Dehradun News: राजधानी के आउटर इलाकों में भूमाफिया के निशाने पर एग्रीकल्चर लैंड
देहरादून,ब्यूरो: राजधानी दून में लैंड माफिया सक्रिय है। चारों और माफिया का जाल है। मिड सिटी से लेकर नगर निगम क्षेत्र में आउटर इलाकों तक खुले आम धड़ल्ले से नियमों की धज्जियां उड़ाकर अवैध प्लॉटिंग की जा रही है। कई जगहों पर सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर ग्राहकों को सेल करने के लिए फंसाया जा रहा है। भूमाफिया के निशाने पर सबसे ज्यादा एग्रीकल्चर लैंड है। दूसरी तरफ एमडीडीए भी भूमाफिया के खिलाफ लगातार सक्रिय होकर ताबड़तोड़ एक्शन ले रहा है। रोजाना अवैध प्लॉटिंग पर प्राधिकरण का पंजा चल रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल जनवरी से अब तक 10 महीने में एमडीडीए करीब 6 हजार बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त किया जा चुका है। एमडीडीए ने भविष्य में बगैर नक्शा स्वीकृत कराए अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान और तेज करने की चेतावनी भी दी है। 131 जगहों पर अवैध प्लॉटिंग
प्राधिकरण ने शहर में 131 जगहों पर अवैध प्लॉटिंग की लिस्ट नाम समेत वेबसाइट पर भी अपलोड की है। इलीगल प्लॉटिंग पर प्रहार करते हुए प्राधिकरण लगातार भंडाफोड़ करते हुए कार्रवाई में जुटा हुआ है। जिससे भूमाफिया का काला चिट्ठा पब्लिक के सामने आ रहा है। दून में किस तरह भू माफिया सक्रिय हैं। पिछले 3 महीने की कार्रवाई पर नजर डालें तो इस अवधि में करीब 2000 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त की गई है। एक के बाद अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त कर लैंड माफियाओं पर नकेल कसी जा रही है। लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड एमडीडीए अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त करने के साथ ही पब्लिक को अवेयर भी कर रहा है। एमडीडीए रोजाना वेबसाइट पर खसरा नंबर के साथ अवैध प्लॉटिंग एरिया का नाम अपलोड कर रहा है। जिससे लोग अवैध प्लॉटिंग के जाल में फंसने से बच सके। कई इलाके बने एपीसेंटरसहस्रधारा, शिमला बाईपास, धौलास, नेहरूग्राम समेत सहसपुर, विकासनगर व डोईवाला समेत ऐसे दर्जनों इलाको को चिन्हित किया गया है, जहां इलीगल प्लॉटिंग सबसे ज्यादा हो रही है। एमडीडीए की ओर से लगातार की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई से अवैध प्लॉटिंग के मामले सामने आ रहे हैं। लैंड माफिया एमडीडीए के निशाने पर है। एग्रीकल्चर लैंंड निशाने पर
एमडीडीए से नक्शा स्वीकृत कराने के लिए आर-3 लैंड होनी जरूरी है। एग्रीकल्चर लैंड में प्लॉटिंग की अनुमति नहीं मिलती, इसलिए माफिया गुपचुप तरीके से एग्रीकल्चर लैंड पर प्लॉटिंग कर सेल करते हैं। बाद में प्लाट खरीदने वालों को परेशानियां उठानी पड़ती है। बिल्डर व डेवलपर्स आस-पास चल रहे जमीन के भाव से कम दरों पर प्लॉट, दुकान, मकान, फ्लैट बेचकर चले जाते हैं। कई बार अवैध प्लॉटिंग पकड़े जाने पर लोग डीलर के चक्कर लगाते रहते हैं। लालच का झांसा देकर फंसा रहे कस्टमर आउटर वाले इलाकों में खेती की काफी जमीनें हैं। एग्रीकल्चर जमीन को किसानों से कम दामों में खरीद कर आवासीय में बेचा जा रहा है। पब्लिक भी सस्ते के लालच में आकर माफिया के चंगुल में फंस रही है। प्राधिकरण जमीन लेने से पहले जमीन की पूरी पड़ताल करने की अपील की है। हाल में ध्वस्त अवैध प्लॉटिंगजमीन स्थान का नाम 80 बीघा, धूलकोट माफी 373 बीघा, धौलास129 बीघा, विकासनगर 210 बीघा, सहसपुर162 बीघा, कंडोली 157 बीघा, शिमला बाईपास रोड 48 बीघा, हरभजवाला91 बीघा, तुनवाला66 बीघा, विधौलीजमीन खरीद से पहले जुटा लें जानकारी- एमडीडीए कार्यालय से भूमि के भू-उपयोग की जानकारी अवश्य लें और मकान बनाने को आर-3 लैंड ही खरीदें।- क्रय की जाने वाली भूमि व प्लॉट का ड्राफ्टमैन द्वारा बनाया गया की-प्लान प्राधिकरण कार्यालय में अवश्य उपलब्ध कराएं।- प्राधिकरण से स्वीकृत ले-आउट व नक्शा लेकर विक्रेता से स्वीकृत ले-आउट मानचित्र अवश्य लें। - इसका सत्यापन एमडीडीए कार्यालय से अवश्य कराएं। - एमडीडीए से स्वीकृत न होने वाले प्लॉट न खरीदें।
-यदि सूचित होने के बावजूद भी प्लॉट क्रय किया तो प्राधिकरण अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध सील व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। - official website- mddaonline.in पर है अवैध प्लॉटिंग की जानकारी - जमीन में कोई वाद-विवाद, सरकारी भूमि होने की राजस्व विभाग से परीक्षण करा लें। - राजस्व अभिलेखों में दर्ज नदी के क्षेत्र से 30 मीटर की दूरी छोड़कर ही जमीन खरीदें।अभियान की खास बातें. - अवैध प्लॉटिंग की लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड कर किया जा रहा पब्लिक को अवेयर - रोजाना हो रही कार्रवाई से सामने आ रहे नए मामले - सहस्रधारा, शिमला बाईपास, धौलास, नेहरूग्राम, सहसपुर, विकासनगर, रायपुर व डोईवाला बने एपीसेंटर- भूमाफिया के सक्रिय होने से जाल में फंस से भोले-भाले लोग - जमीन लेने से पहले कर लें पूरी पड़ताल- लैंडयूज सर्टिफिकेट अवश्य देख लें। इसे एमडीडीए से भी चेक करवा लें। - लैंड ध्वस्तीकरण व सीलिंग की कार्रवाई कर माफिया पर किया जा रहा कड़ा प्रहार अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ प्राधिकरण लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सभी इंजीनियर्स को ऐसी प्लॉटिंग की सूचना पर शीघ्र ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए गए हैं। अवैध प्लॉटिंग व बिल्डिंग निर्माण को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। -बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए
dehradun@inext.co.in