उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बादल फटने से काफी तबाही मची। पानी बढ़ने से नदियों में उफान आ गया जिसके चलते कई पुल बह गए।

देहरादून (पीटीआई)। देहरादून में एक गांव में शनिवार तड़के बादल फटने से नदियों में बाढ़ आ गई और पुल बह गए। अधिकारियों ने बताया कि रायपुर क्षेत्र के सरखेत गांव में तड़के करीब 2.15 बजे बादल फटा। जिसके बाद टोंस नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर, टपकेश्वर की गुफाओं में भी पानी घुस गया, जो उफान पर था। मसूरी के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल केम्प्टी फॉल्स भी खतरनाक तरीके से बह रहा था।

प्रशासन पूरी तरह से सतर्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थानो के निकट प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को वाहनों की आवाजाही बहाल करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। आपदा राहत दल पहले से ही प्रभावित इलाकों में काम कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर सेना की भी मदद ली जा सकती है।" धामी के साथ रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ और गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार भी थे।

बादल फटने से दर्जनों गांव प्रभावित
मसूरी के विधायक गणेश जोशी और देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। टिहरी जिले के कीर्तिनगर इलाके में एक घर में घुसे मलबे में 80 वर्षीय एक महिला फंस गई। बादल फटने के बाद एक दर्जन से अधिक गांवों में कीचड़ घरों में घुस गई, जिससे राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा।

मलबे के कारण मार्ग अवरुद्घ
अधिकारियों के अनुसार प्रभावित गांवों में मालदेवता, भुत्सी, तौलियाकताल, थाट्युद, लावरखा, रिंगालगढ़, धुट्टू, रागद गांव और सरखेत शामिल हैं। उप-मंडल मजिस्ट्रेट, धनोल्टी, लक्ष्मी राज चौहान ने कहा कि प्रभावित निवासियों को स्कूलों और पंचायत भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रायपुर-कुमालदा मोटर मार्ग कई स्थानों पर मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari