शे और 121 व्यवसायिक नक्शे स्वीकृत किए गए हैं। खास बात यह है कि एक ओर शमन कैंप जहां लोगों को अधिकारी-कर्मचारियों के चक्कर नहीं खाने पड़े रहे हैं वहीं दूसरी ओर कैंप भी राजस्व का बड़ा जरिया बन रहा है। अभी तक कैंप में 1050 आवासीय और व्यवसायिक नक्शे स्वीकृत करने इसके एवज में 46 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जुटाया है।

घर बैठे आवेदन की भी सुविधा
शमन कैंप में आप यदि एमडीडीए दफ्तर नहीं पहुंच सकते हैं तो आप आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद भूमि के लैंडयूज आदि की जांच करके आपको फोन और ई-मेल के जरिए पैसा जमा करने के लिए इन्फॉरमेशन भेजेगा। जिसे ऑन लाइन ट्रांजेक्टशन के साथ ही आरटीजीएस या डीडी के माध्मय से एमडीडीए के खाते में जमा करा सकते हैं। इसके बाद तत्काल नक्शा पास हो जाएगा। खास बात यह कै कि कोई रियायत तो दूर नक्शे नक्शे नए सर्किल रेट पर स्वीकृत किए जा रहे हैं। फिर भी लोग खुशी-खुशी नक्शे पास करा रहे हैं। जबकि ओटीएस स्कीम में पुराने सर्किल रेट पर नक्शे पास किए जाते थे।

फैक्ट फाइल
12 कैंप अब तक लगाए गए
929 आवासीय नक्शे हुए पास
121 कॉमर्शियल नक्शे हुए पास
1050 नक्शों को अब तक स्वीकृति
46 करोड़ एमडीडीए ने जुटाया रेवेन्यू

ओटीएस बंद तो कैंप शुरू
एमडीडीए पूर्व में वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम चलाता था। इसमें नियम शिथिलीकरण कर नक्शे पास किए जाते थे, इसमें अपनाई जाने वाली प्रक्रिया से भी काफी लंबा वक्त लग जाता था और नक्शा पास होने की गारंटी भी नहीं थी। पिछले साल 2022 में ओटीएस स्कीम पूरी तरह बंद कर दी गई। जिसके बाद एडीडीए के पास कोई योजना नहीं थी। फरवरी वीसी बंशीधर तिवारी ने ज्वाइन करने के बाद शमन कैंप लगाने का निर्णय लिया। 4 मार्च 2023 को पहला शमन कैंप लगाया गया। उनका यह निर्णय जहां पब्लिक को बड़ी राहत पहुंचा रहा है, वहीं एमडीडीए के लिए राजस्व के लिहाज से कैंप काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है।

12 कैंप लगाकर कमाए 46 करोड़
पिछले तीन माह में एमडीडीए ने 12 कैंप लगाए हैं, जिसमें 929 आवासीय और 121 व्यवसायिक नक्शों को स्वीकृति दी गई। इन 1050 नक्शों की स्वीकृति पर एमडीडीए को करीब 46 करोड़ रुपये बतौर शुल्क के रूप में राजस्व प्राप्त हुआ है। एमडीडीए को इससे पहले कभी इतना बड़ा राजस्व किसी भी स्कीम में नहीं मिला है। कैंप की खासियत यह है कि इसमें सुपरवाइजर, जेई, एई, एक्सईएन और एसई तक और सचिव से लेकर वीसी सब मौजूद रहते हैं, जिससे कैंप में हाथों-हाथ नक्शा पास करने की सुविधा मिल रही है। कैंप हर सप्ताह शनिवार को आयोजित किया जाता है।

मैं अपने घर कानक्शा स्वीकृत कराने के लिए लंबे समय से परेशान था। कभी किसी के चक्कर तो कभी किसी के चक्कर। मैने एमडीडीए जाना ही छोड़ दिया था, लेकिन शमन कैंप में मेरा नक्शा 12 मिनट मेंस्वीकृत हो गया। मेरे लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है।
विकास भट्ट

एमडीडीए में नक्शा स्वीकृत कराना महाभारत है। मकान बनाने से बड़ा काम नक्शा स्वीकृत करना होता है, लेकिन अब हाथों-हाथ शमन कैंप के माध्यम से लंबित नक्शे पास हो रहे हैं, जो अच्छा कदम है।
प्रदीप कुमार गोयल

पूर्व में ओटीएस स्कीम के जरिए नक्शे पास किए जाते थे, लेकिन उसमें नक्शे पास होने की गारंटी नहीं थी। शमन कैंप में सभी अफसरों के एक साथ मौजूद रहने से नक्शे चंद मिनट में पास हो रहे हैं। इससे लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।
अनुराग उनियाल

एमडीडीए में नक्शा पास कराना बड़ा काम है। नक्शे पास कराने को जटिल प्रक्रियाएं थी, जिससे आम आदमी एमडीडीए में घुसने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाता है, लेकिन अब एक हाथ से कागज और दूसरे हाथ पर नक्शा स्वीकृत होकर आ रहा है।
अर्जुन सिंह रावत

लोग नक्शे पास कराने को लंबे समय से दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे थे। तब हमने शमन कैंप लगाने का निर्णय लिया। इससे जहां लोगों को तत्काल नक्शे पास कराने की सुविधा दी जा रही है वहीं एमडीडीए को भी शुल्क के रूप में बड़ा राजस्व भी प्राप्त हो रहा है।
बंशीधर तिवारी, वाइस चेयरमैन, एमडीडीए
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive