अपनी खाली जमीन पर खोल सकते हैं पार्किंग
वाराणसी (ब्यूरो)। प्रदेश की योगी सरकार शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए कई तरह के प्लान पर काम कर रही है। सरकार आपके अनुपयोगी स्थान को उपयोगी बनाकर यातायात की समस्या को सुलझाने के साथ ही आपको पैसे कमाने का मौका दे रही है। इसके लिए बस आपके पास अपना खाली स्थान होना चाहिए। वाराणसी में केवल पार्किंग संचालन से नगर निगम साल भर में लगभग 1.50 करोड़ की कमाई करता है। वाराणसी में एक निजी पार्किंग संचालन शुरू हो गया है। आप भी अपने अनुपयोगी खाली स्थान को पार्किंग के लिए इस्तेमाल करके आय बढ़ा सकते हैं.
जाम के झाम से मिलेगी निजातवाराणसी को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए रोप-वे, फ्लाई ओवर, रिंग रोड, सड़कों का चौड़ीकरण आदि पर तेजी से काम चल रहा है। सरकार ने भी यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऐसा प्लान बनाया है, जिससे लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधरेगी। सरकार इसके लिए प्राइवेट पार्किंग की योजना पर काम कर रही है। सरकार की योजना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन पर नगर निगम के नियमों के अनुसार अनुमति लेकर पार्किंग की सेवा दे सकता है। नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत क्षेत्रों में लोगों के पास ऐसी खाली जमीनें होती हैं, जिसका उपयोग वे नहीं करते हैं। यदि उस जमीन के मालिक चाहें तो पार्किंग खोल सकते हैं। इस योजना से जुडऩे से आपका योगदान शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में होगा साथ ही आपकी आय भी बढ़ेगी।
प्राइवेट पार्किंग की शुरुआत सामने घाट स्थित मारुति नगर में एक प्राइवेट पार्किंग की शुरुआत हो चुकी है। पार्किंग संचालक के अनुसार सरकार की यह अच्छी योजना है। मुझे ख़ुशी है कि शहर की यातायात को सुचारु बनाये रखने में मैं भी योगदान दे पा रहा हंू। मेरी आय बढऩे के साथ ही हम लोगों को रोजगार भी दे पा रहे हैं। सहायक नगर आयुक्त अमित शुक्ला ने बताया कि नगर निगम जनता की सुविधा के लिए और यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए वाराणसी में 33 पार्किंग का संचालन कर रही है, जिससे नगर निगम को सालाना लगभग 1.50 करोड़ की आय होती है। 4 पार्किंग का संचालन स्मार्ट सिटी की ओर से करके अच्छी कमाई के साथ लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है.प्राइवेट पार्किंग की योजना के तहत अपनी खाली जमीन पर नगर निगम के नियमों की शर्तों को पूरा कर पार्किंग शुरू कर सकता है। इससे सड़कों पर खड़े होने वाले वाहनों की संख्या कम होगी और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगी.
शिपू गिरी, नगर आयुक्त