बारिश में बह गईं पानी की 990 योजनाएं
- प्रभावित क्षेत्रों में पानी का संकट गहराया, दून में 153 योजनाएं क्षतिग्रस्त
- पेयजल योजनाओं की मरम्मत को विभाग ने की 30 करोड़ रुपए की मांग
देहरादून (ब्यूरो): इसमें 226 योजनाएं पेयजल निगम हैं, बाकी 764 जल संस्थान की हैं। उत्तरकाशी में सर्वाधिक 317 स्कीम डैमेज हुई हैं। इसके बाद दून में 153 योजनाएं जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पेयजल योजनाओं के टूटने से संबंधित क्षेत्रों में पानी का संकट खड़ा हो गया है। क्षतिग्रस्त योजनाओं के लिए करीब 30 करोड़ रुपए बजट की डिमांड की गई है।
दून की 153 स्कीम डैमेज
बारिश के कारण उत्तरकाशी के बाद दून में सर्वाधिक पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। दून में कुल 153 योजनाएं बारिश और बाढ़ के चलते डैमेज हुई हैं। इन योजनाओं को अस्थाई तौर पर ठीक करके पेयजल आपूर्ति सुचारू की गई है, लेकिन अधिकांश योजनाएं वैकल्पिक तरीके से चल रही हैं, जिससे पानी की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। जगह-जगह से पेयजल लाइनें लीकेज हैं, जिससे अधिकांश पानी बेकार जा रहा है। पेयजल योजनाओं की जल्द मरम्मत के लिए जल संस्थान ने डीएम को प्रस्ताव भेजा है। बजट मिलते ही योजनाओं की मरम्मत की जाएगी।
डिस्ट्रिक्ट डैमेज स्कीम बजट की डिमांड
देहरादून 153 471.88
उत्तरकाशी 317 686.80
अल्मोड़ा 6 11.50
बागेश्वर 20 36.80
चमोली 54 107.61
चंपावत 4 21.20
हरिद्वार 19 191.23
नैनीताल 62 304.58
पौड़ी 117 342.99
पिथौरागढ़ 89 237.74
रुद्रप्रयाग 41 114.20
टिहरी 108 253.74
यूएसनगर 0 0.00
टोटल 990 29.80
(बजट की मांग रुपए लाख में)
12
लाख दून की पॉपुलेशन
1.35
करोड़ प्रदेश की पॉपुलेशन
8.15
लाख टोटल वाटर कंज्यूमर्स
1.65
लाख दून में वाटर कंज्यूमर्स
990
स्कीम हुई हैं क्षतिग्रस्त
30
करोड़ बजट की डिमांड
दून में इतने कंज्यूमर्स
49610
कंज्यूमर्स दून के साउथ डिविजन में
36142
कंज्यूमर्स हैं नॉर्थ डिविजन में
42276
कंज्यूमर्स हैं रायपुर डिविजन में
32338
कंजयूमर्स हैं पित्थूवाला डिविजन में
गढ़वाल में सर्वाधिक 809 स्कीम डैमेज
पेयजल विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक पेयजल योजनाओं को सबसे ज्यादा नुकसान गढ़वाल क्षेत्र में हुआ है। इस मानूसनी सीजन में गढ़वाल की 809 पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। इनकी मरम्मत पर करीब 724 लाख की जरूरत बताई जा रही है। इनमें से ज्यादातर स्कीम दुर्गम क्षेत्रों की है।
गढ़वाल के मुकाबले कुमाऊं में काफी कम पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा है। गढ़वाल में जहां 809 योजनाओं को नुकसान हुआ है वहीं कुमाऊं में केवल 181 योजनाएं ही बारिश, बाढ़ और भूस्खलन कारण डैमेज हुई है। इन योजनाओं की मरम्मत पर 161 लाख रुपये की जरूरत है। प्रदूषित पानी की हो रही आपूर्ति
कई जगहों पर पाइप लाइन लीकेज होने से बारिश और बाढ़ का पानी घरों तक पहुंच रहा है। मटमैला पानी पीने से लोग बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए योजनाओं की जल्द से जल्द स्थाई मरम्मत की मांग की जा रही है। पेयजल योजनाओं को बारिश के कारण भारी क्षति पहुंची है। क्षतिग्रस्त योजनाओं की अस्थाई तौर पर मरम्मत कर जलापूर्ति के प्रयास जारी हैं। लाइनों की स्थाई मरम्मत के लिए बजट के प्रस्ताव डिविजनों के स्तर से जिलाधिकारियों को भेज दिए गए हैं।
नीलिमा गर्ग, सीजीएम, जल संस्थान
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