मानसून की दस्तक और वाटर लॉगिंग के कारण अब डेंगू का भी खतरा बढ़ गया है. सुकून की बात ये है कि अब तक इस सीजन में कोई भी डेंगू का केस सामने नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि ऐसे ही आम लोगों के साथ सरकारी व गैर सरकारी विभागों का सहयोग रहा तो इस बार डेंगू के खतरे से पूरा दून बच जाएगा.

देहरादून,(ब्यूरो): मानसून की दस्तक और वाटर लॉगिंग के कारण अब डेंगू का भी खतरा बढ़ गया है। सुकून की बात ये है कि अब तक इस सीजन में कोई भी डेंगू का केस सामने नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि ऐसे ही आम लोगों के साथ सरकारी व गैर सरकारी विभागों का सहयोग रहा तो इस बार डेंगू के खतरे से पूरा दून बच जाएगा। वहीं, दूसरी ओर एक नहीं, बल्कि, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के एक्शन प्लान के तहत करीब 40 से अधिक विभाग डेंगू के खात्मे के लिए जुटे हुए हैं। रोज मॉनिटरिंग जारी है। खास बात ये है कि प्रशासन व संबंधित विभाग ने आशंका जताई है कि बीते वर्षों के अनुभवों को देखते हुए कहीं ऐसा न हो कि इस बार डेंगू का डंक भयानक रूप न ले ले, इसके लार्वा के खात्मे के लिए अभी से कमर कस ली जाए।

साल-दर-साल ऐसे बढ़ा डेंगू
वर्ष 2019 में डेंगू के 4991 केस सामने आए। जबकि, 2020 में जिले में डेंगू को कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला। वर्ष 2021 में डेंगू का डंक बढ़ा और पॉजिटिव केस 126 तक पहुंचे। वर्ष 2022 में डेंगू के केस 1434 तक पहुंचे। वहीं, वर्ष 2023 में यही डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1201 तक पहुंची।

डेंगू, मलेरिया कंट्रोल को ये कर्मचारी तैनात
पद तैनात कर्मचारी
जिला मलेरिया अधिकारी 1
सहायक मलेरिया अधिकारी 2
सीनियर मलेरिया इंस्पेक्टर 1
मलेरिया इंस्पेक्टर 6
सीनियर फील्ड वर्कर 4
लैब टेक्नीशियन 4
हेल्थ वर्कर्स 55
आशा वर्कर्स 951

दून में 10 सालों में डेंगू पर एक नजर
वर्ष - पॉजिटिव केस
2015 - 829
2016 -1434
2017 - 366
2018- 314
2019- 4991
2020- 00
2021- 126
2022- 1434
2023 -1201

जंग में ये अफसर शामिल
जिला सर्विलांस अधिकारी, दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, क्षेत्रीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा, निदेशक मत्सय पालन, जिला क्रीडाधिकारी, राज्य कर आयुक्त, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, प्रधानाचार्य पैरामेडिकल कॉलेज, डीएफओ, मुख्य कृषि अधिकारी, जिला कारागार, निदेशक शहरी विकास अधिकारी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उघोग केन्द्र, स्टेशन मास्टर रेलवे, अध्यक्ष होटल संघ, अध्यक्ष निजी प्रयोगशाला संघ, अध्यक्ष आईएमए, जिला फेसिलिटेट आईईसी, जिला समन्वयक आशा कार्यक्रम, सचिव रेडक्रॉस सोसायटी व आरटीओ को शामिल किया गया है। सीएमओ की ओर से बाकायदा इनको सहयोग के लिए पत्र भी भेजा गया है।

