Uttarakhand glacier burst : SDRF का टनल में बचाव अभियान शुरू, ग्लेशियर टूटने से चमोली का तपोवन बांध तबाही की चपेट में
चमोली (एएनआई)। एसडीआरएफ सदस्यों ने सोमवार को यहां कहा कि राहत एवं बचाव दल मंदाकिनी नदी का जलस्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं। टनल में अब भी कुछ लोग फंसे हुए हैं। उनके लिए राहत एवं बचाव कार्य के लिए नदी का जलस्तर कम होना जरूरी है।
भारतीय वायुसेना की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तपोवन हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर डैम जो रिषि गंगा परियोजना के नाम से भी जाना जाता है, चमोली में ग्लेशियर टूट कर धंसने की वजह से पूरी तरह तबाह हो चुका है। प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव के लिए भारतीय वायुसेना का एडवांस लाइट हेलीकाॅप्टर (एएलएच) तैनात किया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्लेशियर टूटने से मलबे की चपेट में आकर अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपये बतौर मुआवजे की घोषणा की है।ग्लेशियर टूटने की वजह पता लगाएंगे विशेषज्ञउत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह राव ने एक्सपर्ट से ग्लेशियर टूट कर खिसकने की वजहों का पता लगाने के लिए कहा है। इस समय सरकारों का पूरा ध्यान राहत एवं बचाव कार्य अभियान चला कर लोगों की जिंदगियां बचाने पर है।रिषि गंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाहरविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में तपोवन-रेनी इलाके में ग्लेशियर टूट कर खिसकने की वजह से धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में अचानक भयंकर बाढ़ आ गई, जिससे बड़ी संख्या में तबाही मच गई। इलाके में रिषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और आसपास के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।