नकली दवा की सप्लाई में रोडवेज बस के इस्तेमाल के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के स्टिंग में खुलासा बिना पैसेंजर सामान ले जाना गैरकानूनी पर बस स्टेशन पर नियमों की उड़ रही धज्जियां 25 केजी सामान का वाराणसी से रेनूकोट तक भाड़ा 47 रुपये पर वसूले जा रहे मनमाना किराया

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस से अन्य जनपदों तक कोई सामान भेजना है तो रोडवेज बस है ना। पैसा दीजिए, सामान आपके गंतव्य तक पहुंच जाएगा। नियम यह है कि सामान भेजते समय रोडवेज के कंडक्टर को टिकट की तरह चार्ज देना होता है। इसका प्रिंट भी आपको मिलेगा, लेकिन ऐसा होता बहुत कम है। नकली दवा की सप्लाई में रोडवेज बस के इस्तेमाल की जानकारी होने पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर स्टिंग किया, जिसमें चौकाने वाली बातें सामने आई। अगर बनारस से रेनूकोट तक छोटा सा कार्टून भेजना है तो आपको देने होंगे 200 रुपये। कॉर्टून में गांजा हो या भांग सब पहुंच जाएगा यथास्थान। इसके लिए आपको कोई टिकट नहीं मिलेगा, जबकि कम से कम 25 केजी सामान का वाराणसी से रेनूकोट तक भाड़ा 47 रुपये होता है और विधिवत टिकट भी मिलता है। यही नहीं बिना पैसेंजर का सामान ले जाना भी गैरकानूनी है, लेकिन यहां पर बिना पैसेंजर के सामान धड़ल्ले से एक से दूसरे स्थान पर भेजे जा रहे हैैं। आइए बताते हैैं कि रिपोर्टर की रोडवेज बस कंडक्टर से क्या बातचीत हुई.

रिपोर्टर : यह बस रेनूकोट जा रही है.

बस कंडक्टर : हां,

रिपोर्टर : आप ही इसे लेकर जा रहे हैं।

बस कंडक्टर : हां, क्या करना है.

रिपोर्टर : रेनूकोट सामान भेजना है.

बस कंडक्टर : ठीक है, ले आइए.

रिपोर्टर : छोटे-छोटे दो कॉर्टून हैं।

बस कंडक्टर : चला जाएगा.

रिपोर्टर : सामान के साथ कोई पैसेंजर नहीं रहेगा.

बस कंडक्टर : कोई बात नहीं.

रिपोर्टर : कितना पैसा लगेगा.

बस कंडक्टर : एक कॉर्टून के 200 रुपये.

रिपोर्टर : यानी दो कॉर्टून का 400 रुपये.

बस कंडक्टर : जी, हां.

रिपोर्टर : बहुत ज्यादा है। पहले दो सौ रुपये ही लगता था.

बस कंडक्टर : नहीं, एक कॉर्टून का दो सौ रुपये ही लगेगा।

रिपोर्टर : कोई भी सामान पहुंच जाएगा.

बस कंडक्टर : हां।

रिपोर्टर : जहां बोलेंगे, वहां पहुंचा देंगे.

बस कंडक्टर : घर तक नहीं पहुंचाएंगे। बस स्टेशन पर आकर लेना होगा.

रिपोर्टर : सामान लेकर आते हैं

बस कंडक्टर : ठीक है.

47 रुपये होता है भाड़ा

वाराणसी से रेनूकोट तक एक कॉर्टून का भाड़ा 200 रुपये सुनने के बाद रिपोर्टर ने रोडवेज परिसर में बैठे एक अन्य कंडक्टर से बातचीत की। वाराणसी से रेनूकोट तक सामान भेजने के बारे में जानकारी मांगी गई तो उसने बताया कि सामान भेजने पर वजन के हिसाब से चार्ज लगता है। सबसे कम 25 किलो तक सामान का भाड़ा बनारस से रेनूकोट तक 47 रुपये है। इसके बाद जैसे वजन बढ़ेगा तो चार्ज भी बढ़ता जाएगा.

नहीं होती सामान की चेकिंग

कैंट रोडवेज बस स्टेशन पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की स्टिंग के दौरान रोडवेज बसों के अलावा लोग सिटी बस पर सामान से भरे कॉर्टून लोड कर रहे थे। अधिकतर लोग बाइक से सामान लेकर आ रहे थे और सीधे बसों में चढ़ा दे रहे थे। कहीं भी सामान की चेकिंग नहीं हो रही थी, जबकि रोडवेज बस स्टेशन परिसर में पुलिस चौकी भी है, जहां अक्सर पुलिस मौजूद रहती है। इसके सामने इस तरह का कार्य होता है.

नकली दवा की सप्लाई में रोडवेज बस का इस्तेमाल

बनारस में गुरुवार को एसटीएफ ने कैंट रोडवेज के पीछे चर्च कालोनी से भारी मात्रा में नकली दवा बरामद की है। गिरफ्तार सरगना अशोक कुमार ने खुलासा किया कि गाजीपुर, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ समेत अन्य जनपदों में नकली दवा की सप्लाई के लिए रोडवेज बसों का इस्तेमाल करता था। बसों पर माल रखने वाले कुलियों को ज्यादा पैसा देकर वह आसानी से इस काम को अंजाम देता था। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा था.

अगर ऐसा है तो यह गंभीर मामला है। इसकी जांच कराई जाएगी और कार्रवाई भी होगी। पैसेंजर के साथ सामान की छूट है। बिना पैसेंजर सामान गैरकानूनी है। पूर्व में इस तरह के मामले सामने आने पर कार्रवाई भी की गई है। दिल्ली या लखनऊ की तरह हमारे बस स्टेशन पर सामान की जांच के लिए स्कैनर मशीन नहीं है। इसलिए सामान चेक करना संभव नहीं है.

गौरव वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज

Posted By: Inextlive