31 मार्च की बैलेंस शीट में जो भी बकाया 45 दिन के ऊपर का होगा उसको आपकी आय मानकर उसमें इनकम टैक्स के स्लैब के हिसाब से आयकर देय होगा


वाराणसी (ब्यूरो)इन्कम टैक्स में 43 बीएच में 45 दिनों की भुगतान की बाध्यता को लेकर एमएसएमई सेक्टर से जुड़े उद्यमी परेशान हैं। इस एक्ट को लेकर इण्डियन इंडस्ट्री एसोसिएशन व दी स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के तत्वावधान में वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशाप में सीए जीडी दूबे ने स्पष्ट रूप से कहा कि 31 मार्च की बैलेंस शीट में जो भी बकाया 45 दिन के ऊपर का होगा उसको आपकी आय मानकर उसमें इनकम टैक्स के स्लैब के हिसाब से आयकर देय होगा। फिर वह अगले साल जब भी पेमेंट करते हैं तब उसको आपका इनकम में से हटकर खर्चे में जोड़ दिया जाएगा। इस प्रावधान को उद्यमियों ने एक साल तक स्थगित करने की मांग सरकार से की है.

इन्कम टैक्स ज्यादा लगेगा

इसमें आयकर आपका ज्यादा लग जाएगा। एमएसएमई रजिस्टर्ड के व्यापारी जो उत्पादन या सर्विस सेक्टर में नहीं आते है उनका बकाया इस दायरे नहीं आता हैं भले ही उन्होंने एमएसएमई का नंबर ले लिया है। दूसरी सबसे बड़ी भ्रांति यह थी कि जो 15 फरवरी के बाद हम लोग सामान ले रहे हैं उनकी भुगतान तिथि अप्रैल में आएगी, लेकिन वह 31 मार्च के बैलेंस शीट में दिखाया गया है लेकिन जिस समय आप अपना रिटर्न भरते हैं उसे समय तक उक्त निर्धारीत अवधि तक उसका पेमेंट हो जाना चाहिए। इस तरह से उद्यमियों की कई भ्रांतियों को उन्होंने दूर किया।

यह रहे मौजूद

अध्यक्षता करते हुए आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर के चौधरी ने कहा कि इस प्रावधान को सरकार एक साल तक स्थगित कर दें ताकि सभी लोग इसे अच्छी तरह से जान सके। इस अवसर पर मनीष कटारिया, सचिव गौरव गुप्ता, भूपेश अग्रवाल, नीरज पारिख, अनुपम देवा, प्रशांत, ज्ञानेश्वर, अजय जायसवाल, अभिषेक, दिनेश जैन, ऋषभ जैन, डीएस मिश्रा, अमिताभ देवा, संजय सिंह, उमाशंकर अग्रवाल जी, पंकज अग्रवाल, अंजनी सिंह , महिपाल गुप्ता मौजूद थे।

Posted By: Inextlive