दून में सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर लंबे समय से कब्जे हैं। इन कब्जों के लिए भी बड़ा खेल हुआ है। रसूखदारों ने 2 से लेकर 5 लाख वसूलकर छोटे-छोटे प्लॉट बेच डाले। एसटीपी को दी गई जमीन पर भी कब्जा हो गया।

- लंबे समय से सरकारी जमीन पर कब्जा करके बैठे थे एक दर्जन से ज्यादा लोग
- टीन शेड के साथ ही पक्के भवन भी तोड़े गए। 3000 स्क्वायर मीटर जमीन कराई कब्जामुक्त

देहरादून (ब्यूरो): माफिया की दादागीरी का आलम यह है कि वह खुले आम सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग भी कर रहे हैं। जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया, उसी से लगी दूसरी जमीन पर सरकारी भूमि पर प्लॉटिंग करके बेची जा रही थी। अतिक्रमण हटाने गई टीम ने एक दर्जन से अधिक कच्चे-पक्के मकानों के साथ ही प्लॉटिंग ध्वस्त करके करीब 3000 स्क्वायर मीटर जमीन को कब्जामुक्त कराया।

एक नजर
- 3000 स्क्वायर मीटर एरिया पर था कब्जा
- 2 से 5 लाख लेकर बेच दी थी सरकारी जमीन
- 12 के करीब बहुमंजिला मकान गिराए
- सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग तक कर डाली

दो-दो मंजिला मकान ढहाए
फ्राइडे को तहसील प्रशासन के साथ नगर निगम की टीम पुलिस फोर्स लेकर मोथरोवाला के दौड़वाला स्थित नौका एरिया में पहुंची, जहां नगर निगम की करीब 3000 स्क्वायर मीटर से अधिक भूमि पर लोगों ने अतिक्रमण कर टीन शेड के साथ ही एक दर्ज से ज्यादा बहुमंजिले पक्के मकान तक खड़े कर दिए थे।

सरकारी जमीन पर प्लॉटिंग तक कर डाली
भूमाफिया ने पहले तो सरकारी जमीन दो-दो और चार-चार लाख में बेच डाली। अब फिर आगे बढ़ते हुए जमीन के दूसरे हिस्से में प्लॉटिंग करनी शुरू कर दी। जब इसकी शिकायत प्रशासन से की गई, तो डीएम सोनिका के निर्देश पर नगर निगम हरकत में आया। निगम कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो लोग मारने-पीटने पर उतारू थे। फ्राइडे को तहसीलदार के नेतृत्व में नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और एक-एक कर सभी चिन्हित अतिक्रमण ध्वस्त किए।

टीम को झेलना पड़ विरोध
अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोग आक्रोशित हुए। पक्के मकानों पर जैसे ही बुलडोजर चला, तो अतिक्रमणकारी लाल-पीले हो गए। इस दौरान उन्होंने टीम से धक्का-मुक्की भी की, लेकिन मौके पर पुलिस फोर्स ने किसी तरह मामला शांत कराया। क्षेत्रीय पार्षद भी अवैध कब्जेधारियों के पक्ष में उतर आए। निगम क्षेत्र में सरकारी जमीन की पैमाइश कर पूरी भूमि से कब्जा हटाएगी।

बिछ गई सीवर लाइन
जिस एरिया में टीम ने अवैध कब्जे हटाए वहां एडीबी ने सीवर लाइन भी बिछा दी थी। अतिक्रमणकारियों का कहना था कि जब भूमि नगर निगम की है, तो एडीबी ने कॉलोनी में सीवर लाइन क्यों डाली। उन्हें बिजली और पानी के कनेक्शन भी अवंटित हैं। वह कई साल से रह रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि उन्होंने पट््टेधारकों से जमीन खरीदी है, ऐसे में उन्हें अवैध करना उचित नहीं है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैंं।

पट्टों की आड़ में अवैध कब्जे
भूमाफिया ने पट्टों की आड़ में जमीन कब्जाई। कुछ जमीन पहले बेच दी और जब किसी ने कोई एतराज नहीं किया, तो फिर खाली पड़ी भूमि पर प्लॉटिंग करनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है इस भूमि का एक छोर एडीबी को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन इसके लिए बंजर भूमि थी। नदी श्रेणी की भूमि होने के कारण इस भूमि को उपयुक्त नहीं पाया गया, जिसके बाद एसटीपी को दूसरे स्थान पर बनाया गया। तब से यह भूमि खाली पड़ी है।

अब यहां पर बनेगा पार्क, लगेंगे पेड़
अब नगर निगम इस भूमि से पूरी तरह अवैध कब्जे हटाकर यहां पर पेड़ लगाएगा। इससे पर्यावरण शुद्ध होगा। इसके अलावा यहां पर बाउंड्रीवॉल करके पार्क डेवलप किया जाएगा। अतिक्रमणरोधी टीम में तहसीलदार मोहम्मद सादाब, नगर निगम के कर अधीक्षक भूमि राहुल कैंथोला, हेम विक्रम शाही आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

दौड़वाला के नौका में करीब 3000 स्क्वायर मीटर एरिया से अवैध कब्जे हटाए गए। कई लोगों ने दो-दो मंजिला मकान खड़े कर दिए थे, जिन्हें जेसीबी से तोड़ दिया गया। भूमि का सीमांकन करके पूरे इस एरिया को कब्जामुक्त किया जाएगा।
मोहम्मद सादाब, तहसीलदार
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Posted By: Inextlive