110 करोड़ का बकाया 1997 की कटी आरसी
- जल संस्थान की बकायेदारों से अपील, जल्द करें भुगतान
- कई कंज्यूमर्स का 5-5 लाख का बिल है बकाया
1997 की काटी आरसी
जल संस्थान के केवल साउथ डिविजन में ही 1997 कंज्यूमर्स ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आरसी की कार्रवाई की गई है। इन कंज्यूमर्स पर 13 करोड़ का बकाया है। साउथ डिविजन के अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट ने बताया कि लंबे समय से बकाया न चुकाने वाले कंज्यूमर्स को चेतावनी नोटिस के बाद रिकवरी को आरसी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि रिकवरी सूची राजस्व विभाग को भेज दी गई है।
कई कंज्यूमर्स पर 5 लाख तक बकाया
अधिशासी अभियंता आशीष भट्ट ने बताया कि कई कंज्यूमर्स तक 5-5 लाख रुपये तक का पानी के बिलों का बकाया है। यह बकाया लंबे समय से चला आ रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे बकाया न चुकाने वाले कंज्यूमर्स का कनेक्शन स्थाई रूप से काट दिया जाएगा। भविष्य में इन कनेक्शनों को नहीं जोड़ा जाएगा। उन्होंने उपभोक्ताओं से समय पर पेयजल बिलों का भुगतान करने के साथ ही ऑनलाइन मोड में अधिक से अधिक बिल जमा करने की अपील की है।
डिविजन का नाम टारगेट रिकवरी
नॉर्थ 21.17 15.29
साउथ 30.93 15.87
पित्थूवाला 19.54 11.16
रायपुर 20.17 13.30
(पेंडेंसी रुपये करोड़ में)
पिछले 5 साल में पेंडेंसी और वसूली पर एक नजर
डिविजन पेंडेंसी रिकवरी
नॉर्थ 102.09 84.92
साउथ 161.75 96.92
पित्थूवाला 95.69 76.80
रायपुर 92.31 83.49
(पेंडेंसी रुपये करोड़ में)
जिन बकायेदार कंज्यूमर्स की आरसी कट गई है उन्हें सरचार्ज की छूट से राहत नहीं मिलेगी। लेट फी माफ न होने से उन्हें बिलों का पूरा बकाया जमा करना होगा। दरअसल सरकार ने 31 मार्च तक लेट फी 100 प्रतिशत माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन आरसी कटने पर अधिकांश उपभोक्ताओं का इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा।
डेढ़ माह और 36 करोड़ की रिकवरी
वित्तीय वर्ष समाप्ति को करीब डेढ़ माह से भी कम समय बचा हुआ है। पिछले 10 माह में 54 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। यानि हर माह औसतन 5 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है। ऐसे में टारगेट के विपरीत डेढ़ माह में 36 करोड़ रुपये की रिकवरी कैसे होगी। अनुरक्षण खंड को बकाये को भी जोड़ा जाए, तो यह रिकवरी 110 करोड़ के लगभग है।
पिछले साढे 10 माह में जल संस्थान ने शहर से टारगेट का 60 प्रतिशत ही वसूल पाया है। डेढ़ माह में 40 प्रतिशत रिकवरी किसी चुनौती से कम नहीं है। बता दें कि नॉर्थ डिविजन ने टारगेट के विपरीत अब तक सर्वाधिक 72 प्रतिशत वसूली प्राप्त कर ली है। जबकि साउथ डिविजन ने 52 प्रतिशत, पित्थूवाला डिविजन ने 57 प्रतिशत और रायपुर डिविजन ने 65 प्रतिशत की बिलों की रिकवरी कर ली है। पानी के बिलों की पेंडेंसी के लिए बड़े बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। टारगेट को अचीव करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सभी अधिशासी अभियंताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सभी पेयजल कंज्यूमर्स से अपील है कि वह बकाए का शीघ्र भुगतान करें।
वीसी रमोला, अधीक्षण अभियंता (नगर), जल संस्थान, देहरादून
dehradun@inext.co.in