भले ही दून शहर लगातार कंक्रीट में तब्दील हो रहा है। लेकिन उद्यान विभाग के दावे अलग हैं। विभाग के मुताबिक सिटी में लगातार लीची का प्रोडक्शन बढ़ रहा है। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2022-23 में जहां दून में 602.74 हेक्टेअर एरिया में 20240.53 मीट्रिक टन लीची का उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है। वहीं अगले वर्ष 2023-24 में ये उत्पादन बढ़कर 621.74 हेक्टेअर में 20370.53 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। यानि एक वर्ष में करीब 130 मीट्रिक टन का उत्पादन होना बताया गया है।

देहरादून (ब्यूरो) कभी दून की लीची अपनी पहचान के लिए खास हुआ करती थी। लीची की मिठास, रंग और हरे-भरे पेड़, सबको बरबस अपनी ओर आकर्षित करते थे। लेकिन, वक्त के साथ अब दून में लीची भी सिमट कर रह गई। वहीं, पैदावार न केवल कम हो गई है। बल्कि, क्षेत्रफल भी सिमट गया है। हालांकि, उद्यान विभाग के आंकड़े कुछ और कहते हैं। विभागीय आंकड़े पिछले दो सालों में लीची के उत्पादन में बढ़ोत्तरी बता रहे हैं।

2022-23 में उत्पादन
- 602.74 हेक्टेअर एरिया में उत्पादन।
-20240.53 मीट्रिक टन उत्पादान।

2023-24 में उत्पादन
-621.74 हेक्टेअर में उत्पादन
-20370.53 मीट्रिक टन उत्पादन।

पहले सिटी में ही दिखती थी लीची
करीब एक दशक पहले तक दून में लीची शहर के लीची के बागानों में ही नजर आती थी। लेकिन, अब लगातार बन रहे मकान व मल्टीस्टोरी बिल्डिगों के कारण लीची नाम मात्र की भी नहीं रही। ऊपर से चोरी-छिपे लीची के पेड़ों का लगातार पातन किया जा रहा है। जानकार बताते हैं कि बाकी जो भी उत्पादन उद्यान विभाग अपने आंकड़ों में दर्शा रहा है, वह सिटी के आउटर इलाकों में है।

लीची के उत्पादन की दावे
उद्यान विभाग का इस वर्ष लीची के उत्पादन को लेकर किए जा रहे दावों के पीछे नई प्रजाति के लीची बड़ा कारण बताया जा रहा है। इसके अलावा विभाग का ये भी कहना है कि जिस वर्ष जितनी ज्यादा गर्मी होती है, लीची की उतनी अच्छी पैदावार होती है। ऐसे ही सेब के उत्पादन का भी है। जितनी ज्यादा ठंड होगी, उतना बेहर सेब का उत्पादन होगा।

दूसरे फ्रूटस में भी बढ़ोत्तरी दर्ज
उद्यान विभाग के मुताबिक लीची के साथ दून जिले में अन्य फलों के उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। मसलन, अखरोट, नाशपाती, आंवला, नींबू, कीवी और आडू फ्रूट्स शामिल हैं। इनके उत्पादन को लेकर किसान भी इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं।


अबकी बार लीची के उत्पादन पर मौसम का प्रभाव कम देखने को मिला है। आंधी-तूफान की कोई शिकायत नहीं आई। इस कारण लीची के उत्पादन में करीब डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी की उम्मीद जताई जा रहा है।
-एमपी शाही, डीएचओ, दून।

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Posted By: Inextlive