आखिर कौन हैं ये लोग, जो स्मार्ट सिटी की बसों को नहीं चलने दे रहे हैं
- सहस्रधारा रोड पर कार सवार युवकों ने बस चालक पर हमला बोला, अस्पताल में भर्ती, केस दर्ज
- घटना के विरोध में हड़ताल पर गए चालक-परिचालक, दिनभर खड़ी रहीं स्मार्ट बसें
ई बसेज पर एक नजर
-दून में चलती हैैं 30 इलेक्ट्रिक बसें
-इन बसों से रोज सफर करते हैं 6 हजार लोग
-कइयों को ये स्मार्ट सेवाएं नहीं आ रहीं रास
-आए दिन बसों के चालकों व परिचालकों के साथ मारपीट
-पूरे दिन शहर में बसों का संचालन रहा ठप
-सुबह से लेकर शाम तक बस न चलने से लोग रहे परेशान
सहस्रधारा जा रही थी बस
घटना के बारे में बताया गया कि स्मार्ट सिटी की इलेक्ट्रिक बस यूके 07 पीए-4920 आईएसबीटी से सहस्रधारा जा रही थी। इस दौरान आगे चल रही एक कार में बस की साइड लग गई। आरोप है कि कार सवार चार युवक बाहर उतरे और बस चालक प्रवीण पाल को बुरी तरह पीट डाला। आरोप हैं कि इस दौरान आरोपियों ने चालक पर बिना पूछे ही रॉड से हमला बोल दिया। जिस कारण चालक के सिर पर चोट आ गई। बीच-बचाव के लिए जब परिचालक आया, युवकों ने उससे भी मारपीट की और कैश बैग लूट लिया। इस बीच गंभीर रूप से घायल चालक को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा। हालांकि, अब चालक को ट्रीटमेंट दिए जाने के बाद घर भेज दिया गया। लेकिन, जब मामले को लेकर परिचालक की ओर से घटना की तहरीर राजपुर थाने में दी गई। पुलिस ने तहरीर लेने से ही मना कर दिया।
-जौलीग्रांट एयरपोर्ट
-सेलाकुई
-राजपुर
-रायपुर
-सहस्रधारा
-सेलाकुई
पूरे दिन रहा कार्यबहिष्कार
घटना के बाद और पुलिस की कार्यशैली से नाराज स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों के सभी चालक-परिचालक शुक्रवार को पूरे दिन कार्य बहिष्कार पर रहे। जिस कारण ई-बसों से सफर करने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, चालक-परिचालकों ने ट्रांसपोर्टनगर वर्कशॉप में भी विरोध प्रदर्शन किया।
घटना को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। आरोप हंै कि पुलिस ने चार आरोपियों गौरव ङ्क्षसह, राहुल रावत, मुकेश रावत व अमन भंडारी के खिलाफ शांतिभंग की धारा में चालान किया। कुछ देर हिरासत में रखकर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। शुक्रवार को हड़ताल के बाद पुलिस ने सामान्य मारपीट की धारा में केस दर्ज किया। बीजेपी से जुड़े बताए जा रहे आरोपी
हमला करने वाले आरोपी युवक बीजेपी के एक प्रांतीय नेता से जुड़े बताए जा रहे हैं। इसी नेता के दबाव में पुलिस ने पहले तो केस दर्ज नहीं किया। उसके बाद हल्की धाराएं लगा दीं। जानकारी दी जा रही है कि ये नेता ट्रांसपोर्टनगर वर्कशॉप में पहुंचकर चालक-परिचालकों पर समझौता करने का प्रेशर बनाते रहा।
35 मूक बधिर बच्चे नहीं जा पाए स्कूल
ई-बसों में करीब 30 से 35 मूक-बधिर बच्चे रोज स्कूल जाने के लिए सफर करते हैं। ये कृषाली चौक से तमाम स्थानों तक पहुंचते हैं। उनको शुक्रवार को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इन बच्चों के लिए सीईओ स्मार्ट सिटी की ओर से कर्मचारियों को साइन लैंग्वेजेज तक की ट्रेनिंग लेनी पड़ी। जिससे इन बच्चों को कोई परेशानी न हो।
बताया जा रहा है कि शहर में अब ई-बसें लोगों की खास पसंद बन गई हैं। फुल एसी व सुविधाओं से लैस होने के कारण इनसे सफर करने वाले पैसेंजर्स दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में स्वीकार नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसी वजह से दूसरे पब्लिक ट्रांसपोर्टर्स संचालक इलेक्ट्रिक बसों के विरोध में हैं। जिस कारण अक्सर ये घटनाएं सामने आ रही हैं।
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