आजकल भले ही बारिश लगातार नहीं हो रही हो बावजूद इसके सड़कें लगातार दरक रही हैं। दून समेत प्रदेशभर में 126 सड़कें वॉशआउट होने से बंद है। आपदा पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी तबाही मचा रहा है। सबसे बुरा हाल सड़कों का है। कहीं पूरी सड़कें ही बाढ़ की भेंट चढ़ गई। बारिश से सड़कों को लगभग 175 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

देहरादून (ब्यूरो) दून में बंद सड़कों में पीडब्ल्यूडी साहिया के अंतर्गत 1, चकराता में5, निर्माण खंड की 3 और एनएच की एक रोड शामिल है। सड़क बंद होने से जिले के करीब 70 गांवों, खेड़ों मजरों में रहने वालों की दिनचर्या प्रभावित है। पिछले कई दिनों से टोंस नदी चेतावनी स्तर से नीचे नहीं आ रही है और चेतावनी स्तर के पार ही चल रही है, जिसके चलते इच्छाड़ी डैम से अतिरिक्त पानी को छोड़ा जा रहा है। मार्गों के बंद होने से किसान अपनी उपज दिल्ली, साहिया, विकासनगर, देहरादून आदि मंडियों में नहीं पहुंचा पाए। नगदी फसलें टमाटर, मूली, खीरा, बींस, अदरक, शिमला मिर्च, हरी मिर्च आदि उपज कृषि मंडियों में समय पर नहीं पहुंच पा रही है।

लखवाड़ बैंड के पास एनएच पर भूस्खलन
एनएच देहरादून का दिल्ली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग लखवाड़ बैंड के पास बंद है। वहीं लोनिवि चकराता का दारागाड़ कथियान त्यूणी राज्य मार्ग दारमीगाड़ के पास मलबा आने से बंद हो गया है। लोनिवि साहिया मार्ग 27 जुलाई से बंद है। डयूडीलानी ठलीन सकरोल मोटर मार्ग दो स्थानों पर मलबा आने के कारण यातायात सुचारू नहीं हो पाया है। कोटी ढलानी नंदा की चौकी आमवाला धौलास मोटर मार्ग व कोटड़ा कल्याणपुर बड़वा लांघा मोटर मार्ग भी 14 अगस्त से भारी वाहनों के लिए बंद है। आपदा से दून की सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। अकेले पीडब्ल्यूडी को राज्य की सड़कों को स्थाई रूप से खोलने के लिए 140 करोड़ चाहिए। जबकि पीडब्ल्यूडी, पीएमजीएसवाई व एनएच को मिलाकर 175 करोड़ की जरूरत है।

पर्वतीय रूट की सड़कें ज्यादा प्रभावित
बारिश, भूस्खलन, अतिवृष्टि और बाढ़ से संपत्ति के नुकसान के साथ ही जनजीवन प्रभावित हुआ है। गढ़वाल क्षेत्र की ज्यादा सड़कें बाढ़ व भूस्खलन की चपेट में आई है। गढ़वाल क्षेत्र में अब तक 952 सड़कें बंद हुई है, जिसमें से 914 सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है।

सड़कों की अब तक की स्थिति
- मानसून में अभी तक 2161 स्टेट हाईवे, जिला व रूरल सड़कों को पहुंचा भारी नुकसान
- पीडब्ल्यूडी की 1592, पीएमजीएसवाई की 557 व एनएच की 12 सड़कें भूस्खलन से प्रभावित
- इन सड़कों को अस्थाई तौर परमरम्मत के लिए 63 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि
- सड़कों को पूर्व की स्थिति में लाने के लिए 175 करोड़ रुपए से अधिक की जरूरत है।

सड़कों को खोलने में जुटी 125 मशीनें
बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों को खोलने के लिए 124 जेसीबी मशीनें ग्राउंड पर काम कर रही हैं। पूरे राज्य में 467 मशीनों को डेंजर जोनों पर तैनात किया गया है। 125 जगहों पर मशीनों के जरिए दिनरात मार्ग खोलने का काम चल रहा है। संडे सुबह तक 143 सड़कें बंद थी, जिसमें से 17 सड़कें खोल दी गई। 126 सड़कें अभी भी बंद चल रही है, जिन्हें खोलने का काम लगातार जारी है।


आपदा से प्रदेश की सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। सड़कों को तत्काल खोलने व गड्ढों की मरम्मत के लिए बजट मुहैया कराने के लिए शासन से मांग की गई है। बंद सड़कों को खोलने का काम दिनरात जारी है।
दीपक कुमार यादव, एचओडी, पीडब्ल्यूडी

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Posted By: Inextlive