आंचल दूध शक के घेरे में
देहरादून (ब्यूरो)। डीएम सोनिका ने जिले में खाद्य पदार्थों की नियमित जांच के लिए अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए थे। इस आदेश का पालन करते हुए एफडीए टीम द्वारा खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे है। ट्यूजडे को एफडीए की टीम दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ रायपुर स्थित प्लांट में पहुंची।
इंचार्ज को दिया गया नोटिसनिरीक्षण के दौरान टीम को इस प्लांट में साफ-सफाई पैरामीटर्स के अनुसार नहीं मिली। इसके लिए डेयरी के इंचार्ज को धारा 32 के तहत नोटिस दिया गया है। सफाई व्यवस्था में तय समय सीमा के भीतर सुधार नहीं किया गया तो खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पांच सैंपल लिये गये
एफडीए की टीम ने स्कूलों में पोषाहार आपूर्ति के लिए तैयार किये जा रहे दूध की क्वालिटी जांच के लिए पैकेट बंद और लूज दूध के 5 सैंपल भी लिये। इन सभी सैंपल को जांच के लिए रुद्रपुर स्थित लैब में भेजा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि लैब की रिपोर्ट में यदि सैंपल पैरामीटर के अनुसार नहीं पाये गये तो प्लांट के खिलाफ खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पोषाहार योजना का दूध होता है तैयार
रायपुर स्थित इस दुग्ध प्लांट में आंचल ब्रांड के नाम से फुल क्रीम दूध, डबल टोंड दूध, स्किम्ड मिल्क आदि मिल्क प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। हर रोज करीब 8 से 10 हजार लीटर दूध प्लांट में तैयार होता है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत फोर्टीफाइड फ्लेवर्ड स्किम्ड मिल्क पाउडर भी यहां तैयार किया जाता है। इसमें विटामिन ए और डी भी ऐड कर दूध को फोर्टीफाइड किया जा रहा है। फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के दिशा निर्देश के अनुरूप प्लस एफ लोगो भी फोर्टीफाइड मिल्क की पहचान के लिए लेवल में लगाया जा जाता है। टीम में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह, योगेंद्र पांडे और मंजू रावत आदि मौजूद थे।