साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिम कार्ड विदेश भेजने वाले एक गिरोह का उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स व आई4सी इंडियन साइबरक्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर ने पर्दाफाश किया है. बाकायदा गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने मंगलौर हरिद्वार से दबोचा है.


देहरादून, (ब्यूरो): साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिम कार्ड विदेश भेजने वाले एक गिरोह का उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स व आई4सी (इंडियन साइबरक्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर) ने पर्दाफाश किया है। बाकायदा, गिरोह के एक सदस्य को एसटीएफ ने मंगलौर हरिद्वार से दबोचा है। आरोपी के पास से 1816 सिमकार्ड, 2 चेक बुक, 5 मोबाइल व 2 बायोमेट्रिक डिवाइस भी बरामद की हैं। जांच एजेंसियों को ये भी जानकारी मिली है कि गिरोह अब तक 20 हजार सिम कार्ड दक्षिण एशियाई देश थाईलैंंड, कंबोडिया, म्यामार जैसे देशों के अलावा भारत के कई राज्यों के साइबर ठगों को उपलब्ध करा चुके हैं।स्पेशल टीम का गठन


एसटीएफ ऑफिस में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अप्रैल 2024 में माजरी माफी नेहरू कॉलोनी निवासी एक शख्स ने कंप्लेन दी थी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक वेबसाइट पर पैसा इनवेस्ट करने पर तीन गुना मुनाफा का झांसा दिया था। बदले में उससे 50 हजार रुपये की ठगी कर दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) की ओर से भी इनपुट्स मिले थे। एसएसपी एसटीएफ ने इसको लेकर एएसपी चंद्रमोहन सिंह के नेतृत्व में और सीओ अंकुश मिश्रा की देखरेख में टीम का गठन किया। जिसके बाद गठित टीम ने ठगी के लिए इस्तेमाल बैंक अकाउंट्स, मोबाइल नंबर की डिटेल जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि यह सिम कार्ड मंगलौर क्षेत्र से खरीदे गए थे।लालच देकर सिम कार्ड निकलवाएइसके बाद आईओ इंसपेक्टर विकास भारद्वाज की देखरेख में टीम ने क्षेत्र में जिन लोगों के नाम से यह सिम खरीदे गए थे। उनसे पूछताछ की, पता चला कि असलम निवासी मंगलौर जिला हरिद्वार ने गवर्नमेंट स्कीम के तहत कप का सेट देने की बात कहकर उनका आधार कार्ड, फोटो व एक मशीन पर अंगूठे का निशान लिया था। उन्हें धोखे में रखकर उनकी आईडी पर सिम कार्ड तक निकलवाया। इसके बाद साइबर थाने की टीम ने संडे को दबिश देकर आरोपी असलम को दबोच लिया।असलम ने पूछताछ में दी जानकारी-आरोपी ने अपने कस्बे की कई महिलाओं को फर्जी सरकारी स्कीम व कंपनी की ओर से कप का सेट देने का दिया लालच।-इस आधार बायोमेट्रिक व आधार कार्ड प्राप्त किए, वहीं, महिलाओं की आईडी पर फ्रॉड तरीके सिमकार्ड हासिल किए।-आरोपी ने इन सिमकार्ड से उसने सिमकार्ड से ओटीपी बनाकर विदेश में बैठे साइबर ठगों को बेच दिए।-हर सिमकार्ड के ओटीपी पर उसे 3 से 50 रुपये तक होता था मुनाफा

-इन्हीं सिम कार्ड के जरिए नेहरू कॉलोनी के व्यक्ति से की गई थी ठगी।सिम कार्ड से ठगी पर 25 केसएसएसपी एसटीएफ के मुताबिक आरोपी की ओर से चाइना, कंबोडिया, थाईलैंड भेजे गए 20 हजार सिम कार्ड से देश में करोड़ों की ठगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जांच में ये भी जानकारी मिली कि इन सिम कार्ड से ठगी करने पर अब तक देशभर में 25 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।अधिक लाभ कमाने का देते हैं लालच

विदेश में बैठे ठग इन सिमकार्ड के जरिए सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप , टेलीग्राम पर पोस्ट व विज्ञापन के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट की जानकारी देकर कम समय में अधिक लाभ कमाने का लालच देते हैं। आरोपियों की ओर से शुरुआत में छोटे निवेश में मुनाफे की रकम देते हैं। लेकिन, बाद में लिंक के माध्यम से निवेश के लिए फर्जी वेबसाइट से जोड़ दिया जाता है। जिसमें इनके नाम के बनाए गए फर्जी खातों व डेशबोर्ड में निवेश की गई धनराशि को मुनाफा सहित दिखाई जाती है। जिससे पीडि़तों को ज्यादा लाभ का भरोसा हो जाता है और अधिक से अधिक इन्वेस्टमेंट कर प्रॉफिट कमाने का लालच देकर लाखों, करोड़ों रुपये के फ्रॉड की घटनाएं की जाती हैं।
आईजी की अपीलआईजी नीलेश आनंद भरणे ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने मौकों, फर्जी साइट, दोगुना पैसा कमाने व टिकट बुक करने वालों के लालच न आएं। फर्जी निवेश ऑफर्स जैसे यू-ट्यूज, लाइक्स, सब्सक्राइब्स, टेलीग्राम आधारित इन्वेस्टमेंट ऑफर्स में निवेश करने से परहेज करें। ऑनलाइन जॉब के लिए आवेदन करने से पहले उस साइट का पूरा वेरिफिकेशन करना भी जरूरी है। खासकर वित्तीय साईबर क्राइम की घटना पर 1930 नंबर पर सम्पर्क करें।

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Posted By: Inextlive