देश पर मर मिटने की बात हो तो उत्तरा ांड के जांबाजों को क ाी नहीं ाुलाया जा सकता है। आज कारगिल वॉर को 23 साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है इस युद्ध में दून ने अपने 26 जांबाजों को खोया। इसी क्रम में पूरा दून इनको श्रद्धासुमन याद कर रहा है।

-आज पूरे देश में कारगिल हीराजे को किया जा रहा याद, दून में आयोजित होंगे कई कार्यक्रम
-दून के 28 लाल हुए थे कारगिल वॉर में शामिल, 26 वतन के ाारित हो गए थे शहीद

देहरादून, 26 जुलाई (ब्यूरो)। हर वर्ष की तरह इस बार भी कारगिल दिवस पर पूरा दून देश पर मर मिटने वाले जांबाजों को याद कर रहा है। ये वही 26 दून के लाल हैं जिन्होंने अपने वतन के ाातिर प्राणों की बाजी लगा दी थी। इनमें राइफलमैन विजय भंडारी, नायक मेध गुंरूग, कश्मीर सिंह, देवेन्द्र सिंह, नायब सुबाब सिंह, नायक ज्ञान सिंह जैसे शामिल हैं।

कारगिल में शहीद हुए दून लाल
विजय भंडारी
नरपाल सिंह
तेनजिंग नामका
संजय गुरुंग
जयदीप सिंह ांडारी
कैलाश कुमार
जय सिंह नेगी
राजेश गुरुंग
कृष्णा बहादुर थापा
राजीव पुण्डीर
मोहन सिंह
विवेक गुप्ता
मेघ बहादुर गुरुंग
विजेन्द्र सिंह
सुंदर सिंह
हरी सिंह थापा
ज्ञान सिंह
नायक सुबाब सिंह
हीरा सिंह
दिलवर सिंह
मदन सिंह
कश्मीर सिह
शिवचरण प्रसाद
विक्रम सिंह
देवेन्द्र प्रसाद
रंजीत सिंह
कृष्णा बहादुर थापा

कारगिल वॉर के हीरो
देहरादून- 28
पौड़ी- 13
टिहरी - 8
नैनीताल - 5
चमोली - 5
अल्मोड़ा - 4
पिथौरागढ़ - 4
रूद्रप्रयाग - 3
बागेश्वर - 2
उधमसिंहनगर - 2
उत्तरकाशी - 1

बेटे की शहादत पर फक्र, सिस्टम से मायूस
कारगिल में शहीद हुए विजय सिंह भंडारी की मां राम चंदेरी देवी श्यामपुर में रहती है। बेटे ने कारगिल वार में शहादत दी। लेकिन, अब वह मायूस हैं। कहती हैं सरकार की ओर से प्रेमनगर मार्ग में शहीद बेटे के नाम पर गेट बनाया गया था। लेकिन 2018 में अतिक्रमण हटाओ अ िायान के दौरान तोड़ दिया था। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद दोबारा बनवाने का भरोसा दिया गया। आज तक नहीं बन पाया। शहीद की मांग कहती हैं कि उन्होंने कई बार विभागों के चक्कर काटे, कुछ फायदा नहीं हुआ।

23 साल बाद भी नहीं बना द्वार
दून के कालिदास रोड निवासी शहीद नायब सुबाब सिंह सजवाण कारगिल वार में शहीद हो गए। उनके बेटे प्रदीप सजवाण के अनुसार सरकार की ओर से उनकी स्मृति में प्रवेश द्वार बनाने के आदेश हुए। पहले काफी सालों तक ये नहीं पाया। इस बीच कई चक्कर काटने के बाद बीते वर्ष उम्मीद थी बन जाएगा। मंजूरी भी मिली, लेकिन साइज कम कर दिया गया।

2018 में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत मेरे बेटे के नाम से बना शहीद द्वार तोड़ दिया था, जो गलत था। विरोध भी हुआ। लेकिन, 6 साल होने वाले है। लेकिन, इसे लेकर कोई भी गंभीर नहीं है।
चंदेरी देवी, माता शहीद विजय भंडारी

मेरे पिता शहीद सुबाब सिंह सजवाण कारगिल वार में शहीद हो गए थे। इस दौरान सरकार की ओर से न्यू कैंट रोड पर उनकी याद में 2007 में शहीद द्वार बनाने की घोषणा हुई। आज तक ये बन नहीं पाया।
-प्रदीप सजवाण, पुत्र शहीद सुबाब सिंह

कारगिल हीरोज को ब्लड डोनेशन से याद किया
कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर वीरभूमि फाउंडेशन ने ट्यूजडे को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया। नगर निगम सभागार में आयोजित शिविर की शुरुआत मेयर सुनील उनियाल गामा व राजपुर रोड विधायक खजानदास ने की। शिविर में 108 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। संस्था के अध्यक्ष राजेश रावत ने 75वीं बार रक्तदान किया।
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Posted By: Inextlive