गिरोह के साथ मिलकर एमबीए छात्र ने बिना गाड़ी खरीदे बैंकों को लगाया करोड़ों का चूना
- एसटीएफ ने गाड़ी खरीदने के नाम पर बैंकों से लोन लेकर फरार हो जाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़
- दून में पिछले 1 साल के दौरान लगभग 400 गाडि़यों के नाम पर कर चुके हैं फर्जीवाड़ा स्त्रद्गद्धह्मड्डस्त्रह्वठ्ठ@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ: राजधानी में गाड़ी खरीदने के नाम पर फर्जी कागजात तैयार कर बैकों को चूना लगाने वाले गिरोह का एसटीएफ ने खुलासा किया है। गिरोह का सरगना एमबीए का स्टूडेंट है, जिसने अपने जैसे ही स्टूडेंट्स के साथ मिलकर बिना कोई गाड़ी खरीदे लगभग 400 गाडि़यों के लोन बैंकों से पास कराकर करोड़ों रुपये अपने खातों में जमा कर लिए। वेडनसडे को एसटीएफ ने इनमें से दो जालसाजों को गिरफ्तार कर फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया। 12 लोग काम कर रहे हैं गिरोह मेंएसटीएफ को पिछले कुछ समय से कार खरीद के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह की जानकारी मिल रही थी। जांच के दौरान ट्यूजडे को एसटीएफ ने चिराग उर्फ चिरागुद्दीन पुत्र अमीर अहमद निवासी त्यागी रोड देहरादून और नवाब अली पुत्र अब्दुल रहमान निवासी झिबरहेड़ी, देहरादून को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान इन्होंने पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया। गिरोह का सरगना चिराग एक कॉलेज में एमबीए का स्टूडेंट है और उसके साथी भी प्रोफेशनल कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। उसने बताया कि वो और उसके 12 साथी पिछले कई साल में देहरादून और आसपास के सभी बैंको की ब्रांचों से कार लोन पास करवाकर ठगी करते थे। अभी तक ये लगभग 400 कारों का फर्जी लोन पास कराकर लगभग 15 करोड़ रुपये ठग चुके हैं। इन्होंने अपनी ठगी के दौरान ऑडी, बीएमडब्लू जैसी लग्जरी कारों से लेकर जेसीबी मशीनों तक के लिए लोन पास कराए हैं।
अन्य शहरों में भी तलाश रहे मामले भले ही गिरोह ने देहरादून और आसपास ही फर्जीवाड़े की बात कही हो, पर एसटीएफ ने स्टेट के अन्य शहरों में भी इस गिरोह के कारनामे तलाशने शुरू कर दिए हैं। सहसपुर में इनके खिलाफ 20 सितंबर को ही को-ऑपरेटिव बैंक की तरफ से मुकदमा दर्ज होने का मामला सामने आ गया है। ऐसे करते हैं धोखाधडी - पहले बैंक मैनेजर को विश्वास में लेकर बैंक अकाउंट खुलवाया जाता है। - कार शोरूम का कोटेशन खुद ही फर्जी रूप से तैयार कर उसमें वेरिफिकेशन/सेल्स एक्जिक्यूटिव के मोबाइल नंबर भी अपने ही ग्रुप के लोगों के प्रिंट किए जाते हैं। - ऐसे में बैंक द्वारा वेरिफिकेशन करने पर कार लोन आसानी से पास हो जाता है।- बैंक से कोटेशन के पते वाला डिमांड ड्राफ्ट स्वीकृत कर देने से पहले ही उसके भुगतान के लिए गिरोह एजेन्सी/शोरूम के नाम-पते जैसा ही एक अन्य अकाउंट किसी दूसरे बैंक में फर्जी तरीके से खोल चुके होते हैं।
- इस खाते में स्वीकृत डिमांड ड्राफ्ट जमा होते ही कार खरीदे बिना ही सारा पैसा गिरोह के पास आसानी से आ जाता है और वे रफूचक्कर हो जाते हैं। इन बैंकों को लगाया चूना 1- देना बैंक, शाखा- जीएमएस रोड, देहरादून 2- केनरा बैंक, शाखा- जीएमएस रोड, देहरादून 3- एसबीआई, शाखा- सहारनपुर चौक, देहरादून 4- उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक, सहानपुर चौक, देहरादून 5- कैनरा बैंक, शाखा- सहारनपुर चौक देहरादून 6- अल्मोड़ा अर्बन कॉपरेटिव बैंक, शाखा- झंडा चौक, देहरादून 7- बैंक ऑफ बड़ौदा, शाखा- शास्त्रीनगर, हरिद्वार रोड, देहरादून 8- डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक, शाखा- सेलाकुई देहरादून 9- ओबीसी, शाखा- सेलाकुई, देहरादून 10- बैंक ऑफ बड़ौदा, शाखा- किशननगर, देहरादून 11- इंडियन ओवरसीज बैंक,इन्द्रानगर, वसंत विहार, देहरादून 12- यूनियन बैंक, शाखा-जीएमएस रोड देहरादून 13- नैनीताल बैंक, हरिद्वार रोड, निकट रोडवेज वर्कशॉप, देहरादून 14- नैनीताल बैक, शाखा- पंडितवाड़ी देहरादून 15- महिन्द्र फाइनेंस, हरिद्वार बाईपास रोड देहरादून 16- नैनीताल बैंक, शाखा- निकट न्यू एम्पायर सिनेमा, देहरादून