दून में डॉगीज को पालने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। नगर निगम दून के आंकड़ों पर गौर करें तो सिटी में करीब 15 हजार पेट डॉग्स हैैं। लेकिन पिछले 2 वर्षों के केवल 5100 पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन कराया गया है।

इंटरनेशनल डॉग डे स्पेशल

- नगर निगम की अपील, अपने डॉग का करा लें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन

देहरादून (ब्यूरो): निगम लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि एक्ट के तहत सभी पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन व वैक्सीनेशन कराना जरूरी है। ताकि, डॉगीज से मिलने वाली बीमारियों से लोग सेफ रहें।

इस वर्ष 1700 डॉगीज का रजिस्ट्रेशन
डॉग्स के शौकीन दून में भी कम नहीं हैं। जानकारों के अनुसार दून में पेट डॉग्स की दो दर्जन से ज्यादा ब्रीड्स पाली जा रही हैैं। इनमें जर्मन शैफर्ड सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। लेकिन, जिस रफ्तार से अब लोगों में पेट्स का प्रचलन बढ़ा है, वे उनके रजिस्ट्रेशन के लिए उतने अवेयर नहीं हैैं। नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में दून में 3400 और इस वर्ष अब तक केवल 1700 पेट डॉग्स का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया है।

इंट्रेस्ट नहीं ले रहे स्वान मालिक
निगम के प्राइमरी सर्वे के मुताबिक दून में पेट्स डॉग्स की संख्या करीब 15 हजार तक पहुंचने का अनुमान है। निगम का कहना है कि कई ऐसे स्वान मालिक हैं, जो न तो रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं और न ही वैक्सीनेशन करवा रहे हैैं। जबकि, निगम के एक्ट के मुताबिक व शासन के निर्देशों के अनुसार वैक्सीनेशन व रजिस्ट्रेशन किया जाना जरूरी है। वैक्सीनेशन खुद की फैमिली के लिए भी कराना सेफ है।

रेजिडेंशियल सोसाइटीज को लेटर
नगर निगम ने पेट डॉग्स के रजिस्ट्रेशन के लिए रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन को पत्र भी लिखा है कि कॉलोनी में जिनके डॉग्स हैं, वे अपना जरूर पंजीकरण कराएं।

स्ट्रीट डॉग्स की गिनती ही नहीं
दून में स्ट्रीट डॉग्स का तो निगम के पास कोई आंकड़ा ही नहीं है। लेकिन, निगम प्रशासन इस बात का दावा जरूर कर रहा है कि राजधानी दून में वर्ष 2016-17 से एबीसी की शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत अब तक करीब 40 हजार स्ट्रीट डॉग्स का बंध्याकरण किया जा चुका है। ऐसे में अब सड़कों पर स्ट्रीट डॉग्स के पपीज कम नजर आ रहे हैं।
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Posted By: Inextlive