एनएच के पुश्ते पर फिर बाजार आबाद किराये पर मिल रही दुकानें
देहरादून (ब्यूरो)। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्रेमनगर में नेशनल हाईवे (एनएच) के पुश्ते से अतिक्रमण हटाया गया था। इसके बाद दोबारा अतिक्रमण हुआ तो फिर से प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कोशिश की। लेकिन, एक बार फिर से यहां कुछ दुकानें बनकर तैयार हो गई हैं। यही नहीं जो टिनशेड की अस्थाई दुकानें बनकर तैयार हुई हैं, उनमें से कुछ ओनर किराए पर चढ़ाने के लिए भी तैयार हैं। फ्राइडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने दुकानें किराए पर लेने की हकीकत जानी तो कुछ दुकानों के ओनर अस्थाई दुकानें किराए पर देने को तैयार हो गए। खास बात ये है कि इनमें कुछ ऐसे व्यापारी मिले, जिनके पास पहले से दूसरी दुकान मौजूद हैं। इधर, कुछ व्यापार संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि ये सरासर प्रशासन की कमी है। व्यापारी वर्ग एनएच से विस्थापन मांग रहे हैं। लेकिन उन्हें नहीं दिया जा रहा है। जबकि वे कई दशकों से इसी स्थान पर अपना कारोबार चला रहे हैं।
किराये पर देने की तैयारी
पहला दुकान मालिक
रिपोर्टर--भाई साहब, ये टिनशेड वाली दुकान किराए पर मिलेगी।
व्यापारी---आप कहां से।
रिपोर्टर---पहाड़ से आया हूं। कोई व्यवसाय करना चाहता हूं।
व्यापारी--क्या व्यवसाय करना चाहते हो।
रिपोर्टर--कपड़े का।
व्यापारी--दुकान मिल जाएगी। लेकिन, अभी तैयार हो रही हे।
रिपोर्टर---दुकान तैयार होने में कितना समय लगेगा।
व्यापारी--अभी एक हफ्ता लगेगा।
रिपोर्टर--कोई बात नहीं। किराया कितना होगा।
व्यापारी--दस हजार तक होगा।
रिपोर्टर---भाई साहब, कहीं बाद में दुकान तो नहीं टूटेगी।
व्यापारी--जो होगा, सबके साथ होगा। अब तो इतनी दुकानें बनकर तैयार हो गई हैं।
रिपोर्टर--तो एक हफ्ते बाद आपसे संपर्क करूंगा।
व्यापारी--ठीक है।
रिपोर्टर--ये आपके बगल में जो दुकान खाली है किराए पर मिलेगी।
व्यापारी---मुझे मालूम नहीं, बगल पर रजाई गद्दे वालों से पूछ लो, उनके पास उनका नंबर होगा।
रिपोर्टर--(रजाई गद्दे के पास पहुंचे), भाई साहब ये खाली जिनकी दुकान है, उनका नंबर मिल जाएगा।
व्यापारी--वो गली में अंकल जी हैं, उनसे मिल जाएगा।
रिपोर्टर--(वहां पहुंचे), वो जो खाली दुकान है, उनके ओनर का नंबर मिल जाएगा।
व्यापारी--दुकान तो खाली है, किस चीज की दुकान खोलना चाहते हैं।
रिपोर्टर--हाजरी की।
व्यापारी--उनका नंबर मेरे पास नहीं है। लेकिन, वे किराए पर दुकान दे देंगे।