बरसात के मौसम में दून शहर की कई सड़कें तालाब बन जाती है। घरों में भी पानी घुसने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं लेकिन शहर की एक बड़ी आबादी को इस समस्या से निजात मिल जाएगी।

- बरसात में जलभराव से कई इलाकों के हालात हो जाते हैं खराब, मिलेगी बड़ी राहत
- सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड देहरादून को सौंपे गए हैं ड्रेनेज के तीन आउट ऑफ फॉल

देहरादून (ब्यूरो): शहर में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 210 किमी। आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज बनाया जा रहा है। इसमें से तीन आउट ऑफ फॉल डे्रनेज के काम काम सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड देहरादून का सौंपे गए हैं। सिंचाई विभाग ने दो आउट ऑफ फॉल पर काम शुरू कर दिया है, जबकि तीसरे पर कार्य शुरू की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। इन तीनों आउट ऑफ फॉल की लागत करीब 10 करोड़ रुपये है।

3 ड्रेनेज सिंचाई विभाग के सुपुर्द
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अनुसंधान और नियोजन खंड सिंचाई विभाग देहरादून को तीन आउट आफ फॉल ड्रेनेज का काम सौंपा गया है, जिसमें लैंसडौन, सहारनपुर चौक और रेसकोर्स आउट फॉल डे्रनेज शामिल हैं। 1429 मीटर लंबाई के इन तीनों की लागत करीब 10 करोड़ रुपये है। सहारनपुर चौक के ड्रेनेज को भंडारी बाग वाले गंदे नाले में छोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 288 मीटर है। जबकि रेसकोर्स को 829 मीटर दूर चंदर नगर नाले और लैंसडाउन चौक को 512 मीटर दर्शन लाल चौक में छोड़ा जाएगा।

चार क्यूसेक पानी की कैपेसिटी
सिंचाई विभाग के द्वारा बनाए जा रहे तीन बड़े आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज की 2 से 4 क्यूबिक मीटर पानी की कैपेसिटी बताई जा रही है। इन नालों की चौड़ाई 0.90 मीटर गुणा 1.125 मीटर गहराई से लेकर 1.6 मीटर चौड़ाई गुणा 2.20 मीटर गहराई है।

ये इलाके ज्यादा प्रभावित
-घंटाघर
-दर्शन लाल चौक
-एस्लेहॉल
-सुभाष रोड
-सर्वे चौक
-तहसील चौक
-प्रिंस चौक
-सहारनपुर चौक
-कांवली रोड
-चकराता रोड
-पटेल नगर

प्रोजेक्ट पर एक नजर
कार्य का नाम: स्मार्ट सिटी के तहत आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज
-शहर में आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज की लंबाई 210 स्क्वॉयर किमी।
-कार्यदायी संस्था: सिंचाई विभाग
-लागत 10 करोड़ रुपये
-लंबाई: 1429 मीटर
-वाटर कैपेसिटी: 2 से 4 क्यूबिक मीटर

स्मार्ट सिटी के तहत सिंचाई विभाग को तीन आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज के काम सौंपे गए हैं। इनमें रेसकोर्स लैंसडाउन आउट ऑफ फॉल का काम शुरू कर दिया गया है। इन आउट ऑफ फॉल के बनने के बाद शहर में जल भराव की समस्या काफी हद तक पूरी हो जाएगी। जून तक तीनों काम पूरे करने का टारगेट है।
राजेश लाम्ब, अधिशासी अभियंता, अनुसंधान एवं नियोजन खंड, सिंचाई विभाग, देहरादून
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100 वार्डों का ड्रेनेज मास्टर प्लान भी तैयार
सरकार ने दून शहर समेत राज्य के 6 शहरों के ड्रेनेज मास्टर प्लान का सर्वे पूरा हो गया है। दून के सभी 100 वार्डों में ड्रेनेज सिस्टम डेवलप करने के लिए मास्टर प्लान को जल्द धरातल पर उतारे जाने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक सर्वे का काम पूरा होने के बाद योजना के डिजाइन का काम चल रहा हैै। डिजाइन के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी, जिसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि जल्द ही मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा।

सिंचाई विभाग को सौंपा गया जिम्मा
इरीगेशन वक्र्स सर्किल रूड़की की ओर से मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार किया जा रहा है। निविदा की प्रक्रिया पूरी करने के बाद विभाग ने सर्वे का काम पुणे की कंपनी वैंकटेश्वर एंटरप्राइजेज कंसलटेंट एंड फीड बैक इंफ्रा प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने सर्वे का प्रथम चरण का काम पूरा कर लिया है। जल्द ही डिजाइन फाइनल होने के बाद डीपीआर को स्वीकृति के लिए शासन को भेजी जाएगी। डीपीआर स्वीकृत होते ही कार्य शुरू किया जाएगा।

दून को बांटा 3 जोन में
दून में वाटर स्टोर्म प्रोजेक्ट को तीन जोन में बांटा गया है। सॉग, सुसवा और आसन इन तीन जोनों में संबंधित क्षेत्र का ड्रेनेज वाटर छोड़ा जाएगा। रायपुर क्षेत्र के ड्रेनेज को सौंग नदी से जोड़ा जाएगा, जबकि शहर के बीच वाले इलाके घंटाघर क्षेत्र को सुसवा नदी और शिमला बाईपास क्षेत्र के ड्रेनेज को आसन नदी और इससे जुड़े गंदे नालों में टेप किया जाएगा।

इन 5 शहरों में सर्वे पूरा
ऋषिकेश
हरिद्वार
रुड़की
भगवानपुर
हल्द्वानी
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Posted By: Inextlive