कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना से दून समेत समूचे उत्तराखंड में जबरदस्त गुस्सा है। घटना को देखते हुए मेडिकल कम्युनिटी लामबंद है। सैटरडे को उत्तराखंड में इसका असर देखने को मिला। राजधानी दून से लेकर पूरे राज्य में सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटलों में जहां ओपीडी सेवाएं ठप रहीं। वहीं नर्सिंग होम्स क्लीनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर्स ने भी अपनी सेवाएं बंद रखी। हॉस्पिटलों में न ओपीडी चल पाईं और न ही सर्जरी हो पाईं। इस वजह से मरीजों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

देहरादून (ब्यूरो) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर सैटरडे को सुबह 6 बजे से संडे सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था। जिसके तहत सरकारी व प्राइवेट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर रहे। आईएमए और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के बैनर तले डॉक्टरों ने पूरे स्टेट में धरना-प्रदर्शन किया। सड़कों पर रैली निकालीं। इस दौरान नर्सिंग अफसर, फार्मेसिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया। शाम को कैंडल मार्च व श्रद्धांजलि सभा कर दिवंगत डॉक्टर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

ये रहा आंदोलन का असर
-स्टेट में जिला हॉस्पिटल से लेकर पीएचसी-सीएचसी तक में ओपीडी सेवाएं रहीं ठप।
-कु्रछ कॉरपोरेट व बड़े हॉस्पिटलों को छोड़ लगभग सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम भी रहे बंद।
-ज्यादा दिक्कत उन मरीजों को हुई, जिन्होंने कई दिन पहले से ही डॉक्टरों से कंसल्टेंसी के लिए लिया था अपॉइंटमेंट।
-मानसून सीजन में मौसम के उतार-चढ़ाव के चलते लोग सीजनल बीमारियों का कर रहे हैं सामना।

चरमराई व्यवस्था, भटकते रहे पेशेंट्स
डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के चलते सबसे ज्यादा दिक्कतें पेशेंट्स को हुईं। मरीज दिनभर उपचार के लिए इधर-उधर भटकते देखे गए। डायग्नोस्टिक सेंटर की हड़ताल से पेशेंट्स की सामान्य जांचें तक नहीं हो पाईं। हालांकि, आईसीयू, कैजुअल्टी व इमरजेंसी को हड़ताल से मुक्त रखा गया था। कुछ बड़े अस्पतालों के खुले रहने से थोड़ा बहुत मरीजों ने राहत की सांस ली।

डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध जताया विरोध
कोलकाता प्रकरण में श्री महंत इन्दिरेश हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने भी विरोध जताया। उन्होंने सैटरडे को विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। डॉक्टरों ने एक सुर में कहा कि कोलकाता में हुआ घटनाक्रम एक हृदयविदारक घटना है। डॉक्टरों ने दोषियों के विरूद्ध सख्त सजा दिलाने की मांग की। देर शाम डॉक्टरों ने कैंडिल मार्च निकालकर दिवंगत आत्मा के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज़ के प्राचार्य डॉ।अशोक नायक ने कहा कि समाज के हर वर्ग में इस जघन्य कृृत्य को लेकर आक्रोश है।

कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
महानगर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष उर्मिला ढौंडियाल थापा के नेतृत्व में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उधमङ्क्षसहनगर में नर्स की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में एस्लेहॉल चौक प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला फूंका। उर्मिला ढौंडियाल कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। वनंतरा प्रकरण में आज तक वीआईपी का नाम उजागर नहीं हो पाया है।

एबीवीप का विरोध प्रदर्शन
बंगाल की घटना को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें प्रदेशभर से पहुंचे संगठन कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया और मांग की कि सीबीआई आरोपियों को कड़ी से कड़ी का सजा दिलाए।

विकासनगर में भी ओपीडी रही ठप
कोलकाता की घटना के विरोध में विकासनगर में भी सरकारी व गैर सरकारी हॉस्पिटलों में डॉक्टर व स्टाफ के कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर रहे। जिस कारण मरीजों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ी। केवल सीरियस मरीजों व डिलीवरी को आने वाली महिलाओं को ही उपचार मिला। बताया जा रहा है कि संडे को सरकारी हॉस्पिटलों में ओपीडी बंद रहने से और परेशानी बढ़ जाएगी।

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Posted By: Inextlive