राजधानी दून का ट्रांसपोर्टनगर करीब 23 वर्ष पहले अस्तित्व में आया और आज अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है. सच्चाई भी आपके सामने है. जहां तक आपकी नजर पहुंचेगी यहां के हाल खुद बयां हो जाएंगे.


देहरादून,(ब्यूरो): राजधानी दून का ट्रांसपोर्टनगर, करीब 23 वर्ष पहले अस्तित्व में आया और आज अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है। सच्चाई भी आपके सामने है। जहां तक आपकी नजर पहुंचेगी, यहां के हाल खुद बयां हो जाएंगे। ट्रांसपोर्टनगर के कारोबारियों की मानें, एक नहीं। दर्जनों बार उनकी ओर से ट्रांसपोर्टनगर के सूरत-ए-हाल को लेकर शिकायत की जा चुकी है। लेकिन, उनकी इस पीड़ा को कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि अब तो उनका शासन, प्रशासन या फिर सरकार से भरोसा ही टूट गया है। बात यही खत्म नहीं होती। व्यापारियों के तो यहां तक आरोप हैं कि ट्रांसपोर्टनगर अब नशे का कारोबार भी फल-फूल रहा है।कुछ माह पहले सड़क निर्माण, धराशाई


ऐसा नहीं है कि दून के ट्रांसपोर्टनगर में समस्याएं पहली बार दिखाई या फिर सुनाई दे रह हों। सबसे ज्यादा यहां व्यापारी सफाई व्यवस्था, गंदगी, बदहाल सड़क, शौचालय का बहने वाले पानी और नालियां के घटिया निर्माण जैसी समस्याओं से परेशान हैं। ट्रांसपोटर्स कुश चौधरी का कहना है कि कुछ महीने पहले ही नालियों का निर्माण किया गया, जिसमें से कई वह टूट गई हैं। जबकि, टॉयलेट का पानी कई दिनों से सड़क पर बह रहा है। बारिश होने से सड़कों पर मौजूद गड्ढ़ों में पानी जमा होने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। आरोप लगाया कि जब नगर निगम प्रशासन से जारी कंट्रोल रूम से इस बावत बात की जा रही है तो वे इंस्पेक्टर व सुपरवाइजर का हवाला दिया जा जा रहा है। ट्रांसपोर्टनगर पर एक नजर-2001 में अस्तित्व में आया ट्रांसपोर्टनगर।-ट्रांसपोर्टनगर में मौजूद हैं करीब 500 से ज्यादा व्यापारी।-रोज 1 हजार से ज्यादा वाहनों की लगी रहती है आवाजाही।-रोजाना कम से कम 5 हजार लोगों की लगी रहती है आवाजाही।-हर दिन एक से सवा करोड़ तक के व्यापार का अनुमान।टोल फ्री नंबर पर रिस्पांस नहींट्रांसपोर्टनगर के व्यापारियों का कहना है कि गंदगी को लेकर जब उनकी ओर से नगर निगम के टोल फ्री नंबर 9084677355 पर शिकायत दर्ज की जाती है। बदले में जवाब मिलता है कि वे इंसपेक्टर व सुपरवाइज से बात करें। इसको लेकर ट्रांसपोटर्स परेशान हैं।हमारी कंप्लेन तो कोई सुनता ही नहींदून में सफाई व्यवस्था की स्थिति क्या है, ये ट्रांसपोर्टनगर में देखा जा सकता है। कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन, कोई सुनने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर बारीश के दौरान दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है।-कुश चौधरी, ट्रांसपोटर्स।

ट्रांसपोर्टनगर में निर्माण कार्य किस कदर हुए हैं, इनको देखकर सच्चाई सामने आ जाती है। नालियां टूट गई हैं। बगल में एमडीडीए का मुख्यालय है, कई बार शिकायत के बाद भी अनसुनी की जाती है।-चौधरी जमन, ट्रांसपोर्टर्स।शौचालय का पानी सड़कों पर बह रहा है। एक बारिश से सड़कें लबालब हो जाती हैं। जिस वजह से हर बार बीमारियों का खतरा बना रहता है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं।-अनिल, व्यापारी।

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Posted By: Inextlive