20 हजार में बेच दिया बचपन
देहरादून ब्यूरो। करीब डेढ़ वर्ष पहले 13 अक्टूबर 2020 को थाना विकासनगर में एक नाबालिग लडक़ी के गुम होने का मामला दर्ज किया जाता है। लडक़ी के पिता बेटी का अपहरण किये जाने की आशंका जताते हैं। पुलिस मुकदमा दर्ज करती है। संभवत: कुछ खोजबीन जैसी प्रक्रिया भी की गई होगी। लेकिन लडक़ी का पता नहीं चल पाया। पुलिस ने मान लिया कि लडक़ी को नहीं ढूंढा जा सकता और आखिरकार इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। जिस परिवार की बच्ची गुम हुई थी, वह मन मसोसकर रह गया। जब पुलिस ही नहीं तलाश पाई बेटी को तो वे क्या कर लेते। पुलिस ने भी मामले पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। लेकिन, परिवार वाले उम्मीद बांधे रहे कि एक दिन उनकी बेटी लौट आएगी।
लौट आई लडक़ी
पिछले दिनों लडक़ी वास्तव में लौट आई। लेकिन अपने साथ ढेर सारी आपबीती भी ले आई। लडक़ी ने बताया उसे भीमावाला विकासनगर के सुनील पुत्र मान सिंह, उसकी पत्नी लक्ष्मी, सुकरमपाल उर्फ लीलूु और उसकी पत्नी शशी बहला फुसलाकर और फिर जबरदस्ती उठाकर ले गये। वे लडक़ी को गांव कमेड़ा, थाना गंगोह, सहारनपुर यूपी ले गये और वहां सविता नाम के महिला के यहां छोड़ दिया।
एक साल तक रखा बंधक
सविता के घर में लडक़ी को करीब एक वर्ष तक बंधक बनाकर रखा गया। उसे किसी से कोई बात करने और घर से बाहर निकलने पर की मनाही थी। किसी से भी बात करने की स्थिति में उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी। करीब एक साल बाद सुनील, लक्ष्मी, शशी और लीलू, ने उसे हलालपुर थाना कोतवाली देहात, सहारनपुर यूपी निवासी संदीप पुत्र ईलम चन्द को 20 हजार रुपये में बेच दिया। संदीप ने उसके साथ कई बार जबरन शारीरिक संबंध भी बनाये।
लडक़ी के बयान के बाद थाना विकासनगर पुलिस ने सुकरमपाल उर्फ लीलू पुत्र शेर सिंह निवासी ग्राम मानकपुर आदमपुर, थाना झबरेड़ा, हरिद्वार, हाल निवासी भीमावाला थाना विकास नगर, उसकी पत्नी शशि, सुनील पुत्र मानसिंह निवासी शनिधाम चौक के पास भीमावाला विकासनगर और उसकी पत्नी लक्ष्मी को गिरफ्तार कर लिया। लडक़ी को बंधक बनाकर रखने वाली सविता और उसे 20 हजार रुपये में खरीदकर रेप करने वाले संदीप की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अलावा पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद चारों को जेल भेज दिया गया है।