टिहरी लेक में क्रूज बोट संचालन के लाइसेंस लेने के एक टेंडर को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज युवाओं के निशाने पर आ गए। टेंडर के लिए 23 लोगों ने आवेदन किए थे जिसमें सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत समेत 6 के आवेदन स्वीकृत किए गए। मामले ने तब जोर पकड़ा जब सतपाल महाराज के बेटे का आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें मंत्री के बेटे के साथ-साथ टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष के पति का नाम भी शामिल है। लोगों का कहना है कि उत्तराखंड सरकार करीबी लोगों को फायदा पहुूंचा रही है जबकि बेरोजगार युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।

देहरादून (ब्यूरो) टिहरी पर्यटन विकास प्राधिकरण ने कू्रज बोट संचालन के लिए इंवेस्टर्स से आवेदन आमंत्रित किए थे। 21 अगस्त को टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्राधिकरण ने एक सूचना जारी की, जिसमें इंवेस्टर्स को 28 अगस्त को फिर उपस्थित रहने के लिए कहा गया। टेंडर में 23 में से 6 के आवेदन सही पाए गए। इन सभी 6 को 28 अगस्त को बुलाया गया। लेकिन इससे पहले यह सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसमें मंत्री के बेटे के साथ टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण के पति समेत होलीडेज कंपनी समेत तीन अनय इंवेस्टर्स शामिल हैं। ।

सोशल मीडिया पर छिड़ी वार
मंत्री सतपाल महाराज के बेटे के बहाने सोशल मीडिया पर जबरदस्त वार छिड़ गई है। सूची वायरल होने के बाद लोग कई तरह सीधे मंत्री और विधायक पर टिप्पणी करने से नहीं बच रहे हैं। दरअसल मामले में मंत्री के बचाव में आए टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय भी जमकर ट्रोल हो रहे हैं। लोग उनको लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।

टेंडर की पारदर्शिता पर उठे सवाल
सोशल मीडिया पर सूची वायरल करने वाले देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि पर्यटन विभाग टिहरी लेक में हाउसबोट यानि क्रूज संचालन के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत व टिहरी जिला पंचायत की अध्यक्ष के पति रघुवीर सिंह सजवाण के नाम से भी आवेदन किया गया है। जबकि चयन समिति में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी भी सदस्य हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह यह टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न होगी। ये कैसे संभव हो सकता है।

बेटे से आवेदन वापसी के लिए कहूंगा: महाराज
सोशल मीडिया पर आवेदन वायरल होने से ट्रोल हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को बयान जारी करना पड़ा। महाराज ने मीडिया को दिए वक्तव्य में कहा कि वह अपने छोटे बेटे से आग्रह करेंगे कि टिहरी लेक में क्रूज बोट संचालन के लिए जो आवेदन किया गया है उसे वापस ले ले। मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में इंवेस्टर्स समिट हुआ, जिससे प्रभावित होकर मेरे बेटे ने यह विचार किया कि वह उत्तराखंड में पैसा इंवेस्ट करेगा। इसी विचार के तहत उसने संभावना खोजी। मेरे बेटे के अलावा 24 अन्य लोगों ने भी आवेदन किए थे, जिसमें से 6 के आवेदन स्वीकार किए गए। अभी कोई आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ। इस प्रक्रिया में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। फिर भी राजनीति में शुचिता, पारदर्शिता व विभागीय मंत्री होने के नाते मैं बेटे से आवेदन वापस लेने के लिए कहूंगा।

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Posted By: Inextlive