638 गांवों ने ली पानी बचाने की शपथ
-जल जीवन मिशन के तहत अद्र्ध नगरीय और रूरल एरियाज में वल्र्ड वाटर डे पर लिए गए पानी के सैंपल
-दून में रूरल एरियाज के 121468 परिवारों को मिला स्वच्छ जल
दून के 638 गांवों ने ली शपथ
जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के परियोजना प्रबंधक आशीष कठैत ने बताया कि वल्र्ड वाटर डे पर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकें की। इस दौरान उन्हें 15वें वित्त आयोग और जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना के तहत जिले के 638 ग्राम पंचायतों ने आज वल्र्ड वाटर डे पर शपथ ली। इस दौरान उन्हें वाटर कर्जेवेशन की जानकारियां दी गई। इम्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी के माध्यम से पंचायत राज विभाग के सेक्रेट्री, विभागीय इंजीनियरों ने दो-दो गांवों में विलेज एक्शन प्लान की भी चर्चा की।
वाटर क्वालिटी को लिए सैंपल
इस दौरान वाटर क्वालिटी के लिए फील्ड टेस्टिंग किट के माध्यम से हर गांव से पानी के सैंपल लिए गए। आशीष कठैत ने बताया कि प्रत्येक गांव में 5-5 महिलाओं की टीम बनाकर को सैंपलिंग के लिए ट्रेंड किया गया है। इस दौरान किए गए सभी पानी के टेस्टिंग मानकों के अनुरूप पाए गए। जेजेएम योजना के तहत कम्युनिटी अंशदान के बारे भी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वाटर कंजरर्वेशन का यह काम अगले एक सप्ताह तक चलेगा।
जल संस्थान की अधिशासी अभियंता मोनिका वर्मा ने बताया कि वल्र्ड वाटर डे पर जेजेएम योजना के तहत शहर से सटे भगवंत पुर ग्राम पंचायत में ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों के साथ पीने के पानी को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान एफटीके किट के जरिए पेयजल गुणवत्ता के विभिन्न मानकों का परीक्षण किया गया, जिसमें सभी परीक्षण मानकों के अनुरूप पाए गए।
2024 तक नहीं रहेगा कोई वंचित
दून के रूरल एरियाज में लोगों को अब पानी के लिए नही तरसना पड़ेगा। जल जीवन मिशन के तहत शत प्रतिशत आबादी को 2024 तक पानी देना है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले दून जिले के रूरल एरिया में तकरीबन 1.27 लाख परिवारों के पास 2019 तक स्वच्छ जल नहीं पहुंच रहा था। अधिकांश लोग प्राकृतिक स्रोत, हैंडपंप, तालाब, नदी और नहरों पर निर्भर थे। गई जगहों पर लोग एक-डेढ़ किमी। दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। सरकार ने दावा किया है कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है। 2024 तक वंचित सभी परिवारों को हर हाल में स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा।
स्वच्छ पेयजल की कमी से सबसे ज्यादा हरिद्वार, यूएसनगर और अल्मोड़ा के लोग जूझ रहे हैं। दून का चौथा नंबर है। आंकड़ों पर नजर डालें तो हरिद्वार में 2.66 लाख, ऊधमसिंहनगर में 2.01 लाख, अल्मोड़ा में 1.28 लाख परिवारों के पास पानी का कनेक्शन नहीं था, इन सभी परिवारों को जेजेएम योजना के तहत पेयजल कनेक्शन निशुल्क मुहैया कराए जा रहे हैं।
7500 करोड़ की स्कीम पर काम
केंद्र की मदद से राज्य सरकार ने रूरल एरिया में पेयजल से वंचित लोगों के लिए 7500 करोड़ रुपये की जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना शुरू की है। 2019 में योजना को धरातल पर उतारना शुरू किया गया। योजना को करीब 3 साल बीत चुके हैैं। योजना के तहत पीने के पानी से महरूम राज्य के सभी परिवारों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। यह काम 2024 तक पूरा किया जाना है।
जेजेएम योजना के आंकड़ों पर नजर डालें तो योजना से पूर्व हुए सवें में राज्य में 14,94,414 परिवार पेयजल से वंचित थे, लेकिन अब तक योजना से 10,24,793 घरों को पाइपलाइन बिछाकर स्वच्छ जल पहुंचाया गया है। जेजेएम से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अब तक योजना के तहत 10 लाख से अधिक घरों में पानी के कनेक्शन दे दिए गए हैं। जल्द ही सभी को स्वच्छ पानी की आपूर्ति कराई जाएगी। अधिकांश घरों में आपूर्ति शुरू भी की गई है। सभी घरों में पेयजल कनेक्शन देकर सर्वसुलभ जलापूर्ति किए जान के प्रयास किए जा रहे हैं।
जेजेएम योजना के तहत अब तक लाभान्वित हुए परिवारों की स्थिति
जिला पानी से अब तक
वंचित योजना से
परिवार जुड़े परिवार
देहरादून 127731 121468
चमोली 77650 72309
बागेश्वर 55030 49750
उत्तरकाशी 71810 58006
पिथौरागढ़ 95479 73715
रुद्रप्रयाग 56779 42764
टिहरी 135110 100439
चंपावत 47993 35409
पौड़ी 116444 80157
नैनीताल 113624 67884
हरिद्वार 266743 148949
अल्मोड़ा 128792 71509
यूएसनगर 201229 102434
टोटल 1494414 1024793
प्रोजेक्ट शुरू : 15 अगस्त 2019
कंप्लीशन डेट: मार्च 2024
खर्च: 7500 करोड़
वाटर कनेक्शन: 14.94 लाख
अब तक कनेक्शन : 10.24 लाख जेजेएम योजना के तहत चल रहे कार्यों को तेजी से निर्धारित समय के भीतर करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक जेजेएम स्कीम के तहत करीब 75 प्रतिशत घरों में पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। 2024 तक सभी चिन्हित घरों को पानी के कनेक्शन मुहैया कराए जाने हैं, ताकि कोई भी परिवार स्वच्छ जल से वंचित न रह सके।
एसके विकास, अधीक्षण अभियंता, नोडल, जेजेएम, देहरादून
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