100 वार्डों में हर रोज करीब 350 टन कचरा और इस कचरे को डोर टू डोर कलेक्शन के लिए सिर्फ 39 मिनी लोडर। स्वच्छ दून सुन्दर दून का नारा कितना सफल हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। रोज निकलने वाले कचरे और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए उपलब्ध मिनी लोडर के हिसाब से हर मिनी लोडर के हिस्से हर रोज 9 टन कचरा आता है।

देहरादून (ब्यूरो)। दून में पिछले 5 वर्षों से चेन्नई वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रही है। हालांकि अब एक नई कंपनी वाटर ग्रेस को यह काम सौंपा गया है, लेकिन फिलहाल पुरानी कंपनी की काम कर रही है। चेन्नई वेस्ट मैनेजमेंट को नगर निगम की ओर से 39 मिनी लोडर डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन के लिए उपलब्ध करवाये गये हैं। जबकि दून में वार्डों की संख्या 100 है। कुछ वार्डों में प्राइवेट लोग जुगाड़ वाले वाहनों से कचरा कलेक्शन कर रहे हैं और आधे से ज्यादा वार्डों में कोई व्यवस्था नहीं है।

नहीं कलेक्ट हो रहा पूरा कचरा
नगर निगम की माने तो सिटी में हर रोज 350 मीट्रिक टन कचरा जेनरेट होता है। 39 मिनी लोडर के लिए सारा कचरा कलेक्ट करके डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाना संभव नहीं है। रोज निकलने के हिसाब से हर लोडर को हर दिन करीब 9 मीट्रिक टन कचरा उठाना होगा, जो कि किसी भी हालत में संभव नहीं है। 39 वाहनों से बमुश्किल 100 मीट्रिक टन कचरा ही कलेक्ट हो पायेगा। इसका सीधा मतलब है कि 250 मीट्रिक टन कचरा हर रोज सड़कों, खाली प्लॉटों और नालों के हवाले कर दिया जाता है या जला दिया जाता है।

स्वास्थ्य अधिकारी लापरवाह
सिटी में सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार सीनियर हेल्थ ऑफिसर आम नागरिकों को फोन तक नहीं उठाते। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आम नागरिकों के फोन से दिनभर में कई बार सीनियर हेल्थ ऑफिसर डॉ। अविनाश खन्ना के नंबर पर फोन मिलाया। उन्होंने या तो फोन पिक नहीं किया और पिक किया तो बात नहीं की।

क्या कहते हैं दूनाइट्स
हम जिस क्षेत्र में रहते हैं वहां कचरा कलेक्ट करने वाली गाड़ी कभी-कभी ही आती है। ज्यादातर लोग खाली प्लॉटों में ही कचरा फेंकते हैं।
मो। नावेद

हमारे यहां नगर निगम की तरफ से कोई गाड़ी नहीं आती। कोई व्यक्ति रिक्शा पर बड़े-बड़े बारों में तीसरे-चौथे दिन आकर कचरा ले जाता है।
अनुराग गुप्ता

नगर निगम स्वच्छता की बात करता है, लेकिन सड़कों से लेकर गलियों तक कहीं भी ठीक से सफाई नहीं हो रही है। फिर भी दावे बड़े-बड़े किये जाते हैं।
गौरव

न तो कोई सफाई कर्मचारी गलियों में सफाई करने आता है, न कचरे की गाड़ी। लोग अपने-अपने तरीके से कचरे का निस्तारण करते हैं।
इमरान

Posted By: Inextlive