बाल आयोग की ओर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर अगले सप्ताह से अभियान चलाया जाएगा। इसकी पहली कड़ी में आरटीओ को पत्र भेजा जाएगा। इसके पश्चात सभी स्कूल प्रबंधक को इस विषय में पत्र भेजा जाएगा। ताकि वे वाहनों की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम कर सके।

- स्कूल वैन व बस के सेफ्टी फीचर्स की होगी पड़ताल
- किसी भी तरह की लापरवाही पर लिया जाएगा सख्त एक्शन

देहरादून, 10 अप्रैल (ब्यूरो):
बाल कल्याण संरक्षण आयोग की ओर से सिटी समेत अन्य इलाकों में स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे। आयोग सबसे पहले बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल वैन व अन्य वाहनों के सेफ्टी फीचर्स चेक करेंगे। अगले सप्ताह से इसके लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। जिससे समय पर व्यवस्था को सुधारा जा सके। इसके तहत स्कूल वैन व बस के सभी सेफ्टी फीचर्स को चेक कर कोई भी कमी मिलने पर एक्शन लिया जाएगा।

स्कूल वाहनों के सेफ्टी फीचर्स होंगे चेक
बाल आयोग की ओर से सबसे पहले स्कूल बस, स्कूल वैन समेत सभी वाहनों की चेकिंग की जाएगी। इसमें स्कूल वैन व बस में महिला कंडक्टर की उपस्थिति की जांच अनिवार्य होगी। इसके साथ ही बीते साल आयोग की ओर से परिवहन सुरक्षा को लेकर अपनाये जाने वाले नियमों जैसे, फस्र्ट एड बॉक्स, फायर सेफ्टी सिलिंडर, बस की विंडोज पर रॉड लगे होने के साथ बस, वैन या ऑटो में सुरक्षा के इंतजाम भी परखे जाएंगे।

आयोग कई बार दे चुका आदेश
बाल कल्याण संरक्षण आयोग की ओर से बीते साल शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग को पत्र भेज कर नाबालिग बच्चों के ड्राइव न करने व परिवहन विभाग को भी इस विषय में सख्ती के लिए निर्देशित किया गया, ताकि वे रूल्स फॉलो न करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर सके। लेकिन, हर बार आदेश देने के बाद भी पालन नहीं हो पा रहा रहा है। आरटीओ एनफोर्समेंट ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग के निर्देश व उसके अनुपालन कराये जाने को लेकर जब पत्र लिखा तो आरटीओ एक्शन में आया और विभाग ने सिटी के अलग-अलग एरिया में चेकिंग अभियान चलाकर पहले चेतावनी दी। उसके बाद कई वाहनों में कमी मिलने पर उनके चालान काटे गए और कई वाहन सीज भी किए गए।

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नया सेशन शुरू हो चुका है और स्कूल आने व जाने वाले बच्चे अक्सर टू व्हीलर का इस्तेमाल कर स्कूल पहुंचते हैं। इनमें अधिकतर वे बच्चे भी होते हैैं, जिनके ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होते और वे रैश ड्राइविंग करते हैं। यहीं नहीं वैन व स्कूल बस में आने-जाने वाले बच्चे सुरक्षित है या नहीं इसकी जांच भी जरूरी है।
डॉ गीता खन्ना, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग

Posted By: Inextlive