संकरी सड़कें और खराब ट्रैफिक से 10 मिनट के रास्ते में लग जाता आधा घंटाअधिकारियों ने कहां संसाधन की नहीं है कोई कमी बस ट्रैफिक की ही है समस्या

वाराणसी (ब्यूरो)भीषण गर्मी के चलते शहर में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई है। कभी होटल में तो घर में तो फिर कभी प्रतिष्ठान में आग लग रही है। गुरुवार की सुबह लक्सा स्थित राजेश यादव के मकान की छत पर लगे मोबाइल टावर के जंक्शन में आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटे इतनी तेज हो गई कि आग छत पर बने कमरे को भी अपने चपेट में ले लिया। गनीमत ये रही कि किसी को कोई हानी नहीं पहुंची। लेकिन आग के विकराल रूप लेने की वजह से कमरे में रखा सामान और एसी जलकर राख हो गया। अनुमान के मुताबिक करीब मकान मालिक का करीब 2.5 लाख का नुकसान हुआ है। आग लगने की सूचना के आधे घंटे बाद पहुंची दमकल टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।

संकरी हैं शहर की सड़कें

भले ही इस आग को फायर फाइटर्स ने समय रहते बुझा लिया, लेकिन अगर सूचना मिलते ही तय समय पर टीम पहुंच जाती तो शायद यह आग इतनी विकराल रूप नहीं लेती और मकान मलिक को इतना बड़ा नुकसान भी नहीं उठाना पड़ता। लेकिन इन सब के बीच अग्निशमन विभाग की भी मजबूरियां है, जो चाहकर भी समय पर नहीं पहुंच पा रही है। विभागीय अधिकारियों की माने तो विभाग के पास न तो संसाधन की कोई कमी है और न मैन पावर की। लेकिन बनारस की ट्रैफिक और संकरी सड़कों और उस पर लगातार जाम की समस्या उनकी रफ्तार को रोक रही है।

10 मिनट की दूरी लगते हैं 30 मिनट

अधिकारियों की माने तो अग्निशमन विभाग के तय मानक के अनुसार तीन दमकल केन्द्र से तीन किलोमीटर की दूरी पर अगर कही आग लगती है तो वहां दमकल गाड़ी को पहुंचने में 8 से 10 मिनट का समय लगता है। इसी तरह से 6 किमी पर 20 मिनट और 10 किमी पर 30 मिनट का समय लगा है। लेकिन गुरुवार लक्सा क्षेत्र में आग लगने की सूचना मिलने के 30 मिनट बाद दमकल मौके पर पहुंची थी। क्योंकि दमकल केन्द्र से वहां घटना स्थल तक ट्रैफिक की बड़ी समस्या से जुझते हुए फायर फाइटर्स को वहां तक पहुंचना पड़ा। अगर यही रास्ता चौड़ा और ट्रैफिक क्लियर होता तो यह गाड़ी अपने तय समय पर जरुर पहुंच जाती।

एक साथ 5 जगह काम

इन दिनों बनारस के अग्निशमन विभाग के पास इतने जबरदस्त इंतजाम है कि अगर शहर में एक साथ पांच जगह भी आग लग जाए तो विभाग इसे बुझाने में सक्षम है। यहां संसाधन के साथ मैन पावर भी विशाल है। घटना स्थल पर जल्द से जल्द पहुंचा जा सके, इसके लिए शहर में तीन दमकल केन्द्र बलाए गए है। जिसमें से एक चेतगंज, दूसरा भेलूपुर और तीसरा पिंडरा में बनाया गया है। इन तीनों जगहों दमकल की गाडिय़ां तो हर वक्त मौजूद रहती ही है साथ ही फायर फाइटर्स की हर वक्त एक्टिव मोड पर रहते हैं।

पानी टंकी से भरते हैं टैंक

आग बुझाने के दौरान अगर दमकल गाड़ी में पानी खत्म होती है तो इसके दोबारा रिफिलिंग के लिए पास के हर वाटर टैंक में व्यवस्था की गई है। जैसे गर सिगरा क्षेत्र में आग लगती है और बुझाने दौरान पानी खत्म होता है तो सिगरा पानी से उसे दोबारा भरा जा सकता है।

हमारा प्रयास रहता है कि जितनी जल्दी हो सके घटना स्थल पर पहुंच जाएं। लेकिन संकरी सड़क और ट्रैफिक की समस्या हमारी स्पीड पर ब्रेक लगा देता है। गर्मी के दिनों में फायर फाइटर्स की टीम हर वक्त अलर्ट मोड पर रहती है। सूचना मिलने के दो से तीन मिनट में गाड़ी रवाना हो जाती है। लेकिन हूटर बजने के बाद भी लोग रास्ता नहीं देते।

लालजी गुप्ता, अग्निशमन अधिकारी, चेतगंज स्टेशन

Posted By: Inextlive