बीएएमएस की जाली डिग्री के मामले में पुलिस ने मंडे को एक और आरोपी को धर दबोचा। इसके साथ ही अब तक इस मामले में 16 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। अब तक गिरफ्तार किये गये आरोपियों में इस मामले का मास्टरमाइंड इमलाख भी शामिल है। इमलाख को एसटीएफ ने राजस्थान से गिरफ्तार किया था। मंडे को थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने थाना सदर बाजार उत्तरी दिल्ली निवासी मो। गुरफान को गिरफ्तार किया।

देहरादून ब्यूरो। पुलिस के अनुसार गुरफान से की गई पूछताछ में पता चला कि बीएएमएस की फर्जी डिग्री देने वाला यह गैंग लोगों को असली डिग्री देने के नाम पर भी ठगी करता था। गुरफान ने बताया कि वह इमलाख के सम्पर्क में उसके भाई सद्दाम के जरिये आया था। सददाम इमलाख का पीआरओ का काम देखता था। गुरफान के अनुसार इन लोगों ने उसे राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक से बीएएमएस की डिग्री असली डिग्री दिलाने का भरोसा दिया था।

असली डिग्री का भरोसा
गुरफान के अनुसार इमलाख ने उसे बताया था कि उसका खुद का मेडिकल कालेज है, जो राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक यूनिवर्सिटी से संबद्ध है। उसे असली डिग्री दिलाने का भरोसा दिया गया था और कहा गया था कि उसे हफ्ते में सिर्फ एक बार कॉलेज मे आकर हाजिरी देनी होगी। उसने फीस के रूप में साढ़े 6 लाख रुपये मांगे गये थे। असली डिग्री के लालच में उसने यह रकम देने के लिए हामी भर दी थी।

कई पेपर्स पर करवाये सिग्नेचर
गुरफान ने पुलिस को यह भी बताया कि वह कुछ समय इमलाख के कालेज में भी गया। वहां उसे इमलाख का भाई आसिफ मिला। उसे बताया गया था कि लास्ट में उसका एग्जाम होगा। इस बीच वे लोग उससे कुछ पेपर्स पर साइन करवा देते थे और परीक्षा की तारीख टालते रहते थे। उसेे 2013 की राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक बेंगलुरु की बीएएमएस की डिग्री दे दी गई। इसके बाद उसे मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के बाहर बुलाकर कुछ फार्म में साइन करवाये गये और वे पेपर काउंसिल में जमा करने को दे दिये। कुछ दिन बाद उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दे दिया गया।

गलत एड्रेस लिखवाया
इरफान ने बताया कि जब उसका रजिस्ट्रेशन हो गया तो उसे लगा कि सारा काम असली है। लेकिन उसके रजिस्ट्रेशन सर्र्टिफिकेट पर पता देहरादून का महबूब कॉलोनी का दर्ज किया गया थ। इस पते वह कभी रहा ही नहीं और न ही वह इस जगह के बारे में जानता है। तीनों ने उससे तीन बार में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के देहरादून ऑफिस के बाहर कुल साढ़े 6 लाख रुपये कैश लिये। इनमें से कुछ पैसे इमलाख, कुछ सद्दाम व कुछ आसिफ ने लिये। तीनों खुद को सगे भाई बताते थे। सद्दाम खुद को बाबा कॉलेज का पीआरओ और आसिफ डिस्पैच हेड बताता था।

अन्य फर्जी डॉक्टरों पर भी नजर
नेहरू कॉलोनी पुलिस इससे पहले भी इस मामले में कुछ फर्जी डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर चुकी है। पिछले महीने पुलिस टिहरी से भी एक इसी तरह के फर्जी बीएएमएस डॉक्टर को पकड़कर लाई थी। पुलिस का कहना है इमलाख गैंग ने कितने लोगों को बीएएमएस की जाली डिग्री देकर फर्जी तरीके से मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड करवाया है, इसकी जांच जारी है। जब भी कोई फर्जी रजिस्ट्रेशन का मामला सामने आता है, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस मामले अब तक मास्टर माइंड, उसके सहयोगियों और फर्जी डॉक्टर्स सहित कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

Posted By: Inextlive