भटवाड़ी मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्रताल ट्रेक पर ठंड लगने से मरे सभी 9 ट्रैकर्स के शव निकाले जा चुके हैं। थर्सडे को एयर फोर्स के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से सभी शव उत्तरकाशी से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाए गए। खोज-बचाव अभियान में उत्तराखंड के साथ कर्नाटक सरकार ने भी सहयोग किया।

देहरादून (ब्यूरो) सीमांत उत्तरकाशी जिले में स्थित सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्रताल ट्रैक पर ओलावृष्टि, वर्षा व बर्फबारी के चलते अत्यधिक ठंड लगने से तीन और चार जून को नौ ट्रैकर की मौत हो गई थी। हालांकि, खोज-बचाव अभियान में 13 ट्रैकर को सुरक्षित निकाल लिया गया। वेडनसडे को वायु सेना ने चीता हेलीकॉप्टर की मदद से सहस्रताल क्षेत्र से पांच ट्रैकर के शव उत्तरकाशी के नटीण पहुंचाए गए थे। लेकिन, प्रतिकूल मौसम के चलते दोपहर बाद खोज-बचाव अभियान रोकना पड़ा। थर्सडे सुबह दोबारा अभियान शुरू किया गया और सहस्रताल क्षेत्र में मिले चार अन्य शव भी उत्तरकाशी पहुंचा दिए गए। सभी शव वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाए गए। वेडनसडे व थर्सडे को चले रेस्क्यू अभियान में उत्तरकाशी जिला प्रशासन के अलावा वायु सेना, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, एनआईएम, एनडीआरएफ, पुलिस, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, होमागार्ड, पीआरडी, आपदा प्रबंधन विभाग और टिहरी व देहरादून जिला प्रशासन ने भी सहयोग किया।

29 मई को रवाना हुआ था दल
दरअसल, तीन गाइड समेत कर्नाटक ट्रैङ्क्षकग एसोसिएशन का 25-सदस्यीय ट्रैकिंग दल 29 मई को उत्तरकाशी के सिल्ला गांव से सहस्रताल के लिए रवाना हुआ। दल में 21 ट्रैकर बेंगलुरू (कर्नाटक) और एक ट्रैकर पुणे (महाराष्ट्र) का था। जबकि, तीनों गाइड उत्तरकाशी के थे। बेस कैंप से पांच किमी दूर सहस्रताल समिट के लिए यह दल तीन जून की सुबह रवाना हुआ। समिट के बाद दल को बेस कैंप लौटना था, लेकिन सहस्रताल क्षेत्र में ओलावृष्टि, वर्षा व बर्फबारी होने के कारण वह बीच में ही फंस गया। इसके बाद यह हादसा हुआ।

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Posted By: Inextlive