राजधानी दून का सीवर सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। तमाम दावों के बीच सीवर सिस्टम दुरुस्त नहीं हो रहा है। पिछले तीन दिन से कारगी सीवर प्लांट बंद चल रहा है। ऐसे में बाहर से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट एसटीपी में बाहर से आने वाले सीवर टैंकरों के सामने संकट खड़ा हो गया है। दो दिन से सीवर टैंकर एसटीपी प्लांट से बैरंग लौट रहे हैं या फिर खुले में बहाया जा रहा है।

देहरादून (ब्यूरो) मेंटेनेंस के लिए तीन दिन के लिए सीवर प्लांट बंद है। बताया जा रहा है कि बरसात को देखते हुए प्लांट को अपडेट किया जा रहा है, जिससे यहां बाहर से आने वाले सीवर टैंकरों की आवाजाही को रोका गया है। बाकी इंटरनल सीवर शोधन का काम चल रहा है। काम पूरा होते ही टैंकरों की आवाजाही शुरू की जाएगी। सीवर मेंटेनेंस कार्य जल संस्थान के पास है। कारगी के अलावा दूसरे एसटीपी पहले से बंद चल रहे हैं। जिस कारण शहर में अलग-अलग जगहों पर सीवर सेफ्टी टैंक ओवर फ्लो होने पर सीवर टैंक भरकर कारगी पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर भी मेंटेनेंस कार्य के लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा है। हालांकि जल संस्थान के सहायक अभियंता हिमांशु नौटियाल ने बताया कि उम्मीद है कि मेंटेनेंस कार्य रात तक पूरा हो जाएगा। ट््यूजडे से एसटीपी में टैंकरों की एंट्री शुरू कर दी जाएगी।

नगर निगम ने किए हाथ खड़े
शहर में सफाई व्यवस्था का जिम्मा नगर निगम के पास है, लेकिन नगर निगम इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। आक्रोशित टैंकर चालकों का कहना है कि जब एसटीपी में मेंटेनेंस चल रहा है, तो नगर निगम को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। जब निगम के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है, तो उनका रजिस्ट्रेशन क्यों किया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने सीवर टैंकरों का खानापूर्ति के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इस संबंध में निगम के अफसरों को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन
एनजीटी ने खुल में सीवर डालने पर सख्त कार्रवाई को चेताया है। लेकिन दून में सीवर टैंकरों के सामने खुले में सीवर उड़ेलने की मजबूरी पैदा हो गई है। सीवर टैंकर संचालकों का कहना है कि जब नगर निगम की ओर से चुप्पी साधी जा रही है, तो वह किसकी चौखट पर जाएं। जब नगर निगम ने रजिस्ट्रेशन किया, तो तब वैकल्पिक व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी। सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग चुपके से सीवर चैैंबर खोल कर सीवर टैंकर खाली कर रहे हैं, तो कुछ झाडिय़ों खुले में उड़ेलकर चले जा रहे हैैं।

25 सीवर टैंकरों के रजिस्टे्रशन
पूर्व में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर टैंकरों द्वारा खुले में सीवर बहाने को लेकर खबर प्रकाशित की गई थी। तब सीवर टैंकरों पर कार्रवाई की बात सामने आई थी, लेकिन नगर निगम में टैंकरों के रजिस्ट्रेशन नहीं थे। इसके बाद नगर निगम में सीवर टैंकरों के रजिस्टे्रशन किए गए। निगम विभिन्न इलाकों के अब तक करीब 25 सीवर टैंकरों के रजिस्टे्रशन हो चुके हंै।

बताओ साहब, कहां डालें सीवर
टैंकर संचालक अरविंद सिंह, गोलू कुमार, अभिषेक शर्मा व अजय कुमार का कहना है कि नगर निगम के पास जब व्यवस्था नहीं है, तो सीवर टैंकरों रजिस्टे्रशन क्यों किया गया। कस्टमर लगातार सेफ्टी टैंक भरने पर टैंकर मांग रहे हैं। दो दिन से टैंकर सीवर लेकर खड़े हैं। ऐसे में उनकी रोजी-रोटी पर भी संकट खड़ा हो रहा है। भविष्य के लिए नगर निगम को वैकल्पिक व्यवस्था न किए जाने पर वह धरना देने को मजबूर होंगे।

सीवर प्लांट के मेंटेनेंस का मामला संज्ञान में नहीं है। सीवर मेंटेनेंस का काम जल संस्थान के पास है। नगर निगम के पास सीवर ट्रीटमेंट की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। भविष्य में इस पर विचार किया जाएगा।
एसपी जोशी, सहायक नगर आयुक्त, देहरादून

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Posted By: Inextlive