Dehradun News: तीन दिन में 17 लोगों की मौत, राज्य में बारिश का कहर अभी भी जारी
देहरादून, (ब्यूरो): राज्य में हो रही भारी बारिश का कहर जारी है। 31 जुलाई से लेकर 2 अगस्त तक पूरे प्रदेश में 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसमें सबसे ज्यादा 6 लोगों की जान दून में गई। जबकि, हरिद्वार में 4, चमोली में 1, रुद्रप्रयाग में 3, टिहरी में 3 लोगों की मौत हुई। बताया गया है कि 31 जुलाई अतिवृष्टि से हरिद्वार जिले में 8, देहरादून में एक मिलाकर 9 लोग घायल हुए। जबकि, नैनीताल जिले में भारी बारिश से नाले के तेज बहाव में 7 वर्षीय बच्चा बहने से लापता हो गया।
केदारनाथ मार्ग 13 स्थानों पर ध्वस्त
लगातार हो रही बारिश के बीच वेडनसडे की रात हुई अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है। जबकि, धाम का पैदल मार्ग 13 स्थानों पर ध्वस्त हो गया है। कुबेर गदेरा, टीएफ चट्टी, रामबाड़ा, भीमबली, जंगलचट्टी, चीरबासा में अधिक नुकसान हुआ है। हालांकि, करीब 60 से ज्यादा श्रमिक मार्ग को ठीक करने में जुटे हैं। लेकिन, जिस तरह बोल्डर और मलबा गिरा है। कई जगह मार्ग बह गया है। उसको देखते हुए उसको ठीक होने में करीब सप्ताहभर से ज्यादा का वक्त लग सकने के आसार हैं। खास बात ये है कि मार्ग पर 10 ऐसे स्थान हैं, जहां मार्ग बुरी तरह टूट गया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केदारनाथ की पीडब्ल्यूडी शाखा के ईई विनय ङ्क्षझक्वाण के मुताबिक पैदल मार्ग को सुचारु करने का काम शुरू कर दिया गया है।
2,744 यात्री और निकाले
वेडनसडे की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और अतिवृष्टि से हुए भूस्खलन के बाद 150 लोगों से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा। इनमें अधिकांश यात्री बताए गए हैं। इससे ङ्क्षचतित परिजनों ने पुलिस को ये जानकारी दी है। एसपी रुद्रप्रयाग विशाखा अशोक भदाणे के आशुलिपिक नरेंद्र रावत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अभी धाम में 700 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। इन लोगों को सैटरडे शाम तक निकाल लिया जाएगा। बताया गया कि फ्राइडे को दिनभर में 2,744 यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें 559 लोग एयरलिफ्ट किए गए। ये धाम में और पैदल मार्ग पर फंसे थे। यात्रियों को निकालने में मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए एयरफोर्स के हेलीकाप्टर चिनूक और एमआई-17 भी राहत व बचाव अभियान से जुड़ गए हैं। हालांकि, चिनूक मौसम अनुकूल नहीं होने के चलते गौचर से उड़ान नहीं भर सका। जबकि, एमआई-17 एक चक्कर ही लगा पाया। जिसमें 15 तीर्थ यात्रियों को रेस्क्यू किया गया। अन्य यात्रियों को हेलीकाप्टर से निकाला गया। अब तक धाम, पैदल मार्ग व अन्य पड़ावों से 6,980 से अधिक यात्री निकाले जा चुके हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी से फोन पर राहत व बचाव अभियान की जानकारी ली है।
गुलाबकोटी, कमेड़ा, नंदप्रयाग के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर गिरने से बदरीनाथ हाईवे सुबह साढ़े चार बजे बाधित हो गया। इस दौरान हाईवे के दोनों ओर तीर्थयात्रियों के वाहनों की कतार लग गई। हालांकि, दोपहर बाद हाईवे सुचारु कर दिया गया। पुल व मकान भी हुए क्षतिग्रस्त
बताया गया है कि 31 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश के कारण हरिद्वार, चमोली, टिहरी में कुल 3 भवन, रुद्रप्रयाग व टिहरी में 2 पुल और रुद्रप्रयाग में लकड़ी का एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
नुकसान के आंकलन को बीजेपी ने बनाई कमेटी
भाजपा ने प्राकृतिक आपदा के कारण हुई क्षति के आंकलन व राहत कार्यों में सहयोग को प्रभावित जिलों के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। ये कमेटी प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद पार्टी नेतृत्व को सौंपेगी। इस रिपोर्ट को आपदा प्रबंधन कार्यों में तेजी लाने और भविष्य की तैयारियों में सुझाव के रूप में सरकार से साझा किया जाएगा। शीघ्र ही समिति के सभी सदस्य प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देशानुसार गठित कमेटी का गठन किया गया। जिसमें पार्टी ने नेता व विधायक भी शामिल किए गए हैं।