भूल जाइए कि हर बार मिलेगी माफी
वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप भरपूर बिजली का इस्तेमाल करने के बाद भी लंबे समय से बिल जमा नहीं कर रहे हैं और अब ये सोच रहे हैं कि वन टाइम सेटलमेंट में आपको माफी मिल जाएगी तो इस भ्रम से बाहर आ जाइए। क्योंकि सरकार की ओर से बकाए बिल पर मिलने वाली माफी और ईएमआई में बिल जमा करने की सहूलियत हर बार नहीं मिलेगी। इसलिए आपके लिए मुनासिब यही होगा कि जितनी जल्दी हो अपने बकाए बिल को जमा कर दें, ताकि हर महीने लगने वाली चक्रवृद्धि ब्याज से बच सकें। अधिकारियों का कहना है कि हर साल दिसंबर, जनवरी तक ओटीएस यानि वन टाइम सेटलमेंट योजना लाई जाती है। लेकिन, इस बार इसे लेकर शासन स्तर से अभी तक कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ है। हो सकता है इस बार उपभोक्ताओं को यह लाभ न मिले।
योजना के चक्कर में लगाते हैं बकायाअधिकारियों की मानें तो बनारस में 10 हजार से ऊपर वाले 50 हजार ऐसे बकाएदार उपभोक्ता हैं, जो हर साल विभाग का बोझ बढ़ाने के साथ खुद का भी बोझ बढ़ाते हैं। ये इस उम्मीद में रहते हैं कि प्रदेश सरकार की ओर से मिलने वाली ओटीएस योजना के तहत उनका ब्याज तो माफ हो ही जाएगा। इनके बिल पर ब्याज लग भी जाए तो इन्हें फिक्र नहीं होती और एक साथ बकाया बिल न जमा कर किस्तों की जो सहूलियत मिलती है वो अलग। ये सब सुविधाएं मिलने की वजह से ही ज्यादातर लोग बकाया पर बकाया लगाते जाते हैं और जब योजना लांच होती है तो बिल जमा करने निकलते हंै.
बोझ बढऩे से पहले जमा कर दें बिल अधिकारियों का कहना हैं कि कई बार ऐसा भी हुआ है कि जब प्रदेश सरकार की ओर से इस योजना की घोषणा नहीं भी हुई है। इस बार भी ऐसे ही संकेत मिल रहे है। जिस योजना को दिसंबर व जनवरी तक लांच कर दिया जाता था, वो 6 महीने बीतने के बाद भी नहीं आया है। ऐसे में अब यही उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार योजना नहीं आएगा। इसलिए उपभोक्ता इस उम्मीद में न रहे कि उन्हें ओटीएस का फायदा मिलेगा ही। इससे बेहतर है कि बिल का बोझ बढऩे से पहले ही जमा कर दें. उपभोक्ताओं को क्या नुकसान होगाअगर किसी उपभोक्ता ने पिछले एक साल से बिल जमा नहीं किया है और उसका अब तक का बिल 50 हजार रुपए हो चुका है। ये 50 हजार सिर्फ यूनिट का नहीं, बल्कि उसमें हर महीने का ब्याज भी जुड़ा है। अगर कोई ओटीएस के इंतजार में अगले दो या तीन माह तक बिल नहीं जमा करता है तो ये एमाउंट बढ़कर 70 से 70 हजार रुपए तक भी हो सकता है। क्योंकि इस बकाए में यूनिट के साथ चक्रवृद्धि ब्याज का पैसा भी जुड़ जाएगा। इससे उपभोक्ताओं पर बोझ इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि इस बिल को जमा करने में उसके पसीने छूट जाएंगे। यहीं नहीं अगर समय से बिल जमा नहीं किए तो इनकी लाइन भी काट दी जाएगी।
दोनों को होगा फायदा एकमुश्त समाधान योजना के इंजतार में बिजली विभाग और इसके उपभोक्ता दोनों को नुकसान हो रहा है। अगर बकाएदार अभी अपने बकाया बिल का भुगतान कर देते हैं तो इससे दोनों को भी फायदा होगा। बिल जमा होने से जहां बिजली विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी होगी, वहीं उपभोक्ताओं को ब्याज की राशि नहीं देने पड़ेगी। साथ ही बिजली कटने से भी बच जाएंगे।यह जरूरी नहीं हैं कि हर साल ओटीएस स्कीम आए ही। कई बार ऐसा हुआ है, जब उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं भी मिला है, तो उपभोक्ता इसका इंतजार ना करें। अभी तक शासन स्तर से योजना को लेकर कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ है।
एके वर्मा, एसई-2, पीवीवीएनएल आज भी जमा होगा बिजली बिल बिजली बिल जमा करने के लिए नगरीय विद्युत वितरण मंडल द्वितीय के अधीन सभी खंड कार्यालयों के कैश काउंटर रविवार को भी खुलेंगे। सर्किल द्वितीय के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि कैश काउंटर सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक खुलेंगे। इस दौरान उपभोक्ता अपने बकाये का बिल जमा कर सकते हैं। चार दिन कैश काउंटर बंद रहने के कारण अवकाश के दिन भी काउंटर खोला गया है. लमही, सोयेपुर, खोजवां, सरायनंदन, सुंदरपुर में तीन घंटे कटौती बिजली लाइनों के निर्माण व पेड़ों की कटाई-छंटाई के चलते रविवार को खोजवां, सरायनंदन, सुंदरपुर, आशुतोष नगर, लमही, गोइठहां, सोयेपुर में सुबह 11 बजे से दो बजे तक बिजली कटौती की जाएगी.