Uttarakhand News: सूख गए उत्तराखंड के 6550 नेचुरल वाटर सोर्स
देहरादून (ब्यूरो) सारा की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीना ग्रेवाल ने बताया कि राज्य में गांव स्तर पर 5421 जल स्रोतों, विकासखंड स्तर पर सूखने के कगार पर पहुंच चुके 929 जल स्रोतों और जिला स्तर पर 292 सहायक नदियों व धाराओं का ट्रीटमेंट चल रहा है। उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय समितियों ने जो कार्य अनुमोदित किए हैं, उनमें 50 प्रतिशत अंश सारा और शेष वित्त पोषण संबंधित विभाग करेंगे। गंभीर श्रेणी में शामिल जलस्रोतों के रिचार्ज जोन का निर्धारण जियो हाइड्रोलाजिकल अध्ययन के उपरांत किया जाएगा।
2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रिचार्जजल संरक्षण अभियान-2024 में 2.51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी के सापेक्ष अब तक 2.38 मिलियन क्यूबिक मीटर रिचार्ज कर लिया गया है। बताया कि जल संस्थान एवं पेयजल निगम ने पेयजल आपूर्ति के ²ष्टिगत 500 ऐसे जलस्रोत चिह्नित किए हैं, जिनमें पिछले वर्षों में जल प्रवाह 50 प्रतिशत से भी कम हो गया है।
अमृत सरोवरों का होगा वेरिफिकेशन
प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए अमृत सरोवरों का ग्राउंड वेरिफिकेशन कराया जाएगा। एसीएस आनंद बद्र्धन ने स्प्रिंग एंड रिवर रिज्युविनेशन अथॉरिटी की सचिवालय में जिला व अंतरविभागीय समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्राकृतिक जलस्रोतों, नौले-धारों और नदियों के संरक्षण व इन्हें पुनर्जीवित करने के लिए बेहतर एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर शासन को भेजने को भी कहा। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उपचार के लिए चिह्नित किए गए जलस्रोतों व नदियों का जियो हाइड्रोलॉजिकल अध्ययन कराकर इनकी नियमित रूप से समीक्षा की जाए।
एसीएस आनंद बद्र्धन ने कहा कि अत्यधिक महत्वपूर्ण जलस्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवीकरण कार्य को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि रूरल व शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए लघु एवं दीर्घकालीन नीतियों पर कार्य करते हुए बेस्ट प्रैक्टिस अपनाई जानी चाहिए। उन्होंने सारा के अंतर्गत हो रहे कार्यों की जियो टैङ्क्षगग अनिवार्य रूप से करने, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भूजल रिचार्ज के कार्यों को तेजी से अमल में लाने, वर्षा आधारित सहायक नदियों व धाराओं की उपचारात्मक योजनाओं का निरूपण वैज्ञानिक ढंग से करने और जलस्रोतों के सतत अनुरक्षण में सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में अपर सचिव नमामि बंसल, रणवीर ङ्क्षसह चौहान मौजूद रहे, जबकि सभी डीएम वर्चुअल माध्यम से जुड़े। राज्य में जल स्रोतों पर एक नजर
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