इसको ई-रिक्शा संचालकों की मनमानी कहेंगे या फिर आरटीओ टीम की शहर के 7 प्रमुख रूटों पर संचालन न किए जाने को लेकर प्रतिबंध लगाने की औपचारिकताएं. बहरहाल ये सच है कि बीते 19 अक्टूबर को आरटीओ प्रवर्तन की ओर से शहर के कुछ मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन न किए जाने को लेकर फरमान जारी किया गया था ताबड़तोड़ चालान किए गए थे.

देहरादून,(ब्यूरो): इसको ई-रिक्शा संचालकों की मनमानी कहेंगे या फिर आरटीओ टीम की शहर के 7 प्रमुख रूटों पर संचालन न किए जाने को लेकर प्रतिबंध लगाने की औपचारिकताएं। बहरहाल, ये सच है कि बीते 19 अक्टूबर को आरटीओ प्रवर्तन की ओर से शहर के कुछ मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन न किए जाने को लेकर फरमान जारी किया गया था, ताबड़तोड़ चालान किए गए थे। आरटीओ ने उम्मीद जताई कि अब इन मार्गों पर ई-रिक्शा संचालित नहीं होंगे। लेकिन, ठीक पांच दिन पर जब हमारी टीम ने इन प्रतिबंधित मार्गों का मुआयना किया। स्थिति में कोई परिवर्तन नजर नहीं आया।

19 अक्टूबर को की थी बड़े पैमाने पर कार्रवाई
ये कोई नई बात नहीं है कि शहर के बीचोंबीच स्थित मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन न किए जाने पर निर्णय न लिए गए होंगे। इसका मकसद भी साफ है। आरटीओ या फिर पुलिस का कहना है कि मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन होने से न केवल ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न होती है। बल्कि, इनके अनियमित संचालन, ओवर लोड से खतरा भी बना रहता है। बीते 19 अक्टूबर को इसी क्रम में आरटीओ प्रवर्तन ने घंटाघर समेत आसपास के तमाम इलाकों में कई टीमें दौड़ाई। अकेले उस दिन 120 वाहनों चालान किए और 40 वाहन सीज किए। ई-रिक्शा संचालकों को निर्देश भी दिए कि भविष्य में दून के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का कदापि संचालन नहीं होगा। लेकिन, इसके बावजूद ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है। खास बात ये है कि ई-रिक्शा संचालित करने वाले तमाम चालानी कार्रवाई व जुर्माना के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक रोक
घंटाघर-चकराता रोड- प्रेमनगर
घंटाघर - आईएसबीटी
घंटाघर - जोगीवाला
घंटाघर -जाखन
घंटाघर -लाडपुर
रिस्पना - आईएसबीटी
शिमला बाईपास- बड़ोवाला
अब तक हो चुका चालान
आरटीओ के अनुसार अब तक सिटी में 400 से ज्यादा ई रिक्शा की चैकिंग की गई। जिनमें 206 वाहनों के चालान किए गए। जबकि, 33 वाहनों को अब तक इन 3 दिनों में सीज किया जा चुका है। इसके साथ ही अन्य चालान की कार्रवाई भी जारी रहेगी। इसमें राजपुर रोड और प्रेमनगर में सबसे ज्यादा ई रिक्शा की शिकायत मिल रही।
प्रतिबंधित ही नहीं नियमों को भी ताक पर रख रहे
आरटीओ के अनुसार ई रिक्शा चालक प्रतिबंधित एरिया में तो संचालन कर रहे हंै। साथ ही वे नियमों को ताक पर रखते हुए ओवरलोड, बिना डीएल के संचालन करते हुए पाए जा रहे हैं। जबकि, कई ई रिक्शा चालक तो बिना दस्तावेजों के भी संचालन कर रहे हैं।
-दून में ई-रिक्शा की संख्या 4526
-2016 में ई रिक्शा के हुए थे रजिस्ट्रेशन शुरू
-बिना दस्तावेजों के दौड़ रहे वाहन
-वाहन सवारी के लिए पास, बने हैं लोडर।
प्लान बना कर नहीं चल पाते अभियान
आरटीओ की ओर से ई रिक्शा के संचालन को सुचारु करने के लिए प्लान बनाया जाता है। लेकिन, कुछ दिन अभियान चलाने के बाद आरटीओ की ओर से अनदेखी की जाती है। जिससे स्थिति पूर्व की भांति ही हो जाती हैं। जिसके कारण मनमानी करने वाले ई रिक्शा चालक यहां मनमाने तरीके से संचालन किया जा रहा हैं। यहीं कारण है कि यहां परिवहन विभाग की ओर से चलाए जाने वाले अभियान के बाद भी इन्हीं रूट्स पर ई रिक्शा का संचालन जारी हैं।
एसटीए व आरटीए बैठक में उठ चुका मुद्दा
ई-रिक्शा का मुद्दा नया नहीं है। इससे पहले एसटीए व आरटीए की बैठक में भी उठ चुका है। कई बार पुलिस ने भी प्रतिबंधित मार्गों पर इन पर रोक लगाने की सोची। लेकिन, फिर भी इनका संचालन रुक नहीं पा रहा है।
सभी प्रतिबंधित एरियाज में लगातार टीमें जांच कर रही हैं। इसके लिए टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये टीमें मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रही हंै। इसके लिए ई रिक्शा चालकों को भी अवेयर किया जा रहा है। बावजूद इसके ई-रिक्शा संचालक प्रतिबंधित इलाकों में संचालन कर रहे हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
-शैलेश तिवारी, आरटीओ प्रवर्तन.

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Posted By: Inextlive