यंगस्टर्स में बढ़ रहा योगासन का क्रेज
वाराणसी (ब्यूरो)। आईआईटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवासन स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के इंडोर हाल में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गुरुवार को सूर्य नमस्कार के साथ योगासन की शुरुआत हो गई। इसमें 17 यूनिवर्सिटी के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। अभी सिर्फ स्वस्थ शरीर और बेहतर जीवनशैली को लेकर लोगों में योग के प्रति उत्साह देखा जा रहा था, मगर दो साल पहले खेलो इंडिया में योगासन को खेल के रूप में शामिल होने के बाद अब इस खेल को लेकर युवाओं में क्रेज बढ़ रहा है। योगासन का पहला दिन हो लेकिन जिस तरह से इसमें पार्टिशिपेट करने वाले खिलाडिय़ों के भाव देखे जा रहे हंै वह वाकई अन्य खेलों के खिलाडिय़ों से बिल्कुल हटकर है। ये खिलाड़ी योग से निरोग रहने के साथ खुद को योगासन खेल से फीट रहने और करियर के लिहाज से भी बेस्ट मान रहे हैं।
क्या है योगासन की प्रक्रियायोगासन प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ी के चेहरे का भाव इनके हार-जीत का फैसला करता है। इसमें हर खिलाड़ी को सूर्यनमस्कार करना अनिवार्य है। इसके बाद पांच आसन संर्वांग आसन, पुर्णधनु आसन, गरुण आसन, कर्णपिंड आसन, पश्चिमोत्तानाशन भी करना है। फिर पुरुषों के लिए मयूर आसन, पद्मभाकासन, हनुमान आसन, टिट्टिभासन, पूर्णचक्रासन, सेतुबंध सर्वांगासन, ओमकारआसन, पुर्णशलभासन, वृष्चिकासन में से कोई चार करना होगा। इसी तरह लड़कियों को भी सूर्य नमस्कार व पांच आसन करना अनिवार्य है। वह भी चार आसन अपनी इच्छा के अनुसार चुन सकती हैं।
शांति के भाव नहीं दिखने पर कट जाते है अंक 10 अंक में से खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे। अंकों का निर्धारण तीन आधार पर होता है। इसमें खिलाड़ी के योगासन आरंभ व समाप्त करना, योगासन के दौरान उसकी स्थिरता व चेहरे का भाव भी शामिल होगा। आयोजन से जुड़े योग गुरु आशीष टंडन के अनुसार डिफिक्लटी जज खिलाड़ी की स्थिरता और इवोल्यूशन जज उसके चेहरे के भाव पर नजर रखते है। योगासन के दौरान योग करने वालों के चेहरे पर शांति के भाव होने चाहिए ऐसे नहीं होने या उसका ध्यान इधर-उधर भटकने पर अंक कट जाएंगे। इसी तरह तय समय तक स्थिरता से योगासन नहीं करने पर भी अंक ड्रॉप हो जाते है. ऐसे होते है कॉम्पटिशनयोगासन में 5 कंपलसरी और 4 ऑप्शनल हैं। टोटल 9 आप्शन। कंपलसरी आसन है। ऑप्शनल में कोई भी 4 चूज किया जा सकता है। सूर्य नमस्कार की टाइम लिमिट नहीं है। अन्य कंपलसरी आसन के लिए क्वालिफाइंग टाइमिंग 1 मिनट और ऑप्शनल आसनों के लिए न्यूनतम 30 सेकेंड का समय है। हर आसन के लिए 10 नंबर स्कोर निर्धारित हैं। इसका मैनुअल आकलन कर नंबर्स कंप्यूटर पर जोड़े जातेे है। जिस टीम और खिलाड़ी का सबसे ज्यादा नंबर होगा, उसका नाम डिस्प्ले बोर्ड पर टॉप पर होगा। हर टीम के टॉप-5 प्लेयरों के अंक जोड़े जाएंगे। इसमें से जिसका नंबर सबसे ज्यादा होगा, उनमें फाइनल होगा। किसी एथलीट को स्कोर पर कोई आपत्ति होने पर वह परफॉर्मेंस रिव्यू के लिए अपील कर सकता है।
