खबरदार: हाईवे पर खतरा रहेगा बरकरार
- हरिद्वार बाईपास रोड पर बढ़ा बिजली के हाईटेेंशन टावर से खतरा
- हाईवे चौड़ीकरण के बाद हाईवे की जद में आ रहे 6 टावर
एचटी टावर शिफ्टिंग की नहीं योजना
हैरत की बात यह है कि हरिद्वार बाईपास रोड चौड़ीकरण की जद में आने वाले हाईटेंशन टावरों की शिफ्टिंग को लेकर पीडब्ल्यूडी नेशनल हाईवे, डोईवाला के पास कोई कार्ययोजना अभी तक नहीं बनी है, जबकि अगले 4-5 महीनों में रोड का काम पूरा होना है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि हाईटेंशन टावरों को लेकर जहां योजना पूरे होने के करीब है वहीं हाईटेंशन टावरों के शिफ्टिंग को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। ऐसे में आने वाले दिनों में एचटी टावर से एक्सीडेंट का खतरा और बढ़ जाएगा।
हरिद्वार हाईवे के चौड़ीकरण का लटका हुआ काम करीब 9 साल बाद शरू हुआ। इससे पूर्व यह काम अमृत डेवलेपर्स को आवंटित किया गया था। कम दरों पर कार्य लेने के बाद कंपनी ने लंबे समय तक काम नहीं किया, तो शासन ने कंपनी से काम छीन लिया। काम छिनने के बाद संबंधित कंपनी हाईकोर्ट चली गई। इसके बाद यह मामला लंबे समय तक लटका रहा। मामला सुलझने के बाद हाईवे चौड़ीकरण का काम पिछले साल राकेश कुमार एंड कंपनी को दिया गया है।
आईएसबीटी से अजबपुर तक होगी रोड चौड़ी
हाईवे चौड़ीकरण का काम आईएसबीटी देहरादून से अजबपुर रेलवे ओवर ब्रिज तक बनना है। इसकी दूरी तकरीबन 5.05 किलोमीटर है। इस दायरे में करीब 6 हाईटेंशन टावर चौड़ीकरण के दायरे में आ रही है, लेकिन विभाग के पास इन हाइटेंशन टावरों की शिफ्टिंग को लेकर कोई कार्य योजना नहीं है। अभी तक यह तय नहीं है कि सड़क की जद में आ रहे ये एचटी टावर हटेंगे या नहीं। हालांकि 33 और 132 केवी एचटी लाइनें रोड से शिफ्ट कर दी गई है। लेकिन 220 और 400 केवी के टावरों को लेकर तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं है।
हरीश पांगती, एसई, पीडब्ल्यूडी, एनएच