वेलडन बनारस
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस के लालबहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट बाबतपुर ने डिजी यात्रा (चेहरे से पहचान) के मामले में देश में अव्वल दर्जा हासिल किया है। मुसाफिरों के प्रतिदिन इस्तेमाल का आंकड़ा मई के अंत में 71 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह दिल्ली और बेंगलुरू से आगे है.
ये है हमारा आंकड़ा डिजी यात्रा में दिल्ली और बेंगलुरू को वाराणसी एयरपोर्ट ने पीछे छोड़ दिया है। एक दिसंबर 2022 से 30 मई तक एयरपोर्ट से कुल 5,20594 यात्रियों ने विभिन्न स्थानों के लिए प्रस्थान किया, जिसमें डिजी गेट से 1,72973 यात्री रवाना हुए। दिसबर में शुरुआती दौर में सिर्फ छह फीसद लोग लाभ ले रहे थे। अब अब लगातार डिजिटल उड़ान हो रही है, इसमें समय के साथ ही अनावश्यक जांच से बचा जा रहा है। नागर विमानन मंत्री ने बेहतर सुविधा की सराहना की है। क्या है डिजी यात्राइस सुविधा में यात्री को टर्मिनल के मुख्य द्वार गेट डी-2 पर डिजी गेट पर टिकट स्कैन करना होता है। आधार कार्ड, पासपोर्ट या अन्य कोई आईडी प्रस्तुत करनी होती है, रजिस्ट्रेशन के बाद डाटा सीआईएसएफ के सिस्टम में स्टोर होता है। फिर यात्री को डीजी यात्रा पहचान पत्र मिलता है, मोबाइल में डिजी एप डाउनलोड करना होता है। इसके बाद यात्री जब भी जाएगा, डिजी गेट पर अपना पीएनआर नंबर डालेगा, इससे डिजी गेट पर लगा कैमरा खुद खुल जाएगा। यात्री का चेहरा स्कैन होते ही डिजी गेट खुल जाएगा,
वाराणसी एयरपोर्ट पर यात्री डिजी यात्रा को पसंद किया जा रहा है। अब तक 60-70 प्रतिशत तक यात्री इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। लक्ष्य है कि जुलाई तक 100 प्रतिशत तक यात्री इस सुविधा का लाभ लें। अर्यमा सान्याल, निदेशक, वाराणसी एयरपोर्ट यहां गाजियाबाद से खा गए डिफीट मेरी लाइफ मेरा स्वच्छ शहर मुहिम के तहत रियूज, रिड्यूस और रिसाइकल (आरआरआर) सेंटर बनाने में वाराणसी को स्टेट में नंबर टू रैंक मिली है। गुरुवार को जारी रैंकिंग में गाजियाबाद ने पहला और मुरादाबाद ने तीसरा नंबर पाया है। ट्रिपल आर में पुराने कपड़ों से बने झोले, पुरानी किताबें, घर में पड़ी प्लास्टिक बोतलें, कार्टन, पुराने बर्तन, कटे-फटे कपड़ों को रियूज कर पुन: उसे उपयोग में लाया गया है। नगर निगम की ओर से जीआईजेड के सहयोग से शहर में विभिन्न स्थानों पर यह कार्य किया जा रहा है। कमियां कर रहे हैं दूरनगर आयुक्त शिपू गिरि ने कहा कि वाराणसी के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अन्य मानकों पर भी कार्य किया जा रहा है। नियमित रूप से समीक्षा कर कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। एनके सिंह ने बताया कि ट्रिपल आर के अन्तर्गत वाराणसी में पहला सेंटर फातमान रोड कूड़ा घर पर बनाया गया है। अन्य स्थानों पर भी इसे प्रारम्भ करने की प्रक्रिया चल रही है.
स्वच्छता अभियान में इसी तरह आगे भी लोगों का सहयोग मिलेगा। स्वच्छता बनाए रखने के लिए नगर निगम पूरी ताकत के साथ काम करेगा, जिससे स्वच्छ सर्वेक्षण में वाराणसी को अच्छी रैंकिंग मिले. अशोक तिवारी, मेयर