डिपार्टमेंट्स की जिम्मेदारी
-नगर निगम-शहरी एरिया में साफ सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग आदि।
-पंचायती राज ग्रामीण विभाग-देहात एरिया में साफ-सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग।
- शिक्षा विभाग--12वीं तक के स्कूल में आने वाले बच्चों को डेंगू मलेरिया और संचारी रोग से बचाने को करेगा अवयेर।
-कृषि विभाग-- किसानों को अवेयर कर फसल में जल जमा न होने के लिए रहेगा अलर्ट। जिससे मच्छरों का लार्वा न पनप पाए।
-पशु चिकित्सा-- पशु पालकों को खासकर सूकर पालकों को आबादी से दूर गतिविधियां चलाने के निर्देश।
-जल निगम--सभी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के साथ शुद्ध पानी पीने के लिए भी अवेयर करने का जिम्मा।
-सिंचाई विभाग--नहर या फिर किनारों आदि में कर्मचारियों को दें निर्देश कि कहीं पर अनियंत्रित पानी एकत्र न होने पाए।
-सूचना विभाग--डेंगू को लेकर आम लोगों तक जनहित की सूचना प्रसारित करने की जिम्मेदारी।
-समाज कल्याण-दिमागी बुखार, संक्रामक रोग से कोई दिव्यांगजन पीडि़त हो तो उपचार कराएगा।
-उद्यान विभाग--मच्छरों से बचाव के लिए कहीं पर भी नर्सरी आदि में पानी एकत्र नहीं होने देगा।
-खाद्य एवं औषधि--रेस्टोरेंट, होटल्स आदि में खाने पीने के सामान के पास गंदगी न होने देने व खाद्य सामग्री खुले में सेल न हो पाए, जिम्मा।
-बीडीओ को निर्देश, जुलाई से नवंबर तक सप्ताह में एक बार हर इलाके में सबेरे 10 बजे से 11 बजे तक 1 घंटे पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चले।
-आरटीओ -- सिटी बसों, विक्रम, टैक्सी, ई-रिक्शा के मालिकों को निर्देशित करे कि वाहनों में पानी न जमा होने दें।
-पीडब्ल्यूडी --निर्माण कार्यों के परिसर में कहीं पर भी मच्छरों को न पनपने दें।
-ऊर्जा निगम-- सिटी में लगे बिजली के पोल, ट्रांसफॉर्मर व अन्य सामग्री का उचित रख रखाव करेगा।
-रोडवेज--आईएसबीटी कैंपस, बसों की छतों व यात्री विश्राम गृह में कहीं पर भी पानी जमा न रह पाए।
- एमडीडीए--प्राधिकरण की ओर से कराये जाने वाले निर्माण कार्यों पर नजर रखने का जिम्मा।

डेंगू के लिए मरीजों के लिए जिले में 1,213 बेड रिजर्व
डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। सीएमओ डॉ। संजय जैन ने थर्सडे को अपने ऑफिस में मीडिया से बातचीत में कहा कि समय रहते सामुदायिक जागरूकता से ही डेंगू संक्रमण के संभावित विस्तार और खतरे को कम किया जा सकता है। इसमें अंतर्विभागीय कॉर्डिनेशन से रणनीति बनाकर कंट्रोल की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

सीएमओ ने दी जानकारी
-संबंधित विभागों के संयुक्त प्रयासों से ही डेंगू रोकथाम अभियान संचालित।
-इस संबंध में लगातार अंतर्विभागीय समन्वय बैठकें की जा रही आयोजित।
-आशाओं से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर बाकी विभागों को किया जा रहा सूचित।
-सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को निर्देश, मरीजों के लिए सैपरेट वार्ड बने।
-उस वार्ड में कोई अन्य मरीज भर्ती न किया जाए।
-सरकारी हॉस्पिटलों में डेंगू टेस्ट किट समुचित मात्रा में उपलब्ध।
-निजी हॉस्पिटलों व लैबों को निर्देश जारी कर डेंगू जांच से संबंधित दरें तय।
-ब्लड बैंकों को भी निर्देश, ब्लड की उपलब्धता पोर्र्टल पर करें अपलोड।
-कंट्रोल रूम के लिए तय करेंगे रणनीति।
-मंडे को डीएम की अध्यक्षता में बैठक, इस पर तय होगी रणनीति।
-कंट्रोल रूम मरीजों को बेड, प्लेटलेट उपलब्ध कराने में भी मदद करेगा।

लार्वा मिला तो कार्रवाई तय
सीएमओ के मुताबिक वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम संयुक्त रूप से समुदाय में अभियान संचालित कर रहे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में लार्वा उन्मूलन का कार्य स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। जबकि, लार्वीसाइड का छिड़काव व फॉङ्क्षगग का कार्य नगर निगम कर रहा है। कहा गया है कि किसी भी घर, संस्थान में लार्वा मिलने पर चालान किया जाएगा। नगर निगम की ओर से लार्वा मिलने पर प्रति घर पहले 200, दोबारा लार्वा मिलने पर 500 और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से पहले 500 और दोबारा लार्वा मिलने पर 2000 का जुर्माना वसूला जाएगा।

डेंगू से बचाव के लिए हमारी ओर से टीम तैयार है। सिटी के अलग-अलग एरियाज में आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स की टीमें घर-घर जाकर लार्वा की जांच कर रही हैं। घर में या आसपास कहीं लार्वा पनप रहा है तो उसकी भी जांच की जा रही है। रोजाना मॉनिटरिंग भी की जा रही है। वहीं, सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है।
डॉ। संजय जैन, सीएमओ, दून.

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Posted By: Inextlive