राजधानी दून में स्मार्ट सिटी की ओर से शहर में जगह-जगह पर बनाई गई कलाकृतियां लोगों को ऐतिहासिक जानकारियोंं से ही रूबरू नहीं करा रहे हैं बल्कि इंटरटेनमेंट के साथ जन जागरुकता का भी संदेश दे रही है.

देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून में स्मार्ट सिटी की ओर से शहर में जगह-जगह पर बनाई गई कलाकृतियां लोगों को ऐतिहासिक जानकारियोंं से ही रूबरू नहीं करा रहे हैं, बल्कि इंटरटेनमेंट के साथ जन जागरुकता का भी संदेश दे रही है। चंद्रयान, अशोक, सोलर ट्री, जंगलटून्स इंडिया के महान सर्वेयर के बाद परेड ग्राउंड केकिनारे प्रदूषण कम करने के लिए साइकिलिंग के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए फिर जीवंत कलाकृति तैयार की गई है। इसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध ही नहीं हो रहे हैं, बल्कि ये कलाकृति साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित होने की भी प्रेरणा दे रही है।
साइकिलिंग के लिए प्रोत्साहित करती कलाकृति
परेड ग्राउंड में सर्वे चौक की तरह खाली पड़ी थोड़ी सी जमीन पर एक ऐसी थीम उकेरी गई, जो जीवनभर प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरुक करती रहेगी। जी हां, दून में बढ़ते ट्रैफिक दबाव से हर कोई चिंतित है। इस साल गर्मी में यहां पारा 44 डिग्री तक पहुंच गया था। जिसके बाद साइकिलिंग को लेकर तमाम स्तरों पर सुगहबुगाहट शुरू हुई।
प्रदूषण कंट्रोल को साइकिलिंग विकल्प
स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीन कुश ने बताया कि प्रदूषण कंट्रोल के लिए साइकिलिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। शहर में बढ़ते प्रदूषण को कम करने की जरूरत महसूस की जा रही थी। जिसे देखते हुए साइकिलिंग के प्रति लोगों का आकर्षित करने के इस थीम को आकार दिया गया। इस कलाकृति रचना को आम जनमानस में साइकिलिंग को बढ़ावा देने के उदेश्य से बनाया गया है, जिससे सेहत ही अच्छी नहीं रहेगी, बल्कि प्रदूषण को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
कई जीवंत कलाकृतियों को उकेर चुके मनोज
दून में आर्टिस्ट कलाकार मनोज श्रीवास्तव कई कलाकृतिकयों को उकेर चुके हैं। उनकी कलाकृतियों की खासियत यह है वह जीवंत प्रतिमाएं उकेरते हैं। उनकी कलाकृतियां कुछ न कुछ संदेश देती नजर आती हैं। उन्होंने बताया कि इस साइकिलिंग थीम को उन्होंने वेस्ट मटेरियल से तैयार किया है। कुछ कबाड़ व कुछ वेस्ट मटेरियल को इस्तेमाल किया गया है। उनका कहना है कि बेकार चीजों को फेंकने के बजाय उनसे कुछ सृजनात्मक रचना को बनाने की प्रेरणा लेनी चाहिए। मनोज की हर कलाकृतिक शहर को कुछ न कुछ संदेश जरूर दे रही है।
चंद्रयान से लेकर जंगलटून्स
परेड ग्राउंड में बच्चों को जनरल नॉलेज से लेकर फुल इंटरटेनमेंट की चीजों को भी स्मार्ट सिटी की परियोजना के तहत तैयार किया गया है। चंद्रयान से जहां बच्चों में अंरक्षित से जुड़ी जानकारियों को जानने की जिज्ञासा पैदा हो रही है वहीं जंगलटून्स पार्क में बचपन की कहानियों से भी रूबरू होने का मौका मिल रहा है। यहां पर इसरो के विभिन्न स्पेश मिशनों से संबंधित जानकारी देने के लिए कलाकृतियां बनाई गई है। इसके अलावा 3 सोलर ट्री भी लोगों का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। जंगलटून्वस में बच्चे क्या जवान भी मोगली, बघेरा व अन्य जंगली जानरों के साथ सेल्फी ले रहे हैं।
सर्वे चौक पर खड़े दो महान सर्वेयर
सर्वे चौक पर इंडिया के दो महान सर्वेयर नैन सिंह व राधानाधर सिकंदर के स्टेचू कहीं से भी स्टेचू नजर नहीं आए हैं। ऐसे लग रहा है दोनों जीवंत खड़े हैं और वह लोगों बातें कर रहे हैं। इतनी सिद्धत के साथ कलाकार ने मूर्तियों को जीवंत बनाया है। मूर्तियों में तमाम जानकारियां भी उकेरी गई है। बता देें कि सिकंदर ने ऐसे में माउंट एवरेट की ऊंचार्ठ की गणना की, जब कोई न नक्शा बनाने की विधि थी और न वहां पहुंचने के साधन ही। उन्होंने एवरेस्ट समेत हिमालय की ऊंचाइयोंं की ट्रिग्नोमेट्रिकल विधि से गणना की थी। नैन सिंह वह सख्सियत थी, जिन्होंने उस जमाने पूरे लेह-लद्दाख की दूरी मोती की माला में पिरो डाली थी।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर को सजाने-संवारने के प्रस्तावित काम लगभग पूरे हो गए है, लेकिन जहां कहीं भी जगह मिल रही है वहां पर संदेशवाहक कलाकृतियां उकेरी जा रही है। यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।
सोनिका, सीईओ, स्मार्ट सिटी

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Posted By: Inextlive