भगवान बदरी नारायण के प्रतिनिधि एवं बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोलियों के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी रविवार को योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंच गईं. अब शीतकाल के छह माह भगवान बदरी नारायण योग-ध्यान बदरी मंदिर में ही अपने भक्तों को दर्शन देंगे. सुबह उद्धवजी व कुबेरजी की डोली के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी को बदरीनाथ मंदिर परिसर में लाया गया जहां धाम में मौजूद श्रद्धालु व हक-हकूकधारियों ने उनकी पूजा-अर्चना की.


देहरादून (ब्यूरो)। पूजा अर्चना के बाद जय बदरी विशाल के उद्घोष के साथ डोलियां पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुईं। बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर गांव तक सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच डोली व गद्दी यात्रा की आभा देखते ही बन रही थी। इस दौरान हनुमानचट्टी व अन्य स्थानों पर श्रद्धालुओं ने फूल मालाओं से डोली यात्रा का स्वागत किया। पांडुकेश्वर पहुंचने पर उद्धवजी व कुबेरजी की उत्सव मूर्ति को योग-ध्यान बदरी मंदिर में विराजित किया गया। जबकि, आदि शंकराचार्य गद्दी सोमवार को पांडुकेश्वर से जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद गद्दी को शीतकालीन के लिए वहां स्थापित कर दिया जाएगा। इस अवसर पर बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल समेत बड़ी तादाद में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive