कुत्ते के काटने के साथ अब शहर में बिल्ली और बंदर के काटने के मामले में लगातार सामने बढ़ रहे हैं. हॉस्पिटलों के आंकड़ों पर गौर करें जनवरी से लेकर अगस्त में अकेले बिल्ली के काटने के 503 केस दर्ज किए गए.

देहरादून,(ब्यूरो): कुत्ते के काटने के साथ अब शहर में बिल्ली और बंदर के काटने के मामले में लगातार सामने बढ़ रहे हैं। हॉस्पिटलों के आंकड़ों पर गौर करें जनवरी से लेकर अगस्त में अकेले बिल्ली के काटने के 503 केस दर्ज किए गए। ऐसे ही बंदरों के काटने के भी 137 मामले रिकॉर्ड किए। हालांकि, कुत्ते के काटने की संख्या अगस्त यानि 8 महीनों में 6995 तक पहुंची है। इसके लिए एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए लोग अस्पताल पहुंचे हैं।
रैबीज पीडि़त पहुंच रहे अस्पताल
दरअसल, ज्यादातर सुनने में आता है कि शहर में स्ट्रीट डॉग बाइट के मामले ज्यादा आ रहे हैं। तनीजतन, पीडि़त लोग रैबीज के इंजेक्शन के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। लेकिन, यहां तो बिल्ली और बंदरों के काटने के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल कोरोनेशन में अकेले मई के महीने में बिल्ली के काटने के मामले 45 पहुंचे। जबकि, जुलाई 40 और जनवरी 36 सबसे ज्यादा केस दर्ज किए गए। ऐसे ही बंदरों के काटने की बात की जाए तो अप्रैल में 15, मई 13 और जुलाई 11 केस रिकॉर्ड किए गए। ये सभी पीडि़त रैबीज के इंजेक्शन लेने के लिए अस्पताल पहुंचे।
बिल्ली के काटने के केस
महीना केस
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जनवरी 36
फरवरी 32
मार्च 27
अप्रैल 28
मई 45
जून 31
जुलाई 40
अगस्त 35
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कुल - 274
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बंदर के काटने के केस
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महीना केस
जनवरी 6
फरवरी 9
मार्च 7
अप्रैल 15
मई 13
जून 10
जुलाई 11
अगस्त 6
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कुल - 77
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कुत्ते के काटने के केस
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महीना केस
जनवरी 387
फरवरी 413
मार्च 431
अप्रैल 436
मई 423
जून 361
जुलाई 382
अगस्त 292
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कुल - 3,125
अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा 436 मामले दर्ज
डॉग बाइट के सबसे ज्यादा केस अप्रैल माह में 436 सामने आए। जबकि, मार्च महीने 431 और मई माह में 423 केस रिकॉर्ड किए गए। ऐसे ही अगस्त महीने में कुत्ते के काटने के 292 मामले दर्ज किए गए। जबकि, जनवरी से लेकर अगस्त तक जिला अस्पताल में कुल 3125 केस सामने आए।
जनवरी से अगस्त तक के मामले
डॉग--6995
बिल्ली--503
बंदर---137
अन्य---145
न्यू केस--7784
पुराने केस--14356
700 सांप जंगल छोड़े गए
जिस प्रकार से कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। उसी प्रकार से इस वर्ष बड़ी संख्या में सांप भी रेस्क्यू किए गए। वन विभाग की रेस्क्यू टीम के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल अब तक दून शहर के तमाम इलाकों से 700 सांप रेस्क्यू कर जंगल में छोड़े गए। इनमें करीब 6 किंग कोबरा और 35 से 40 तक कोबरा के शामिल होना बताया गया है।
किंग कोबरा व कोबरा इन इलाकों से रेस्क्यू
बताया गया है कि दून में पिछले कुछ सालों से किंग कोबरा व कोबरा सांप दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल, इस वर्ष जिन इलाकों में किंग कोबरा पकड़े गए हैं, उनमें ऊषा कॉलोनी, मोहब्बेलवाला, सिंगली, थानो भोगपुर, आशा रोड़ी और बुद्धा टेंपल शामिल रहे हैं। जबकि, जिन इलाकों से कोबरा रेस्क्यू किए गए। उनमें राजपुर, कैनाल रोड, प्रेमनगर, पटेलनगर, गढ़ी और आशारोड़ी इलाके शामिल होना बताए गए हैं।
पब्लिक हो चुकी अवेयर
जानकार बताते हैं कि अब पब्लिक अवेयर हो चुकी है। इस कारण जब भी सांप दिखाई देते हैं, लोग रेस्क्यू टीम को सूचना दे देते हैं। बताया गया है कि इस बार व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर के अलावा धामन सांप को भी रेस्क्यू किया गया है। जबकि, रस्सैल वाइपर की संख्या भी कम नहीं रही। रस्सैल वाइपर ज्यादा जहरीला माना जाता है। कुछ समय पहले ही एक सांप के बिल से करीब 23 रस्सैप वाइपर के बच्चे रेस्क्यू किए गए। सांप के मामले में अबकी बार राजभवन से लेकर सीएम तक तक अछूते रहे।

दून में रेस्क्यू की गई सांप की स्पेसीज
-किंग कोबरा
-कोबरा
-रस्सैल वाइपर
-कॉमन क्रैत
-रेड स्नैक
-किलबैक
-ट्रिंककेत
-व्हाइट लिप्ड पिट वाइपर

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Posted By: Inextlive