गोदौलिया मैदागिन मच्छोदरी समेत कई जगह भरता है बारिश का पानी बाजारों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था हो तो मिलेगा बड़ा फायदा बोले एक्सपर्ट यंग जनरेशन के लिए वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम जरूरी हर साल बनती है प्लानिंग मगर नहीं हो पाता कोई काम

वाराणसी (ब्यूरो)शहर में जब-जब बारिश होती है तो कई एरिया ताल-तलैया बन जाते हैं। ऐसे प्वाइंट करीब 42 हैं, जहां बारिश का पानी लग जाता है, जोकि धीरे-धीरे नालियों और नालों के सहारे निकलता है। इस बारिश के पानी को कोई सहेजने वाला नहीं है। जगह-जगह लगे बारिश के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए शोधन किया जाए तो पानी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। भू-जल का लेवल भी सुधर जाए। लेकिन, यहां के कई लोग समझते ही नहीं है कि रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम है क्या। इससे क्या लाभ होता है। इस सेक्टर में जो भी संस्थाएं या फिर गवर्नमेंट के लोग काम कर रहे हैं, उन्हें कैंप लगाकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति अवेयर करना होगा तभी आने वाले समय में इसका लाभ मिल सकता है.

42 स्थानों पर जलभराव

बारिश जब होती है तो सिटी के 42 स्थानों पर जलभराव होता है। इसमें गोदौलिया, गिरजाघर, गुरुबाग, मैदागिन, तुलसीपुर, महमूरगंज, विशेश्वरगंज, मच्छोदरी, अलईपुरा, नक्खीघाट, कोनिया, सरैया, बजरडीहा, भदैनी, नगवां, सरायसुर्जन समेत कई ऐसे जगह हैैं जहां बारिश का पानी लग जाता है जोकि निकलने में समय लगता है। यहां के लोग अगर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा लें तो जल संचय हो सकता है। इसका फायदा आने वाले दिनों में होगा.

गोदौलिया में लगना चाहिए हार्वेस्टिंग

गोदौलिया में सबसे अधिक जलभराव होता है। वहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगना चाहिए। इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए। इसके अलावा मच्छोदरी पर बारिश का पानी लगता है। शहर में चार-पांच स्थानों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लग जाए तो काफी हद जल का संचय किया जा सकता है।

संगठनों को आगे आना चाहिए

रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए शहर के सभी व्यापारिक संगठन हों या फिर सामाजिक, सभी को आगे आना चाहिए। क्योंकि जिस प्रकार भूजल स्तर नीचे जा रहा है। इसके लिए अभी से सभी लोगों को चेतना पड़ेगा। मुहल्ले, कालोनी के घरों के छतों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगा सकते हंै। इसकी पहल व्यापारिक संगठनों को सबसे पहले करना चाहिए। इसके प्रति लोगों को जागरूक भी करना चाहिए.

बीएचयू समेत सभी कॉलेज में हार्वेस्टिंग सिस्टम

शहर के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी समेत यूपी कालेज, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। इन संस्थाओं में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की संख्या और बढ़ाई जा रही है। सबमर्सिबल पंप का इस्तेमाल कम किया जा रहा है।

सभी को लगाना चाहिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग

वाराणसी में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम पर काफी कार्य होना चाहिए। अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैैं, जो इसके बारे में नहीं जानते। फ्यूचर जनरेशन के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। अभी शहर के चार होटलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की बात चल रही है। करखियांव के सभी इंडस्ट्री में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। एक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में ज्यादा खर्च नहीं आता है। करीब 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है। इसके लग जाने से जल संचय होता है.

कैंप लगाकर करें अवेयर

सरकार को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम समझाने के लिए जगह-जगह कैंप लगाना चाहिए। शहर में करीब 70 परसेंट ऐसे लोग हैं, जो रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में जानते ही नहीं है। ऐसे लोगों को इसके बारे में जानकारी देना जरूरी है। तभी वह अपने यहां लगाएंगे। भूजल स्तर काफी तेजी से खिसक रहा है। जिस प्रकार जल का स्तर गिर रहा है वह खतरे से कम नहीं है।

नालों के पानी को भी गंगा में जाने से रोकना होगा। शहर में गली हो या फिर सड़क, सभी आरसीसी और पत्थर के बना दिए गए हैं। ऐसे में जल का स्रोत भूगर्भ में नहीं हो पा रहा है.

प्रोयूके चौधरी, भूगर्भ जल विशेषज्ञ

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सभी को लगाना चाहिए। फ्यूचर को सेफ करने के लिए काफी जरूरी है। लोगों ने जितनी तेजी से सबमर्सिबल लगाया है, उतनी तेजी से रेन वाटर हारवेस्टिंग को नहीं लगाया है.

डादीपिका कुशवाहा, इनवायरसेंट कंसल्टेंट

जहां-जहां वाटर लागिंग क्षेत्र हैै, वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगना चाहिए। इसके सभी से अपील किया जाएगा कि वह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाएं.

प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष, महानगर उद्योग व्यापार समिति

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए सभी व्यापारियों को बताएंगे। मंडी में भी बारिश का पानी बर्बाद न हो, इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगना चाहिए.

प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल

अब जल संचय के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है क्योंकि भूगर्भ का जलस्तर नीचे जा रहा है। अब नहीं चेते तो काफी दिक्कत हो सकती है.

सोमनाथ विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष

बारिश का पानी नालों से होते हुए गंगा में जाकर गिरता है। इसे रोककर संचय करने की जरूरत है। शहर में अभी भी कई लोग हैैं, जोकि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में नहीं जानते.

अजय गुप्ता, अध्यक्ष, फर्नीचर व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive