10 साल बाद नाले में उतरी जेसीबी, फिर भी अधूरी सफाई
देहरादून ब्यूरो।
यह गंदा नाला दून रेलवे स्टेशन और सहारनपुर चौक से शुरू होकर देहराखास से होकर निकलता है। कई तरह के कैमिकल वाला गंदा पानी लगातार इस नाले में बहता है। साल दर साल इस नाले में कचरा जमा होता है और अब कचरे में बड़े-बड़े ढेर नाले में नजर आते हैं। नाले के दोनों और कुछ बस्तियों के साथ ही दून के दो बड़े मेडिकल कॉलेज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज भी हैं।
नाले के हालत में छापी थी खबर
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गंदे नालों की सफाई को लेकर चलाये गये अभियान में इस नाले में फोकस करके खबर छापी थी। खबर छपने के बाद थर्सडे को नाले की सफाई का काम शुरू हुआ। सैकड़ों टन मलबा पिछले कई सालों से इस नाले में जमा है। इसे हटाने के लिए एक जेसीबी मशीन नाले में उतारी तो गई, लेकिन करीब दो घंटे बाद ही जेसीबी लौट गई। नाले के कुछ मीटर हिस्से को ही इस दौरान साफ किया गया। नाले में लगातार बढ़ते कचरे के ढेर के कारण बरसात के दिनों में नाला चोक होने की पूरी आशंका है। ऐसा होने में आसपास की बस्तियों के साथ ही दोनों मेडिकल कॉलेजों तक नाले का पानी पहुंच सकता है। इसके साथ ही नाले से लगे कुछ खेत भी खराब हो सकते हैं।
नगर निगम के सूत्रों के अनुसार इस नाले में जेसीबी तो उतारी गई थी, लेकिन नाले का ज्यादातर हिस्सा काफी संकरा है और वहां जेसीबी चलाना संभव नहीं है। जितने हिस्से में जेसीबी से सफाई की जा सकती थी, उतनी कर दी गई है। यानी कि इस नाले को न सिर्फ इस वर्ष बल्कि भविष्य में भी साफ किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में यह नाला बड़ा नासूर बन सकता है, क्योंकि अब तक जितना कचरा भर चुका है, उसे मैनुअली साफ करना संभव नहीं है।