नाम है स्वदेश कुमार राय. पद हेड कांस्टेबल और कार्यस्थल साइबर थाना देहरादून. जी हां. हम बात एक ऐसे शख्स की कर रहे हैं जिन्होंने साइबर फ्रॉड से संबंधित वैरीफिकेशन के लिए नॉनस्टॉप लगातार 78 दिन लगा दिए.


देहरादून,ब्यूरो: नाम है स्वदेश कुमार राय। पद हेड कांस्टेबल और कार्यस्थल साइबर थाना देहरादून। जी हां। हम बात एक ऐसे शख्स की कर रहे हैं, जिन्होंने साइबर फ्रॉड से संबंधित वैरीफिकेशन के लिए नॉनस्टॉप लगातार 78 दिन लगा दिए। इन दो-ढ़ाई महीनों के दौरान उन्होंने न केवल 61 संदिग्ध अपराधियों का सत्यापन किया, बल्कि 16 से ज्यादा राज्यों का दौरा भी किया। ये कार्य किसी चैलेंज से कम नहीं था। लेकिन, अधिकारियों के निर्देश और अपनी ड्यूटी के प्रति कर्तव्यनिष्ठा उनके लिए सर्वोपरि था।आदेश मिलते ही रवाना हो गए
स्वदेश कुमार को अपने विभाग के अधिकारियों की ओर से दिशा-निर्देश मिले कि उन्हें संदिग्ध अपराधियों का वैरीफिकेशन करना है। फिर क्या, जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए स्वेदश कुमार अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल पड़े। दरअसल, साइबर थानों से लेकर साइबर सेल में लगातार फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। एसटीएफ के साइबर थानों में आई शिकायतों के बाद अधिकारियों ने स्वदेश कुमार को संदिग्धों के वैरीफिशन की जिम्मेदारी सौंपी। उसके बाद एक-एक करके 16 राज्यों के लिए 78 दिनों की यात्रा पर स्वदेश कुमार निकल पड़े। स्वदेश कुमार का कहना है कि उनके लिए अधिकारियों के दिशा-निर्देश और ड्यूट के प्रति कर्तव्यनिष्ठा पहले थी।इन राज्यों तक पहुंचे स्वदेश कुमार-राजस्थान-दिल्ली-हरियाणा-पंजाब-यूपी-गुजरात


-महराष्ट्रमूलरूप से बलिया यूपी के रहने वाले स्वदेश कुमार कुंभ के दौरान वर्ष 1998 में उत्तराखंड कॉडर के हो कर रह गए। लेकिन, 4 वर्ष पहले ही उन्हें एसटीएफ साइबर थाने में हेड कांस्टेबल की जिम्मेदारी मिली है। तब से लेकर अब तक वे लगातार साइबर फ्रॉड, स्कैम जैसे केसेस पर विभाग का हाथ बढ़ा रहे हैं। 16 राज्यों का सफर स्वदेश कुमार ने 20 अगस्त 2024 से शुरू किया।

-तमिलनाडू-आंध्र प्रदेश-केरल-तेलंगाना-झारखंडसंदिग्धों की पहचान की, गोपनीय जानकारी लीस्वदेश कुमार के अनुसार उन्होंने इन राज्यों तक पहुंचकर साइबर फ्रॉड में शामिल संदिग्धों के वैरीफिकेशन के साथ उन्हें नोटिस सुपुर्द किया। संदिग्धों से कहा कि वे एसटीएफ साइबर थाना पहुंचकर जांच अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखें। इसके लिए वे बाकायदा उत्तराखंड से अकेले निकले। हालांकि, जिन राज्यों में वे पहुंच रहे थे। वहां संबंधित पुलिस का उन्हें सहयोग मिल रहा था। लेकिन, संदिग्धों तक पहुंचना या फिर उन्हें नोटिस तामील करना इनता आसान नहीं था। लेकिन, बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना टास्क पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 61 संदिग्ध अपराधियों का सत्यापन करने के साथ ही उनकी गोपनीय जानकारियों भी अपने अधिकारियों तक साझा की।मूलरूप से बलिया के रहने वाले
ये रहा स्वेदश कुमार का दौरापूरव में-पश्चिम बंगाल राज्य के मुर्शीदाबाद, नादिया जिलों के तहत उत्तर 24 परगना, थाना हिंगलगंज, सुन्दरवन (बंगलादेश बॉर्डर) तक।पश्चिम में- गुजरात राज्य के जिला आमेर, सूरत से लेकर द्वारिका व और राजस्थान के जिले बाडमेर जोधपुर (पाकिस्तान बॉर्डर) तक।उत्तर में- पंजाब राज्य के जिला चितरंजन, कपूरथला (पाकिस्तान बॉर्डर) तक।दक्षिण में- तमिलनाडू राज्य के जिला त्रिरूपाथरू पाचाल, कोयम्बटूर से रामेश्वरम तक।रेलवे स्टेशन तक रात गुजारनी पड़ीइतने दिनों के सफर में हेड कांस्टेबल स्वदेश कुमार राय ने अकेले ही बिना किसी त्योहार मनाये लगातार 78 दिनों तक बस, ऑटो, ट्रेन, स्ट्रीमर, नाव, मोटर साईकल, रिक्शा जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की मदद से अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचने में सफलता हासिल की। कुछ स्थानों पर उन्हें पैदल भी मूव करना पड़ा। रुकने के लिए उन्होंने होटल, ढ़ाबों के अलावा रेलवे स्टेशन पर रात गुजारनी पड़ी।लोगों से स्वदेश राय की अपील
50 वर्षीय स्वदेश कुमार की अब तक पुलिस महकमे में करीब 28 वर्ष की सेवा पूरी हो चुकी है। अपने अनुभव के आधार पर उनकी साइबर फ्रॉड के पीडि़तों से अपील है कि वे किसी का भी न तो वीडियो कॉल उठाएं, न लिंक पर क्लिक करें। शक व शंका होने पर 1930 पर कॉल करें। जिसके लिए साइबर थाना पुलिस चौबीसों घंटे मदद के लिए तैयार रहती है।पुलिस महकमे में तीसरी पीढ़ीस्वदेश कुमार राय को अपनी खाकी वर्दी से फक्र रहता है। वे अपनी तीसरी पीढ़ी के कर्मचारी हैं, जिन्होंने पुलिस विभाग में सेवा का मौका चुना है। इससे पहले उनके दादा और सगे चाचा पुलिस में सेवा दे चुके हैं।

dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive