शासन में कई दौर की बैठक के बाद आखिरकार रोडवेज कर्मचारियों की मंगलवार रात्रि 12 बजे से शुरू हुई 48 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी के हस्तक्षेप के बाद बुधवार शाम को स्थगित हो गई.


देहरादून, (ब्यूरो): शासन में कई दौर की बैठक के बाद आखिरकार रोडवेज कर्मचारियों की मंगलवार रात्रि 12 बजे से शुरू हुई 48 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी के हस्तक्षेप के बाद बुधवार शाम को स्थगित हो गई। सीएम के निर्देश पर सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत ने राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों को परमिट देने की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। बकायदा, इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो परिवहन निगम की आपत्तियों का निस्तारण करेगी। इसके अलावा इस मामले का परीक्षण कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इधर, हड़ताल खुलने के बाद शाम 5 बजे से बसों का संचालन शुरू हो गया। जिससे यात्रियों को राहत मिली।ये थी प्रमुख मांगें-13 राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों को परमिट देने के विरोध-करीब 3000 विशेष श्रेणी व संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण।


-स्टेट में डग्गामार निजी बसों का संचालन पर लगे रोक।

75 परसेंट बसें रहीं प्रभावित

स्टेट में परिवहन निगम के लिए अधिसूचित 13 राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों को परमिट देने के विरोध समेत कई मांगों को लेकर परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा से जुड़े रोडवेज कर्मचारी मंगलवार रात 12 बजे से राज्यव्यापी हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल से पहले मंगलवार रात लंबी दूरी के मार्गों पर जाने वाली अधिकतर बसों पर चालक-परिचालक डयूटी पर नहीं गए। जिस कारण बस संचालन पहले ही प्रभावित हो गया था। बुधवार को प्रदेश के सभी डिपो और निगम वर्कशाप में संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन के साथ नारेबाजी की। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के हड़ताल में शामिल न होने के कारण प्रदेशभर में करीब 25 परसेंट बसों का संचालन पर्वतीय व स्थानीय मार्गों पर हुआ। लेकिन, लंबी दूरी व मैदानी मार्गों की 75 परसेंट बस सेवाएं प्रभावित रहीं। अनुबंधित बस आपरेटरों के समर्थन के कारण वोल्वो और सीएनजी समेत 400 अनुबंधित बसें भी नहीं चलीं। हड़ताल पर एक नजर-रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद हड़ताल में नहीं हुआ शामिल।-इससे प्रदेशभर में करीब 25 परसेंट बसों का संचालन पर्वतीय व स्थानीय मार्गों पर हुआ।-जबकि, लंबी दूरी व मैदानी मार्गों की 75 परसेंट बस सेवाएं प्रभावित रहीं।-अनुबंधित बस आपरेटरों के समर्थन के कारण वोल्वो व सीएनजी समेत 400 अनुबंधित बसें भी नहीं चलीं।
दरअसल, हड़ताल को लेकर सोमवार व मंगलवार को हुई वार्ता विफल रहने के बाद हड़ताली कर्मचारियों से बुधवार को सचिव परिवहन ने फिर दो दौर की वार्ता की। सचिव के अनुसार निजी बसों को परमिट देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। विशेष श्रेणी व संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर एमडी की अध्यक्षता में समिति बनाने पर सहमति बनी है, जो 24 नवंबर तक सीनियरिटी के आधार पर कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी। जैसे ही शासन अन्य विभागों के लिए नियमितीकरण का निर्णय लेगी, उसी आधार पर परिवहन निगम में भी नियमितीकरण किया जाएगा। ये भी बताया गया है कि स्टेट में डग्गामार निजी बसों का संचालन रोकने के लिए आरटीओ को लगातार 15 दिनों तक अभियान चलाने के लिए कहा गया है।

dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive