किताब का कवर बदला और बढ़ा दी कीमत
देहरादून, 11 अप्रैल (ब्यूरो)।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 के शुरू होने के साथ ही किताबों की खरीदारी से लेकर फीस बढ़ोत्तरी से पैरेंट््स की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। न्यू क्लास में एडमिशन प्रोसेस के बाद पैरेंट्स प्राइवेट स्कूलों से और शॉप से महंगे रेट में बुक्स और स्टेशनरी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ पैरेंट्स एनसीईआरटी की बुक्स में बदलाव को लेकर असंमजस में है कि अगर बुक्स बदल गई तो अब की खरीदी हुई बुक्स वेस्ट हो जाएंगी। ऐसे में बुक खरीदें या न खरीदें। हालांकि सीबीएसई के अधिकारियों के अनुसार दो क्लास की एनसीईआरटी की बुक्स बदली जरूर हैैं। एक और बड़ी दिक्कत यह है कि पब्लिशर्स पुरानी किताबों की जिल्द चेंज कर रहे हैैं और किताब की कीमत बढ़ा दे रहे हैैं, जबकि किताब में पूरा कंटेंट पुराना है। ये आ रही दिक्कतें
सिटी में ज्यादातर बड़े प्राइवेट स्कूल हर साल सिलेबस को बदल देते हैं। इससे पैरेंट्स को हर साल न्यू सेशन शुरू होने पर नई बुक्स लेनी पड़ती हैं। इन बुक्स का सेट महंगा है। कई स्कूल ऐसे हैं जो बुक्स में थोड़ा संशोधन होने पर ही सिलेबस बदल देते हैं। दूसरी तरफ पैरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई खराब होने से डर से संबंधित विभाग को शिकायत भी नहीं करते।
पहला पन्ना बदल कर बढ़ा दिए पैसे
सिटी के कुछ बड़े स्कूलों के सिलेबस में कुछ ऐसी बुक्स को शामिल किया गया था, जिसमें सुलेख, मॉरल स्टोरी और स्टोरी बुक्स शामिल हैैं। इनका क्लास में इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं किया गया। पैरेंट्स सील बंद इन बुक्स को लेकर बुक शॉप पर पहुंच रहे हैं। लेकिन, उन्होंने वापस करने से साफ इंकार किया जा रहा है। वहीं कुछ बुक में फ्रंट पेज को बदल कर रेट में बढ़ोत्तरी कर दी गई। जबकि बुक के फ्रंट (पहला)पेज को छोड़ दें तो पूरी बुक पुरानी हैं।
-दून में कुल 3060 स्कूल हैं। प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सेकेंड्री व हाई सेकेंड्री स्कूल्स शामिल हैैं।
- सीबीएसई, आईसीएसई, अटल स्कूल और उत्तराखंड बोर्ड के कुल 2527 स्कूल्स रजिस्टर्ड हैैं।
-दून में सरकारी स्कूल्स 1279, जिनमें 12 अटल स्कूल्स भी शामिल हैैं।
- प्राइवेट के सीबीएसई, आईसीएसई समेत 1248 स्कूल शामिल हैं।
- दून में प्राइमरी के 258 तो अपर प्राइमरी के 432 स्कूल रजिस्टर्ड हैैं।
- सेकेंड्री व सीनियर सकेंड्री के 558 स्कूल्स रजिस्टर्ड।
- दून में सीबीएसई के 149 और आईसीएसई के 59 स्कूल रजिस्टर्ड
नहीं बदलेंगी एनसीईआरटी बुक्स
सीबीएसई से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 22 मार्च को एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसके तहत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड टे्रनिंग (एनसीईआरटी)के अनुसार सीबीएसई की क्लास 3 और 6 की टेक्स्ट बुक्स में एनईपी 2020 के तहत बदलाव किया गया है, जिसके कारण इस क्लास की बुक्स खरीदने में दिक्कत हुई है। हालांकि, इसके बाद इस साल किसी भी क्लास की बुक्स में बदलाव नहीं किया जाएगा।
प्राइवेट स्कूलों में भी नियमानुसार एनसीईआरटी आधारित बुक्स लागई जा सकती हैं। उसको चुनने का अधिकार प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल को है। बशर्ते बुक्स स्कूल के अंदर नहीं बिकनी चाहिए। नियामक समिति और पैरेंट्स के साथ मीटिंग करने के बाद ही बुक्स बढ़ाने पर निर्णय लिया जा सकता है। :-
दिनेश शर्मा, पैरेंट
प्राइवेट स्कूलों के अंदर बुक्स नहीं बेची जानी चाहिए। बुक्स मजबूरी में ही बदली जाती हैं, अभी तक बुक्स बदलने को लेकर सरकार की ओर से कोई नियम नहीं बनाया गया है। इसके बाद भी पब्लिशर्स अपने मुनाफे के लिए मनमाने तरीके से बुक्स के दाम बढ़ा रहे हैं।:-
प्रवीन गुप्ता, पैरेंट
यह नियम है कि प्राइवेट स्कूलों को बुक्स नहीं बेचनी चाहिए। सरकार अगर पैरेंट्स को राहत पहुंचाना चाहती है तो उसके लिए बुक्स का रेट नियंत्रित करें ताकि कोई भी स्कूल एमआरपी से ऊपर बुक्स न बेच सके। इससे पैरेंट्स की टेंशन भी खत्म हो जाएगी। :-
नरेश कथौरिया, पैरेंट
दिनेश बर्तवाल, प्रिंसिपल, दून इंटरनेशनल स्कूल मार्च में दो क्लास के बुक्स बदलने का सर्कुलर जरूर मिला था। लेकिन, इसके बाद किसी भी तरह की बुक्स में बदलाव की जानकारी हमें नहीं है। रही बात फीस की तो हर साल सामान्य रूप से फीस में इजाफा किया जाता है, जो उचित भी है।
परमप्रीत सिंह ग्रेवाल, प्रिंसिपल, जीआरडी
शुरुआत में क्लास 3 और 6 की बुक्स को बदला गया है। इन क्लास के स्टूडेंट को थोड़ी दिक्कत आ सकती है। लेकिन, इसके अलावा किसी भी क्लास की बुक्स में बदलाव नहीं हुए हंै। सेशन के बीच में भी बुक्स के बदलने का किसी भी तरह का कोई सर्कुलर नहीं है।
गोपाल दत्त, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसई
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