Dehradun News: थम गया रिस्पना नदी किनारे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान
देहरादून (ब्यूरो) सरकारी हिसाब से देखा जाए, तो रिस्पना नदी में अतिक्रमण नहीं है। ताज्जुब की बात यह है कि नगर निगम ने पूरी नदी में 27 स्लम एरिया में 525 अतिक्रमण चिन्हित किए गए। इसमें से केवल 79 अतिक्रमण चिन्हित किए हैं। जबकि 413 कब्जे रिवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए एमडीडीए को दी गई जमीन पर और 12 नगर पालिका मसूरी की जमीन पर चिन्हित किए गए हैं। स्वामित्व अभियान के दौरान 14 निर्माणों के दस्तावेज 2016 के बताए गए हैं। जबकि जानकारों की मानें तो रिस्पना नदी में हजारों कब्जे हैं, जो नगर निगम की जमीन पर बने हैं, लेकिन निगम को वह दिखाई नहीं दे रहा है। इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
3 कैटेगरी में था अतिक्रमण
नगर निगम के अफसरों की मानें तो 2016 से पूर्व के निर्माण विनियमितीकरण अध्यादेश के दायरे में है। एनजीटी के तीन अलग-अलग विभाग कार्रवाई कर रहे हैं। तीन श्रेणियों में अतिक्रमण को बांटा गया है। पहला फ्लड जोन, दूसरा नदी श्रेणी और तीसरा विनियमितीकरण। फिलहाल रिस्पना में जो अतिक्रमण हटाया जा रहा है वह नदी श्रेणी का है। जो निर्माण नदी के खसरे में बने हैं उन्हें चिन्हित कर हटाया जा रहा है, जो बरसात में आने वाली बाढ़ से प्रभावित हो सकता है।
2 दिन में 200 कब्जे निकले सही
संयुक्त टीम की ओर से रिस्पना में 524 अतिक्रमण चिन्हित किए गए। इसमें से 79 नगर निगम, 12 मसूरी नगर पालिका और 413 एमडीडी की रिवर फ्रंट योजना में चिन्हित किए गए। सभी निर्माण को तोडऩे को अभियान शुरू किया गया, लेकिन दो दिन चले अभियान में 60 निर्माण तोड़े गए। इसके बाद नगर निगम को करीब 200 से अधिक लोगों ने दस्तावेज सौंपे कि उनके निर्माण 2016 से पूर्व के हैं। ये सभी लोग एमडीडीए की स्वामित्व वाली जमीन पर हैं। लिहाजा निगम ने सारे दस्तावेज एमडीडीए को भेजे दिए और कहा कि दस्तावेजों से लग रहा है कि संबंधित निर्माण 2016 से पूर्व के प्रतीत होते हैं। ऐसे मेें एमडीडीए के सामने दुविधा की स्थिति पैदा हो गई। एमडीडीए का कहना है कि दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है, जल्द ही कब्जे हटाए जाएंगे।
तो बिंदाल से नहीं हटेगा अतिक्रमण
रिस्पना ही नहीं बिंदाल नदी के किनारे भी बड़ी संख्या में नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जे हैं, लेकिन यहां से फिलहाल अतिक्रमण नहीं हटेगा। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि एनजीटी ने रिस्पना में नदी श्रेणी के निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं। बिंदाल में कार्रवाई का कोई आदेश नहीं है। यदि एनजीटी का आदेश आता है तो बिंदाल में अतिक्रमण हटाया जाएगा। ऐसे में लग रहा है कि फिलहाल बिंदाल नदी में अतिक्रमण को लेकर नगर निगम का कोई अभियान नहीं चलेगा। जब कोई कोर्ट जाएगा, तो उसके बाद ही अब कार्रवाई होगी।
स्लम एरियाज में सीवर सीधे नदी में बह रहा है। अधिक नदी किनारे वाली बस्तियों में सीवर लाइन न होने से वह सीधे नदी में सीवर डाल रहे हैं, जिससे नदी मैली हो रही है। नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए एनजीटी ने अतिक्रमण हटाने के आदेश किए। बताया जा रहा है कि नगर निगम अवैध कब्जे हटा रहा है, तो जल संस्थान नदी में सीवर डालने पर कार्रवाई कर रहा है। सिंचाई विभाग फ्लड जोन में आने वाले अतिक्रमण को हटा रहा है। dehradun@inext.co.in