खेल के साथ सभ्यता और संस्कृति भी इस खेल की सबसे खास बात ये है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम के तकनीकी अधिकारियों का ड्रेस कोड कोट पैंट टाई से हटकर अब भारतीय परिधान कुर्ता पजामा और मोदी जैकेट किया गया। योग ने मेरे मन के साथ ही जीवन को संतुलित करने का काम किया है। पिछले आठ साल से इस खेल से जुड़ी हैं। बीएचयू से ग्रेजुएशन करने के बाद योग से पीजी करने के लिए राजस्थान गई। योग में यूनिवर्सिटी नेशनल भी खेला। लगातार अभ्यास और मेंहनत के बल पर आज सफल प्लेयर बनी हूं। मधु कुशवाहा, योगा प्लेयरमैने योग की शुरुआत शांति के लिए किया था, लेकिन लगातार नए-नए आसन का अभ्यास करते -करते मन में अलग सी स्फूर्ति का एहसास होने लगा। रूचि बढऩे लगी तो इसी में रम गई। फिर लगा कि अब खेलना है तो योग प्रतियोगिता में हिस्सा लेना है। अन्य खेलों के मुकाबले योग में बॉडी ज्यादा फ्लेक्सिबल हो जाता है।
एकता मौर्या, योगा प्लेयर योगासन के लिए एकाग्रता और धैर्य के साथ जीवन में अनुशासन सीखने की जरुरत होती है। मैने इसके लिए लगातार अभ्यास किया और अभी कर रही हूं। अब योगासन को एक बेहतर करियर के रूप में देख रही हैं। योग सिर्फ खेल नहीं स्वस्थ जीवन जीने की बहुत बड़ी कुंजी भी है। अन्नू साहनी, योग प्लेयर योग उनके मन के साथ ही जीवन को संतुलित कर रहा है। वे तीन साल से इस खेल से जुड़ी हैं और नियमित अभ्यास व मेहनत से यहां तक पहुंचीं हैं। योग की शुरुआत आत्मिक शांति के लिए किया था, लेकिन इंट्रेस्ट बढऩे से इसी में रम गईं। योग को वे बेहतर करियर के रूप में भी देख रही है। वर्षा, योगा प्लेयर-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटीमैं जब क्लास 3 में थीं तब से योग कर रहीं हैं। वह कहती हैं कि योग के लिए जीवन में अनुशासन सीखने के साथ धैर्य और एकाग्रता का अभ्यास किया। इसे एक बेहतर करियर के रूप में देख रही हैं। उनका कहना है कि योग सिर्फ खेल नहीं स्वस्थ जीवन की एक कुंजी है। अगर सरकार इसी तरह से योगासन को प्रमोट करती रही तो आने वाले दिनों में योग खेल भी ऊंचाईयों पर होगा।
अनन्या, योगा प्लेयर-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी योगासन के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ा है। यह खेल काफी पुराना है। बस नाम अलग है। जिमनास्टिक गेम योग का ही पार्ट है। उसमें भी बॉडी पूरी तरह से फ्लेक्सिबल होती है। जिससे बॉडी को चाहे जैसे भी घुमा सकते है। उसी तरह से योगासन है। इसमें बॉडी तो लचीला होता ही है साथ ही अलग-अलग आसन और सांस रोकर बॉडी की स्थिरता बनाए रखना भी प्रतिस्पर्धा है। पुष्पांजली शर्मा, योगाचार्य बनारस के कॉलेजों में योग एजूकेशन की जरुरत योग को इतने लार्ज स्केल पर पहचान मिलने के बाद भी अभी बनारस में योग शिक्षा को लेकर कमी देखी जा रही है। यहां अगर कोई स्टूडेंट योग विद्या को लेकर कॉलेज में एडमिशन लेना चाहे तो इसके लिए किसी भी कॉलेज में कोर्स नहीं है। इसके लिए छात्र-छात्राओं को राजस्थान, मैसूर, बैंगलुरू या अन्य शहरों में जाना पड़ता है। बीएचयू जैसी टॉप यूनिवर्सिटी में यह कोर्स नहीं है। ऐसे में अब योग प्लेयर्स और योगाचार्य यहां के कॉलेजेस में इस कोर्स को शामिल करने की मांग कर रहे हैं.