दून में एक कपल बुक लवर्स की हेल्प में जुटा है. बुक लवर्स को बुक्स के बारे में बताने से लेकर ऑथर और रीडर्स के बीच कनेक्शन बनाने तक यह कपल उनकी हेल्प करता है.


देहरादून,(ब्यूरो): दून में एक कपल बुक लवर्स की हेल्प में जुटा है। बुक लवर्स को बुक्स के बारे में बताने से लेकर, ऑथर और रीडर्स के बीच कनेक्शन बनाने तक यह कपल उनकी हेल्प करता है। बुक लवर्स के लिए यह कपल एक गाइड की तरह काम करता है। ऑथर्स की बुक्स को प्रमोट करना भी इस कपल का काम है और इसे ही उन्होंने अपना करियर बना लिया है।2015 में शुरू किया बुक क्लब
नेहा और उनके हस्बैंड रौशन को पढऩे का बेहद शौक था, लेकिन उन्हें अपने जैसे लोग नहीं मिल पाए। इसके बाद उन्होंने सोचा, क्यों न एक ऐसा प्लेटफार्म बनाया जाए, जहां दून के रीडर्स एक साथ आ सकें। इस सोच के साथ उन्होंने बुक क्लब की शुरुआत की। पहले केवल 10 से 15 लोग ही जुड़ पाए, लेकिन आज इसमें 25,000 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, जिसे उन्होंने आज बुकनड्र्स का नाम दे दिया है। ऑथर्स भी होने लगे कनेक्ट


नेहा और रौशन ने जब सोशल मीडिया पर बुक क्लब के पोस्टर और वीडियो डालने शुरू किए, तो बुक राइटर्स भी इसमें दिलचस्पी लेने लगे। उन्हें एक ऐसा प्लेटफार्म मिल गया, जहां वे अपनी बुक्स को प्रमोट कर सकते थे। शुरुआत में दून के लोकल राइटर्स और फिर दिल्ली और मुंबई के ऑथर्स भी अपनी बुक लॉन्च और प्रमोशन के लिए क्लब से जुडऩे लगे। इससे दून के कई ऑथर्स भी बुक लवर्स तक पहुंच पाए। उनके क्लब में दून और मसूरी के ज्यादा रीडर्स और राइटर्स जुड़े हैैं। पॉडकास्ट से भी जोड़ रहे हैं लोगों कोट्रेंड्स बदलने के साथ लोग डिजिटल मीडिया पर ज्यादा वक्त बिताने लगे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए नेहा और रौशन ने एक पॉडकास्ट चैनल भी शुरू किया, जिससे वे और ज्यादा ऑडियंस तक पहुंच सकें। आज तक वे 100 से ज्यादा एपिसोड्स बना चुके हैं, जिनमें सिर्फ बुक के बारे में ही डिसकस किया जाता है, इसमें सेलेब्रिटीज और ऑथर्स को भी इनवाइट करते है ताकि ज्यादा लोग इससे कनेक्ट हो सकें। सुधा मूर्ति, कबीर बेदी, समीर सोनी, और मर्या गुरेती जैसे बड़े नाम भी इनमें शामिल हो चुके हैं। कैफे में बुक सेल्फ इफेक्टिव

दून में हर इलाके में कैफे मौजूद हैं। फैमिली या दोस्तों के साथ समय बिताना हो या ऑफिस मीटिंग करनी हो, कैफे बेहतरीन ऑप्शन बन गए हैं। नेहा और रौशन कैफे ओनर्स से बात करके उन्हें किताबें सजेस्ट करते हैं, जो वहां रखी जा सकती हैं। इससे न सिर्फ लोगों को एक अच्छा बुक कलेक्शन मिलता है, बल्कि ऑथर्स का भी प्रमोशन होता है। इंटरनेशनल ऑथर्स से भी कनेक्शननेहा और रौशन न सिर्फ दून के रीडर्स और ऑथर्स तक पहुंच रहे हैं बल्कि उनकी कोशिश रहती है कि इंडियन ऑथर्स की किताबें सिर्फ इंडिया में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी पहुंचें। दूसरे देशों के ऑथर्स को इंडिया के रीडर्स जान सकें, इसके लिए वे वर्चुअल सेशंस के जरिए यूएस के ऑथर्स को भी कवर कर चुके हैं। जब हमने बुक क्लब की शुरुआत की थी उस टाइम दून में बुक रीडर्स मौजूद थे। लेकिन, वो आपस में कनेक्ट नहीं कर पाते थे। ये बुक क्लब क्रिएट करने का यही मकसद था कि रीडर्स और राइटर्स को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिले जहां आपस में सारे लोग हर तरह के बुक्स के बारे में डिस्कस कर सकें, जिससे लोगों को अपने इंट्रेस्ट के अलावा दूसरे ऑथर्स और बुक्स के बारे में भी पता चले।-नेहा राज, को-फाउंडर बुकनड्र्स.

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Posted By: Inextlive