फरेबी के जाल में फंसा महिलाओं का सपना
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के हरहुआ और राजातालाब में सिलाई मशीन और 11 हजार रुपये देने के नाम पर एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आत्मनिर्भर बनने के लिए करीब दो हजार से अधिक महिलाओं ने प्रलोभन देने वाली एनजीओ को 2500-2500 रुपये दिए थे। पैसे देने के बाद कंपनी अंजली फाउंडेशन ने छह महीने के बाद सिलाई मशीन और 11 हजार रुपये देने का वादा किया था, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी महिलाओं को कुछ नहीं मिला। पीडि़त महिलाओं ने इस मामले में बड़ागांव और राजातालाब थाना में तहरीर दी। इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज किया गया। आरोप है संंबंधित थाना पुलिस ने आरोपी कंपनी के चेयरमैन और सहयोगियों के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं लिया।
यह है पूरा मामला
चौबेपुर के मुनारी में अंजली ग्रुप ऑफ कंपनी का हेड आफिस है। इसके अलावा कई और जगहों पर ब्रांच भी है। आरोप है कि कंपनी ने बिजनेस प्लान के तहत 7500 रुपये देने पर कई महिलाओं को सेंटर अलॉट किया। सुरेखा, शांति यादव, कंचन सिंह समेत कई सेंटर इंचार्ज ने एक हजार से अधिक महिलाओं को सदस्य बनाया गया। सदस्य महिलाओं से 2500-2500 रुपये कंपनी में जमा कराया गया। कंपनी ने 2500 रुपये देने के बदले में छह महीने के बाद एक सिलाई मशीन और 11 हजार रुपये देने का वादा किया था।
अन्य प्लान भी थे शामिल
इसके अलावा अन्य प्लान के तहत लैपटाप, स्कालरशिप, मेंबरशिप, सुपरवाइजर, पेंशन मेडिकल, शादी अनुदान के रूप में कई महिलाओं से पैसे जमा कराया गया। इस पूरा होने के बाद जब सेंटर इंचार्ज के साथ महिलाएं सिलाई मशीन और पैसा लेने पहुंची तो कंपनी ने कुछ भी देने से इंकार कर दिया। महिलाओं ने हंगामा किया और डायल-112 पर पुलिस को कॉल की।
पैसा दिलाने की गुहार
सेंटर इंचार्ज कंचन सिंह ने राजातालाब और सुरेखा, शांति यादव ने बड़ागांव थाने में कंपनी के चेयरमैन संतोष यादव, सहयोगी ममता सूद समेत कई लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर तहरीर दी। पीडि़त महिलाओं ने पैसे वापस दिलाने की गुहार लगाई। संबंधित थाना पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया। आरोप है कि राजातालाब पुलिस ने आरोपी संतोष यादव को हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में पैसा लेकर छोड़ दिया गया। इस मामले में बड़ागांव पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
पुलिस कमिश्नर से शिकायत
कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने और महिलाओं को पैसे वापस नहीं मिलने पर सेंटर इंचार्ज सुरेखा, शांति यादव ने पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन से लिखित शिकायत की। सीपी ने संबंधित थाने को तत्काल कार्रवाई के लिए संस्तुति की। इसके बावजूद अभी तक संबंधित थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। संबंधित थानों से इस संंबंध में जानकारी मांगी जाएगी। मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी, गोमती जोन